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हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों के हुनर को आगे बढ़ाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही- मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि जो भी परिश्रम और पुरुषार्थ करेगा, उसके लिए दुनिया का कोई भी कार्य असम्भव नहीं है। हमारे कारीगर तथा हस्तशिल्पी परिश्रम करते हैं और अपना बेहतर से बेहतर करने का प्रयास करते हैं। उन्हें इस प्रकार का प्लेटफॉर्म चाहिए होता है। ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ तथा ‘एक जनपद एक उत्पाद’, योजना हमारे परम्परागत कारीगरों, हस्तशिल्पियों तथा उद्यमियों को आगे बढ़ाने का एक प्लेटफॉर्म तथा अवसर है। इसमें बैंकर्स की भी बड़ी भूमिका है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में विश्वकर्मा जयन्ती की पूर्व संध्या पर ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के अन्तर्गत टूल किट वितरण तथा एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र हेतु 50 हजार करोड़ रुपये के मेगा ऋण वितरण समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ तथा ओ0डी0ओ0पी0 योजना के 14 लाभार्थियों को टूल किट का वितरण तथा एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र के 12 उद्यमियों को ऋण के प्रतीकात्मक चेक प्रदान किए। मुख्यमंत्री जी ने भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। इस अवसर पर एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र के विकास पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। समारोह का वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के सभी 75 जनपदों में प्रसारण किया गया। सभी जनपदों में ऋण वितरण के कार्यक्रम आयोजित किए गए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों को भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद हुनर के रूप में प्राप्त है। आपके हुनर को आगे बढ़ाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग का निर्माण किया जा रहा है, जिससे अच्छी पैकेजिंग के माध्यम से आपके प्रोडक्ट देश व दुनिया में पहुंच सकें। डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट बन रहे हैं, जिससे नए डिजाइन उपलब्ध हो सकें। मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी उद्यमी, कारीगर तथा हस्तशिल्पी प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में परम्परागत उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ (ओ0डी0ओ0पी0) की शुरुआत की गई थी। यह उत्तर प्रदेश की एक अभिनव योजना है। इस योजना ने प्रदेश के परम्परागत हुनर को एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के साथ ही उत्तर प्रदेश को निवेश के एक बेहतरीन गन्तव्य के रूप में स्थापित किया है। इस योजना ने परम्परागत उद्योगों में जान फूंकी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 योजना के माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार से जोड़ा गया। आज यह योजना पूरे देश की योजना बन गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस योजना को ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ की आधारशिला माना है। यह ‘नए भारत का नया उत्तर प्रदेश’ है। नए भारत का नया उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री जी के विजन को जमीनी धरातल पर उतारता है।
मुख्यमंत्री जी ने सभी को भगवान विश्वकर्मा की पावन जयंती के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि सृष्टि के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा और नए भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री जी का जन्मदिवस एक ही दिन पड़ रहा है। भगवान विश्वकर्मा ने इस सृष्टि की रचना की है, वहीं प्रधानमंत्री जी ने नए भारत के 140 करोड़ लोगों के जीवन में परिवर्तन करने के लिए अपने व्यापक विजन के माध्यम से देश को एक नई दिशा की ओर अग्रसर किया है। प्रधानमंत्री जी कल एक बड़ी योजना का शुभारम्भ करेंगे। यह योजना हस्तशिल्पियों और कारीगरों के लिए अत्यंत उपयोगी होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोई भी बड़ा उद्यम अथवा उद्योग तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक उसके पास एम0एस0एम0ई0 का एक बेहतरीन क्लस्टर  उपलब्ध न हो। उत्तर प्रदेश इस दृष्टि से सौभाग्यशाली है कि यहां एम0एस0एम0ई0 का बहुत बड़ा आधार परम्परागत रूप से मौजूद था, लेकिन वह उपेक्षित था, बंदी के कगार पर था और दम तोड़ रहा था। वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश में परम्परागत उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ प्रारम्भ की गई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से ही प्रदेश सरकार ने अपने गांव तथा कस्बों में निवास करने वाले परम्परागत शिल्पियों व कारीगरों को उनके श्रम का उचित सम्मान देने के लिए ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ की शुरुआत की। अब तक 01 लाख से अधिक ऐसे कारीगरों तथा हस्तशिल्पियों को इस योजना के माध्यम से आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। इसके लिए उनका प्रशिक्षण किया गया। उन्हें टूलकिट उपलब्ध कराते हुए प्रोत्साहित किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांव में सामान्य रूप से पेड़ के नीचे अथवा खुले में बाल काटने वाला नौजवान यदि सैलून में यह कार्य करे तो उसकी आय बढ़ जाएगी। इसी प्रकार यदि हम अपने बढ़़ई को समय के अनुरूप डिजाइन उपलब्ध करायें, उन्हें तकनीक से जोड़े तथा उन्हें टूलकिट उपलब्ध करा दें, तो उनके हुनर को भी वैश्विक पहचान मिल सकती है। ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ श्रम को सम्मान देने का ही कार्यक्रम है। कल पूरे देश में यह योजना ‘पी0एम0 विश्वकर्मा’ के रूप में लागू होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक बड़े उद्यम की स्थापना के लिए भूमि की व्यवस्था करनी होती है, अनेक सुविधाएं देनी होती हैं, जबकि एम0एस0एम0ई0 के उद्यमों की स्थापना के लिए सरकार को बहुत बड़े प्रयास नहीं करने होते हैं। एम0एस0एम0ई0 से जुड़े किसी भी कार्य को व्यक्ति अपने छोटे से स्थान में ही आगे बढ़ा सकता है। इसमें पूंजी भी कम लगती है। यदि एम0एस0एम0ई0 के उद्यमियों को सुविधा दी जाए, तो वह अन्य लोगों के रोजगार के भी माध्यम बन सकते हैं। आज इस क्षेत्र में महिलाएं भी पीछे नहीं है। वे भी प्रशिक्षण से जुड़ी हैं तथा उन्हें भी टूलकिट वितरित किए गए हैं। उन्हें ऋण भी उपलब्ध कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने एम0एस0एम0ई0 विभाग तथा राज्य के सभी बैंकर्स को धन्यवाद देते हुए कहा कि किसी भी उद्यम की स्थापना के पहले दिन से ही मुनाफा नहीं आता है। ऐसे उद्यमी बैंक का कर्ज पूरा कर सकें, इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। एम0एस0एम0ई0 विभाग ऐसे उद्यमियों को डिजिटल पेमेण्ट से जोड़े। प्रशिक्षण अवधि के दौरान ऐसे लोगों को एक निश्चित मानदेय दिया जाता है। ट्रेनिंग के उपरान्त उन्हें सर्टिफिकेट और टूल किट उपलब्ध कराया जाता है। उन्हें लोन मेले के माध्यम से लोन उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है। अगर डिजिटल पेमेंट के माध्यम से व्यक्ति ने अपनी किश्त समय पर जमा की है, तो लोन पर लगने वाले ब्याज में राज्य सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जानी चाहिए। यह हमारे हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों के प्रोत्साहन के लिए बहुत अच्छा होगा। इसके माध्यम से बैंकों को भी अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एम0एस0एम0ई0 ने उत्तर प्रदेश को एक पहचान दी है। इसने उत्तर प्रदेश से एक्सपोर्ट बढ़ाने में मदद की है और रोजगार सृजन में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है। कोरोना काल में लॉकडाउन के समय लगभग 40 लाख श्रमिक व कामगार प्रदेश में वापस आए थे। उन्हें प्रदेश की एम0एस0एम0ई0 यूनिट में ही समायोजित किया गया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की 58 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय का निर्माण किया जा चुका है। इनके निकट एक हाट का निर्माण किया जाना चाहिए। इनमें अलग-अलग प्रकार के कारीगरों के लिए जगह निर्धारित करनी चाहिए। इससे उनके कार्य को नियमितता मिलेगी। प्रदेश में कॉमन फैसिलिटेशन सेण्टर बनाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया है। इस पर तेजी के साथ कार्य किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन सभी कार्यों में बैंकर्स की बड़ी भूमिका है। पिछले 05-06 वर्षों में उत्तर प्रदेश का ऋण जमा अनुपात 10 से 11 प्रतिशत बढ़ा है। इसे वर्तमान के 55-56 फ़ीसदी से बढ़ाकर 60 से 62 फ़ीसदी करने के लक्ष्य पर कार्य करना होगा। इसके लिए बड़े पैमाने पर रोजगार मेलों का आयोजन किया जाना चाहिए। प्रशिक्षण के साथ ही डिजिटल पेमेंट से भी लोगों को जोड़ा  जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश निवेश के एक नए गंतव्य के रूप में आगे बढ़ा है। लगभग 36 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश में प्राप्त हुए हैं। उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल का पहला संयंत्र भी लगने जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने हिंदुजा ग्रुप के साथ एम0ओ0यू0 किया है। हिंदुजा ग्रुप 1500 करोड़ रुपए की पूंजी का निवेश यहां करेगा, जिसके माध्यम से इलेक्ट्रिक व्हीकल का निर्माण किया जाएगा। इससे अनेक लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा। यह प्रदूषण मुक्त परिवहन की व्यवस्था देने में भी सफल होगा। इसी प्रकार अलग-अलग सेक्टर में निवेश के लिए लोग आना चाहते हैं। हमें इसके लिए अपनी तैयारी करनी होगी। ट्रेनिंग के साथ ही नौजवानों को लोन भी उपलब्ध कराना होगा। राज्य सरकार इसमें सहयोगी भूमिका में होगी, जिससे बैंकों का लोन न फंसे और जरूरतमंद को लोन भी उपलब्ध हो जाए।
इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री राकेश सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का संकल्प लिया है। इसमें एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र की अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर सतत् उन्नति कर रहा है। ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ तथा ओ0डी0ओ0पी0 योजना ने लाखों लोगों को रोजगार से जोड़ा है। आज उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों के विशिष्ट उत्पादों की देश व दुनिया में पहचान बनी है।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री अमित मोहन प्रसाद, रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के क्षेत्रीय निदेशक श्री बालू केनचप्पा, सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री प्रांजल यादव, भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबन्धक श्री शरद एस0 चाण्डक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एस0एल0बी0सी0) के राज्य समन्वयक श्री समीर रंजन पण्डा, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि, एम0एस0एम0ई0 उद्यमी, हस्तशिल्पी तथा कारीगर उपस्थित थे।

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