32 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

नाबालिग गन्ना कृषकों के हितों के संरक्षण के साथ-साथ सुगमतापूर्वक हो सकेगी गन्ने की नियमित आपूर्ति

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

लखनऊ: प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी तथा निबन्धक, सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियाँ, उत्तर प्रदेश श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के नाबालिग गन्ना कृषकों के हितों की सुरक्षा के दृष्टिगत अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए, नाबालिग वारिस गन्ना कृषकों अथवा नये नाबालिग गन्ना कृषकों को सहकारी गन्ना अथवा चीनी मिल समिति की सदस्यता प्रदान किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
जारी निर्देशों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में पंजीकृत गन्ना कृषक सदस्यों में से कतिपय सदस्यों के प्रतिवर्ष आकस्मिक दुर्घटना, देहावसान एवं विवाह विच्छेदन आदि कई कारणों से माता-पिता का साया बच्चों पर नहीं रह जाता। ऐसी स्थिति में नाबालिग बच्चों के नाम जमीन एवं गन्ने की खेती होते हुए भी 18 वर्ष से कम आयु होने के कारण उन्हें समिति की सदस्यता नहीं मिल पाती है, जिसके कारण गन्ने से होने वाली कृषि आय से जीविकोपार्जन करने वाले परिवारों में ऐसे बच्चों के लिए भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो जाती है तथा इनकी मजबूरी का फायदा गन्ना माफिया उठाकर इनका शोषण करते हैं एवं पारिवारिक विपत्ति के साथ ही उन्हें सामाजिक कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ता है।
उन्होंने यह भी बताया कि नाबालिगों से सम्बन्धित इस सामाजिक समस्या के संज्ञान में आने पर उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम, 1965 में वर्णित प्रावधानों के अन्तर्गत ऐसे नाबालिग वारिस गन्ना कृषक अथवा नये नाबालिग गन्ना कृषक, जिनके संरक्षक दादी-दादा, नानी-नाना, चाची-चाचा, मामी-मामा व अन्य रक्त समूह के सम्बन्धित रिश्तेदार हों तथा जिनके नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कृषियोग्य भूमि पर गन्ने की खेती भी की जा रही हो, को सम्बद्ध सदस्य के रूप में सहकारी गन्ना अथवा चीनी मिल समिति की सदस्यता प्रदान करने के निर्देश दिए गए।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि उक्त व्यवस्था के अन्तर्गत नाबालिगों एवं उनके संरक्षकों के लिए कुछ प्रतिबन्ध भी लागू किए गए हैं, जिनमें नाबालिगों हेतु निर्वाचन में प्रतिभाग करने व समिति के लाभों में हिस्सा पाने पर प्रतिबन्ध रहेगा, वहीं उसके संरक्षकों हेतु बैंक से निर्धारित सीमा तक धनराशि आहरण पर प्रतिबन्ध लागू करते हुए सम्बद्ध सदस्य के बालिग होने तक उसके समस्त दायित्वों के निवर्हन का दायित्व संरक्षक को सौंपा गया है।
उपर्युक्त व्यवस्था लागू होने के फलस्वरूप न केवल नाबालिग गन्ना कृषकों के हितों का संरक्षण होगा, अपितु समिति की सदस्यता मिलने से उन्हें गन्ना माफियाओं से निजात भी मिलेगी। इसके साथ-साथ उनके गन्ने की आपूर्ति भी सुगतमापूर्वक हो सकेगी। नियमित गन्ना आपूर्ति से नाबालिगों के जीवन निर्वाह एवं शिक्षा-दीक्षा हेतु धन की उपलब्धता सुनश्चित होगी एवं गन्ने की खेती के रूप में उनके बालिग होने तक स्थानीय स्तर पर रोजगार का एक विकल्प भी उपलब्ध रहेगा। उक्त के अतिरिक्त लागू किए गए प्रतिबन्धों के फलस्वरूप उनके संरक्षक भी निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करने को बाध्य होंगे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More