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यातायात व्यवस्था के संबंध में बैठक करते हुएः मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: राज्य के शहरी क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था में तीन माह में सुधार लाने के लिए फुलप्रूफ प्लान तैयार किया जाए। इसके साथ ही मध्यकालीन व

दीर्घकालीन प्लान भी तैयार किए जाएं। विभिन्न स्थानों के लिए पृथक माॅडल ट्रेफिक कंट्रोल सिस्टम बनाए जाएं। चालान सिस्टम को सीसीटीवी से जोड़ा जाए। ट्रेफिक सुधार में लोगों के सहयोग के लिए सप्ताह भर जागरूकता अभियान संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार व देहरादून जिलों के प्रमुख शहरी क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि अगले वर्ष के बजट में ट्रेफिक सुधार के लिए धनराशि बढ़ाई जाएगी। पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू  ट्रेफिक कंट्रोल व मेनेजमेंट के लिए आवश्यक मेनपावर की व्यवस्था करें। मुख्य सचिव प्रदेश में ट्रेफिक मेनेजमेंट की नियमित तौर पर समीक्षा करें और विभिन्न विभागों में समन्वय स्थापित करें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ट्रेफिक चालान के सिस्टम में सीसीटीवी का उपयोग भी किया जाए। जहां-जहां सीसीटीवी स्थापित हैं वहां साईनेज लगाए जाएं कि ‘‘आप सीसीटीवी की निगरानी में हैं’’। जो व्यक्ति सीसीटीवी से यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं उन पर जुर्माना अवश्य किया जाए। बिना हेलमेट की ड्राईविंग को हतोत्साहित करने के लिए चालान की प्रति में वाहन दुर्घटनाओं के चित्र प्रकाशित किए जाएं। उचित संख्या में ट्रेफिक लाईटें न केवल लगाई जाएं बल्कि इनका लगातार उपयोग भी सुनिश्चित किया जाए। ट्रेफिक लाईटों को संचालित करने का काम किसी एक सरकारी संस्था को दिया जाए जबकि इनके माध्यम से विज्ञापन से प्राप्त आय नगर निगम को मिलेगी। सड़कों पर स्थित बिजली के खम्भों को हटाया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि एडीबी अब शहर में खुदाई का काम बंद करेगा और पहले जहां भी खुदाई कर रखी है वहां के काम को पूरा करे। एडीबी के अधिकारी क्षेत्रवार काम करेंगे। वे एसएसपी को बता दें कि अमुक दिनों में उनके द्वारा कहां काम किया जाएगा। एसएसपी वहां के रूट को 1-2 दिनों के लिए डायवर्ट की व्यवस्था करेंगे ताकि निश्चित मार्ग पर काम पूरा हो सके। एक सड़क का काम पूरा होने पर ही दूसरी सड़क पर काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हल्द्वानी, कालाढूंगी व भवाली से आने वाले वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थल चिन्हित कर लिए जाएं। वहां से शटलर सेवा प्रारम्भ की जा सकती है। हल्द्वानी में खनन सामग्री लाने वाले डम्परों से यातायात बाधित होता है, इनके लिए गौला नदी के समानांतर काठगोदाम से लालकुंआ तक अलग मार्ग विकसित किया जाए। रूद्रपुर, काशीपुर, देहरादून, हरिद्वार में ट्रेफिक सुधार के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में औद्योगिक इकाइयों से सीएसआर के तहत सहयोग लिया जा सकता है। हरिद्वार जिले में रूड़की व भगवानपुर पर भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। देहरादून में पीक अवर्स विशेष तौर पर स्कूलों की छुट्टी के समय गाडि़यों की आवाजाही को कम किए जाने की आवश्यकता है। इसमें सरकारी वाहनों को भी शामिल किया जाए। पुलिस विभाग इसकी एडवाईजरी जारी कर प्रचारित करे। राजनीतिक दलों के साथ वार्ता कर धरना प्रदर्शन के लिए ऐसी जगह चिन्हित कर दी जाए जो कि सुविधाजनक भी हो और यातायात भी बाधित न हो। शोभायात्राओं के आयोजकों से विचार विमर्श कर नगर यात्राओं व परिक्रमा के लिए रूट निर्धारित कर दिया जाए।

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