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71244 प्रारंभिक स्कूलों में 94 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ

देश-विदेश

बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में तीन माह के भीतर 94 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी। दरअसल बिहार के 71,244 सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में करीब 94 हजार पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।

शिक्षा विभाग का प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय शीघ्र ही 42 हजार 606 प्राथमिक, 28,638 मध्य विद्यालय और 391 बुनियादी विद्यालयों में शिक्षकों के नियोजन का कार्यक्रम जारी कर सकता है। इस नियोजन में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से 18 माह का सेवाकालीन डिप्लोमा इन एलिमेन्ट्री एजुकेशन (डीईएलएड) कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को नियोजन में शामिल होने का मौका मिलेगा। नियोजन की पूरी प्रक्रिया तीन माह में पूरी कर ली जाएगी।

उच्चस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद और केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को स्वीकारते हुए 18 महीने के डीईएलएड डिग्रीधारियों को नियोजन प्रक्रिया का हिस्सा बनाने का फैसला कर लिया है। अगले एक सप्ताह में नियोजन का शिड्यूल तैयार हो जाएगा। उसपर अपर मुख्य सचिव आर के महाजन और शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा की सहमति मिलने के बाद नियोजन की कार्रवाई आरंभ हो जाएगी। हालांकि उसके पहले शिक्षा विभाग पटना हाईकोर्ट के फैसले पर दायर पुनर्विचार याचिका वापस लेगा।

रिव्यू पेटिशन वापस लेने के लिए राज्य सरकार के विधि विभाग से भी शिक्षा विभाग को स्वीकृति लेनी होगी। इन तमाम प्रक्रियाओं के बाद नियोजन का कार्यक्रम आएगा जिसमें 18 माह का डीईएलएड कोर्स करने वाले शिक्षक पात्रता परीक्षा पास योग्य अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए 20 दिन का समय दिया जाएगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डा. रंजीत कुमार सिंह के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन के लिए आवेदन कर दिया है उन्हें फिर से आवेदन करने की कोई जरूरत नहीं होगी।

हाईकोर्ट ने 22 जनवरी को दिया था आदेश
शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से 18 माह के डीएलएड प्रशिक्षण की मान्यता को लेकर परामर्श के उपरांत सभी नियोजन इकाइयों को 11 सितम्बर 2019 को निर्देश दिया था कि इस प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की मान्यता प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन के लिए नहीं है। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के इस निर्देश को पटना हाईकोर्ट में संजय कुमार यादव एवं अन्य ने चुनौती दी। मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 22 जनवरी 2020 को आदेश पारित कर प्राथमिक निदेशालय के 11 सितम्बर के आदेश को रद्द (सेट एसाइड) करते हुए वादीगण को शिक्षक के पद पर नियोजन हेतु आवेदन देने के लिए एक माह की अवधि निर्धारित कर दी।

11 फरवरी को तत्काल कर दिया था नियोजन स्थगित
शिक्षा विभाग ने पटना हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद 7 फरवरी को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद को पत्र भेजा। अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने एनसीईआरटी के चेयरमैन को पत्र भेजकर 18 माह के डीईएलएड कोर्स को नियोजन में मान्यता देने को लेकर पटना हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एनसीटीई के जवाब के बाद ही शिक्षा विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने 11 फरवरी 2020 को प्रारंभिक शिक्षक नियोजन को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया था। हाल ही एनसीईआरटी ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को मानते हुए इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को भी दे दी थी।

11 महीने पहले आरंभ हुई थी नियोजन की कार्रवाई
94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन को लेकर शिक्षा विभाग ने 5 जुलाई 2019 को अधिसूचना जारी की थी और 25 जुलाई से इसकी प्रक्रिया आरंभ हो गयी थी। 11 फरवरी 2020 को जब नियोजन की कार्रवाई स्थगित हुई तब जिला द्वारा पंचायत एवं प्रखंड की मेधा सूची का अनुमोदन चल रहा था। इसके लिए 24 फरवरी तक की तारीख तय थी। मेधा सूची का अंतिम प्रकाशन 25 जनवरी तक ही होना था। 29 फरवरी तक मेधा सूची सार्वजनिक होती और 31 मार्च के पहले चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच कर उन्हें नियोजन पत्र दिया जाना था। hindustan

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