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भारत के सामाजिक-आर्थिक पुनरुत्थान के सबसे प्रमुख वास्तुकारों में एक थे श्री अरुण जेटली: उप राष्ट्रपति

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने नई दिल्ली में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री स्वर्गीय श्री अरुण जेटली की स्मृति में आयोजित एक प्रार्थना सभा में भाग लिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्री नायडू ने स्वर्गीय श्री अरुण जेटली को श्रद्धांजलि देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और कहा कि श्री जेटली उनके करीबी सहयोगी और प्रिय मित्र थे। उन्होंने कहा ‘जेटली जी को हमेशा भारत के सामाजिक-आर्थिक पुनरुत्थान के सबसे प्रमुख वास्तुकारों में से एक के रूप में याद किया जाएगा।’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि श्री अरूण जेटली जी उत्कृष्ट सांसद, विद्वान विधिवेत्ता, प्रबुद्ध बुद्धिजीवी, कुशल प्रशासक तथा सत्यनिष्ठ राजनेता थे। उन्होंने कहा, ‘जेटली जी ने एक मंत्री के रूप में सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्रालयों को कुशल मार्गदर्शन दिया।’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि श्री जेटली के ज्ञान का व्यापक विस्तार और महत्वपूर्ण घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर उनकी विवेकपूर्ण दृष्टिकोण उन्हें विलक्षण राजनेता बनाता था। उन्होंने अपने दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण  विषयों पर संसदीय और जनविमर्श को समृद्ध किया। हम में से हर किसी को उनकी कमी खलेगी।

श्री अरुण जेटली को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वो बहुमुखी प्रतिभा के धनी थी। उन्होंने कहा, ‘वह एक वक्ता के रूप में उत्कृष्ट थे और सरल तरीके से अधिकांश जटिल मुद्दों को स्पष्ट करते थे।’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि निः स्वार्थ और समर्पित जनसेवा से, अरुण जी भारत के इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ गए हैं। मैं विश्वास कर सकता हूं कि उनका अनुकरणीय व्यक्तित्व और कृतित्व, देश सेवा के इस पुनीत यज्ञ में समर्पण भाव से सम्मिलित होने के लिए प्रेरित करेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति ने स्वर्गीय श्री जयपाल रेड्डी के लिए आयोजित एक शोक सभा में भी भाग लिया और श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा कि श्री जयपाल रेड्डी एक विद्वान और प्रखर वक्ता थे। रोज़मर्रा के विषय हों या सैद्धांतिक मुद्दे उनकी समझ गहरी थी। उस्मानिया विश्वविद्यालय में एक छात्र के रूप में श्री रेड्डी के शानदार प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, वह शालीन और विद्वान थे, जो दार्शनिक मामलों पर गहन ज्ञान रखते थे। उन्होंने कहा, ‘अपने विद्यार्थी जीवन में ही उन्होंने एक अलग पहचान बना ली थी, उनके पास राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय किसी भी विषय पर श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करने की कुशलता थी।’

श्री रेड्डी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह आंध्र प्रदेश की राजनीति में लंबे समय तक सहयोगी रहे। वह एक दोस्ताना मार्गदर्शक थे। श्री रेड्डी की भाषाओं पर पकड़ पर प्रकाश डालते हुए श्री नायडू ने कहा कि उन्हें अंग्रेजी के साथ-साथ तेलुगु में भी महारत हासिल थी। श्री नायडू ने कहा कि वह एक शानदार सांसद थे, जिनके भाषण शानदार, व्यंग्य और हास्य से लबरेज होते थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘श्री रेड्डी जी सिद्धांतों के पक्के थे, अपने राजनैतिक विचारों और मूल्यों पर कभी समझौता नहीं किया। अपने मूलभूत सिद्धांतों पर समझौता किए बगैर उन्होंने हर उस पद को, जिसे उन्होंने सुशोभित किया, उसे गरिमा प्रदान की।’

श्री रेड्डी की भावना को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा ‘अपने विचारों को सरलता और सुगमता से प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की अद्भुत क्षमता थी। उनका यही कौशल उन्हें एक विलक्षण जननेता बनाता है जो राजनेताओं की भावी पीढ़ी के लिए अनुकरणीय रहा।’

उपराष्ट्रपति ने कहा, श्री रेड्डी का जीवन भावी राजनेताओं के लिए एक आदर्श बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह एक ईमानदार व्यक्ति थे जिन्होंने अपना जीवन आम लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा, ‘श्री जयपाल रेड्डी एक सज्जन-राजनेता थे और राजनीति में सज्जनता, मन मस्तिष्क की शुचिता और ईमानदारी के प्रतीक थे।’ इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह तथा अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

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