38 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बेमौसम बरसात, अंधड़ और ओलावृष्टि से परेशान किसानों को तुरन्त राहत दिये जाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि प्रदेश का किसान इन दिनों बेमौसम बरसात, अंधड़ और ओलावृष्टि से परेशान है। उसकी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव इनके प्रति संवेदनशील हैं और वे किसानों को तुरन्त राहत दिये जाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं।

सरकारी मशीनरी को भी पूरी तेजी से इस काम में लगा दिया गया है। किन्तु खेद है कि इस त्रासद स्थिति का भी बेजा राजनीतिक फायदा लेने के लिए कुछ विरोधी सक्रिय हैं। खुद कुछ करने के बजाय कोई मुख्यमंत्री जी को पत्र लिख रहा है तो कोई यह बताते नहीं थक रहा है कि उसकी अंतर आत्मा हिलने लगी है।
          उत्तर प्रदेश में पिछले तीन वर्शो में समाजवादी सरकार ने किसान, गाॅव और खेती को ही प्राथमिकता में रखा है। 2015-16 के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 75 प्रतिशत धनराशि रखी गई है। इस वर्ष को ‘‘किसान वर्ष’’ भी घोषित किया गया। समाजवादी सरकार ने 7,57,000 किसानांे का 1779 करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया। किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा देने के साथ उनकी बंधक जमीन की नीलामी पर भी रोक लगाई है। किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए 150 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई।
           जिन किसानों की प्राकृतिक आपदा से फसलें नष्ट हुई हैं उनको तत्काल राहत पहुॅचाने के लिए मुख्यमंत्री जी ने 200 करोड़ रूपए की धनराशि आवंटित की है। इसके अलावा भी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे किसानों को मदद देने के काम मेें तेजी लाएं। धन की कमी उसमें बाधक नहीं होनी चाहिए। ढाई करोड़ किसानों को 05 लाख रूपए किसान बीमा का लाभ दिया गया है। इस योजना के लिए प्रदेश के बजट में 600 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है। किसानों को सीधे उपभोक्ताओं को अपने उत्पाद विक्रय की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 04 जनपदों लखनऊ, इटावा, मैनपुरी तथा झाॅसी में किसान बाजार की स्थापना का निर्णय है। झाॅसी में निर्माण कार्य पूरा है और लखनऊ-इटावा में किसान बाजार निर्माणाधीन है।
           किसानों के द्वारा कड़ी मेहनत से अपनी फसलों को उगाया जाता है और सरकार का यह फर्ज बनता है कि उनको उपज का सही मूल्य मिले। इसके लिए गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1400 रूपए प्रति कुंतल तय किया गया है। मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत 45 लाख मीट्रिक टन गेहॅू के क्रय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गेहूॅ की खरीद हेतु प्रदेष में 5045 क्रय केन्द्र स्थापित किए गये हैं। खरीफ वर्ष 2014-15 में धान की खरीद के लिए 2386 क्रय केन्द्र खोले गए हैं।
           मुख्यमंत्री जी मानते हैं कि गन्ना किसानों के हितों का संरक्षण प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान हेतु 1152 करोड़ रूपए दिए गये हैं। समाजवादी सरकार ने इससे पूर्व गन्ना समर्थन मूल्य 40 रूपए पहले से बढ़ा दिया था। चीनी के भावों में गिरावट और मिल मालिकों के दबाव को दरकिनार कर मुख्यमंत्री जी ने गन्ना किसानों के हितों की रक्षा की है। किसानों के पक्ष में इतना काम होने के बावजूद जो आज भी किसानों के साथ सहानुभति दिखा रहे हैं, वस्तुतः वे किसानों के हितैषी कैसे हो सकते है ?

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More