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उर्वरक गुणवत्‍ता नियंत्रण प्रणाली (एफ क्‍यू सी एस)

देश-विदेश

नई दिल्ली: उर्वरक मिट्टी की कृषि उत्‍पादकता को उत्‍प्रेरित करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसानों के लिए गुणवत्‍तायुक्‍त उर्वरकों की उपलब्‍धता सुनिश्‍चित करने के लिए, उर्वरक को 1957 में आवश्‍यक वस्‍तु के रूप में उद्घोषित किया गया था

तथा आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम उत्‍पाद अधिनियम (ई सी ए) 1955 के खंड 3 के तहत मार्च, 1957 में देश में उर्वरकों की गुणवत्‍ता, व्‍यापार और वितरण विनियमित करने तथा देश में उर्वरकों के वितरण के लिए उर्वरक (नियंत्रण) आदेश (एफ सी ओ) लागू किया गया था। एफ सी ओ को 1985 में संशोधित करके पुन: अधिनियमित किया गया था।

एफ सी ओ में देश में विनिर्मित या आयातित तथा बेचे जाने वाले गए उर्वरकों के विशिष्‍टीकरण; उर्वरक विनिर्माताओं, आयातकों तथा डीलरों का अनिवार्य पंजीकरण; उर्वरकों के नमूना एकत्रीकरण तथा विश्‍लेषण की पद्धति; उर्वरक निरीक्षको की नियुक्‍ति; उर्वरक गुणवत्‍ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं की स्‍थापना तथा जो उर्वरक एफ सी ओ के प्रावधान के अनुरूप नहीं हैं, उनके निर्माण/आयात तथा विक्रय पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है।

इस समय देश में 78 अधिसूचित उर्वरक गुणवत्‍ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं (एफक्‍यूसीएल) हैं। इनमें से 4 प्रयोगशालाएं, यथा केंद्रीय उर्वरक गुणवत्‍ता नियंत्रण एवं प्रशिक्षण संस्‍थान (सीएफक्‍यूसीएंडटीआई) तथा इसकी 3 क्षेत्रीय उर्वरक नियंत्रण प्रयोगशालाएं नवी मुंबई, चेन्‍नई तथा कल्‍याणी में स्‍थित हैं जो केंद्र सरकार के नियंत्रणाधीन हैं तथा शेष विभिन्‍न राज्‍य सरकारों के नियंत्रणाधीन हैं।

भारत अपनी मांग को पूरा करने के लिए विभिन्‍न उर्वरकों का भारी मात्रा में आयात करता है। यूरिया की लगभग 25 से 30 %, डीएपी की 90% तथा एमओपी की 100 % आवश्‍यकता आयात द्वारा पूरी की जाती है। केंद्रीय उर्वरक गुणवत्‍ता नियंत्रण एवं प्रशिक्षण संस्‍थान तथा इसकी तीनों क्षेत्रीय उर्वरक नियंत्रण प्रयोगशालाओं को आयातित उर्वरकों की गुणवत्‍ता की जांच का उत्‍तरदायित्‍व सौंपा गया है। राज्‍य सरकारों की प्रयोगशालाएं विनिर्माण इकाइयों, खुदरा /थोक विक्रेताओं, गोदामों आदि जैसे स्‍वदेशी स्रोतों से नमूने एकत्र कर उर्वरकों की गुणवत्‍ता की जांच करती है।

उर्वरक गुणवत्‍ता नियंत्रण प्रणाली (एफ क्‍यू सी एस) वेब आधारित समरूप कार्यप्रवाह अनुप्रयोग है जिसे नमूना एकत्रीकरण, परीक्षण तथा मूल्‍यांकन रिपोर्ट तैयार करने के लिए एन आई सी द्वारा विकसित किया गया है। इस अनुप्रयोग तक यूआरएल को http://www.fqcs.dac.gov.in. से पहुंचा जा सकता है।

केंद्रीय उर्वरक गुणवत्‍ता नियंत्रण एवं प्रशिक्षण संस्‍थान तथा क्षेत्रीय उर्वरक नियंत्रण प्रयोगशालाओं के उर्वरक निरीक्षक एफसीओ में निर्धारित नमूना एकत्रीकरण प्रक्रियाओं के अनुसार पोर्ट पर आयातित उर्वरकों के नमूने एकत्र करते हैं, नमूने को एक कोड नंबर देते हैं जो फॉर्म ‘’जे’’ पर आयातक से पावती प्राप्‍त करते हैं, जिसे नमूना फार्म ‘’के’’ के साथ केंद्रीय कोडिंग कार्यालय (केंद्रीय उर्वरक गुणवत्‍ता नियंत्रण एवं प्रशिक्षण संस्‍थान) को भेजा जाता है। केंद्रीय कोडिंग अधिकारी इस नमूने को नया कोड नंबर देता है तथा प्रयोगशाला में विश्‍लेषण हेतु नमूना भेजता है। इससे नमूनों की गोपनीयता और अनामिकता सुनिश्चित होती है। इस नमूने का योग्‍य विश्‍लेषकों द्वारा विश्‍लेषण किया जाता है तथा संबंधित प्रयोगशाला इंचार्ज को रिपोर्ट भेजी जाती है। प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट की प्राप्‍ति पर केंद्रीय कोडिंग कार्यालय वास्‍तविक कोड संख्‍या को डिकोड करता है तथा फॉर्म एल में जांच रिपोर्ट तैयार करता है। इसके पश्‍चात सभी संबंधित एजेंसियों को जांच रिपोर्ट भेजी जाती है।

एफ क्‍यू सी एस से अधिकतर मेन्‍यूअल गतिविधियों, जिन्‍हें ऊपर सूचीबद्ध किया गया है, के स्‍वचालन को बढ़ावा मिलेगा तथा इससे नमूनों की स्‍थिति की ऑनलाइन ट्रेकिंग करने में सहायता मिलेगी। फॉर्म ‘’जे’’ में नमूनों के विवरण की प्रविष्‍टि के लिए निरीक्षकों को, पोर्ट पर मौजूद होते हुए भी, समर्थ बनाने के लिए मोबाइल एप्‍लीकेशन प्रदान की गई है । सुरक्षा के उद्देश्‍य से प्रणाली में प्रयोक्‍ताओ के लिए भूमिका आधारित पहुंच तथा नमूनों की कंप्‍यूटर सृजित कोड संख्‍या प्रदान की गई है।

पहले चरण में, प्रणाली को केंद्रीय प्रयोगशाला गुणवत्‍ता नियंत्रण एवं प्रशिक्षण संस्‍थान तथा इसके 3 क्षेत्रीय उर्वरक नियंत्रण प्रयोगशालाओं में कार्यान्‍वित किया जाएगा। धीरे धीरे, इस प्रणाली का सभी राज्‍य गुणवत्‍ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं में विस्‍तार किया जाएगा।

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