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निवेश को लेकर आ रही परेशानियों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाए- मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) स्थित सी0एम0 कमाण्ड सेण्टर से प्रदेश के समस्त जनपदों के अधिकारियों के साथ राजस्व मामलों की उच्चस्तरीय समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस समीक्षा बैठक में प्रदेश के सभी मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, एस0एस0पी0/एस0पी0 तथा सभी तहसीलों से एस0डी0एम0 और तहसीलदार जुड़े रहे।
मुख्यमंत्री जी ने राजस्व मामलों के निस्तारण की स्थिति की समीक्षा करते हुए बलिया, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोण्डा और मऊ जनपदों के जिलाधिकारियों को उनके यहां लम्बित मामलों को जल्द से जल्द शून्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि  पैमाइश, वरासत, उत्तराधिकार/नामान्तरण, कृषिक भूमि का गैर-कृषिक भूमि में परिवर्तन आदि प्रकरणों का नियत समय में निस्तारण किया जाए। राजस्व मामलों के निस्तारण में खराब प्रदर्शन वाले जिलों के जिलाधिकारियों को उन्होंने अपने जनपदों में लम्बित मामलों का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों से सम्बन्धित सभी कर्मचारियों की हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाए और लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के दौरान जनपद को मिले निवेश प्रस्तावों के सम्बन्ध में उन्होंने जिलाधिकारियों को निवेशकों से सम्पर्क करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपदों में निवेश रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम है, इसलिए निवेशक छोटा हो या बड़ा उसके निवेश को लेकर आ रही परेशानियों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में बैरियर बनने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को तुरन्त कार्यमुक्त करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर उपलब्ध सेवाओं यथा जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और हैसियत प्रमाण पत्रों के लम्बित मामलों को लेकर जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे खुद अपने-अपने जिलों की तहसीलों की समीक्षा करें और प्रमाण पत्रों को तय समय में प्रदान न करने वाले सम्बन्धित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री जी ने स्वामित्व योजना, बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबन्धन, चकबंदी के लम्बित मामलों एवं आई0जी0आर0एस0 तथा सी0एम0 हेल्पलाइन की मासिक रैंकिंग की समीक्षा की। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में प्रत्येक कार्य दिवस पर हर स्तर पर जनसुनवाई सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक अपने-अपने कार्यालयों में प्रतिदिन जनसुनवाई करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तहसील और थानों की कार्यप्रणाली को और सुधारने की आवश्यकता है। सुनवाई के दौरान जनता के साथ दुर्व्यवहार अस्वीकार्य है। ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मामलों का निस्तारण तय समय-सीमा में हो, इसके लिए जिलाधिकारी मैकेनिज्म तैयार करें। भू-माफिया और खनन माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। एण्टी भू-माफिया सेल को पूरी तरह से एक्टिवेट किया जाए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को दीपावली से पूर्व, प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए।
बैठक में राजस्व राज्यमंत्री श्री अनूप प्रधान ‘वाल्मीकि’, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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