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मंत्रिमंडल ने भारत और ब्रुनेई दारुस्सलाम के बीच करों से संबंधित उगाही में सूचना आदान-प्रदान और सहायता के लिए समझौते पर हस्‍ताक्षर और पुष्टि को मंजूरी दी

देश-विदेशव्यापार

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ब्रुनेई दारुस्सलाम के बीच करों की उगाही में सूचना आदान प्रदान और सहायता के लिए समझौते पर हस्‍ताक्षर और समझौते की पुष्टि को मंजूरी दे दी है। 

विवरण :

  1. यह समझौता भारत और ब्रुनेई दारुस्सलाम के सक्षम प्राधिकारों को प्रशासन तथा करों के संबंध में दोनों देशों के घरेलू कानूनों को लागू करने के लिए सूचना आदान – प्रदान के माध्‍यम से सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
  2. समझौते के अंतर्गत प्राप्‍त सूचना गोपनीय होगी। सूचना केवल उन व्‍यक्तियों और प्राधिकारों (न्‍यायालय और प्रशासनिक निकाय सहित) को प्रकट की जा सकती है जो निर्धारण, संग्रहण ,कानून लागू करने, मुकदमा चलाने या समझौते के अंतर्गत कवर किये गये करों के संबंध में अपीलों के निर्धारण से जुड़े हैं। सूचना किसी भी व्‍यक्ति या कंपनी या प्राधिकार या क्षेत्राधिकार को सूचना भेजने वाले देश की पूर्व लिखित सहमति के साथ प्रकट की जा सकती है।
  • समझौते में मामलों की श्रेणियों के संबंध में भारत और ब्रुनेई के बीच स्‍वत: सूचना आदान – प्रदान का प्रावधान है।
  1. समझौता दोनों देशों द्वारा दावा किये गये कर राजस्‍व की वसूली में सहायता का प्रावधान करता है।
  2. समझौते में किसी तरह का मतभेद सुलझाने के लिए या समझौते के अंतर्गत प्रक्रियाओं पर सहमत होने के लिए पारस्‍परिक समझौता प्रक्रिया का प्रावधान है।
  3. समझौता दोनों देशों के संबंधित कानून द्वारा आवश्‍यक समझी गई प्रक्रियाओं के पूरा होने की अधिसूचना तिथि से लागू होगा। 

यह समझौता कर उद्देश्‍यों के लिए भारत और ब्रुनेई के बीच सूचना आदान प्रदान की गति को बढ़ावा देगा जिससे कर चोरी और करों को टालने की प्रवृत्ति पर अंकुश रखने में सहायता मिलेगी। समझौता दोनों देशों द्वारा किये गये राजस्‍व वसूली संग्रह दावों में सहायता देगा।

इस तरह समझौते में किसी तरह की वित्‍तीय जटीलता नहीं है। समझौते की धारा 9 के अनुसार 500 अमेरिकी डॉलर से अधिक असाधारण लागत की स्थिति में इसका वहन भारत सरकार द्वारा किया जायेगा। कर सूचना आदान प्रदान के अन्‍य समझौतों में भी भारत के लिए इसी तरह का प्रावधान है।

पृष्‍ठभूमि :

आयकर अधिनियम, 1961 के अनुच्‍छेद 90 के अंतर्गत केन्‍द्र सरकार कर चोरी निवारण के लिए, आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत लगाये जाने वाले आयकर को टालने से रोकने के लिए किसी बाहरी देश या निर्दिष्‍ट भू-भाग के साथ समझौता करने के लिए प्राधिकृत है। करों के संबंध में सूचना आदान प्रदान समझोते के लिए ब्रुनेई में 11 जनवरी 2017 तक बातचीत हुई। इसके बाद भारत और ब्रुनेई दारुस्सलाम की सरकारें समझौते के पाठ पर सहमत हुईं।

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