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आबकारी दुकानदारों के ई-पेमेन्ट समाधान के लिए तत्काल 62 बैंको को ई-पोर्टल से जोड़े: प्रमुख सचिव आबकारी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रमुख सचिव, आबकारी, उ.प्र. शासन द्वारा विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तगण, जिलाधिकारियों एवं आबकारी विभाग के अधिकारियेां को वर्ष 2018-19 हेतु आबकारी दुकानों के व्यवस्थापन के लिए होने वाली ई-लाटरी के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश दिये गये। इस दौरान आबकारी आयुक्त, उ.प्र. एवं राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र के अधिकारीगण एवं आबकारी मुख्यालय के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

वीडियो कांफ्रेसिंग में मुख्य रूप से प्रदेश में मदिरा की दुकानों का अनुज्ञापन प्राप्त करने के इच्छुक आवेदकों की समस्याओं/पृच्छाओं के सम्बन्ध मंे विस्तृत चर्चा कर उनका समाधान किया गया। आवेदकों की पहली समस्या आॅन लाइन आवेदन के साथ जमा की जाने वाली धनराशि को ई-पेमेन्ट के माध्यम से जमा करने में आ रही कठिनाईयों को लेकर थी। इस समस्या का समाधान करते हुए प्रमुख सचिव, महोदया ने भारतीय स्टेट बैंक सहित 62 बैंको को आॅन लाइन पोर्टल से तत्काल इन्टीग्रेट करने हेतु सम्बन्धित को निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त एन.ई.एफ.टी./आर.टी.जी.एस. के माध्यम से भी उक्त धनराशियों को जमा करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। आवेदन हेतु हैसियत प्रमाण-पत्र के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट करते हुए यह निर्देश दिये गये कि कोई भी आवेदक अपनी हैसियत के समतुल्य या उससे कम धनराशि की दुकानों के लिए जनपद/प्रदेश के अन्य जनपदों में अनेक दुकानों पर आवेदन कर सकता है। यह भी स्पष्ट किया गया कि हैसियत प्रमाण पत्र आवेदन करने हेतु अनिवार्य अर्हता मात्र है। यह भी स्पष्ट किया गया कि किसी आवेदक को ई-लाटरी में चयन के फलस्वरूप किसी जनपद में वहीं दुकान आवंटित हो सकती है जिसके लिए वांछित हैसियत आवेदक के हैसियत प्रमाण-पत्र की सीमा के अन्तर्गत है। इस प्रकार की उसी जनपद में दूसरी दुकान भी आवेदक को इसी हैसियत प्रमाण-पत्र के आधार पर आवंटित हो सकती है। पुनः इसी प्रकार की अन्य जनपदों में दुकाने भी आवेदक को उसके इसी हैसियत प्रमाण-पत्र के आधार पर आवंटित हो सकती है। प्रथम चरण की ई-लाटरी हेतु जनपदों में  हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिनाॅंक 27.02.2018 तक आवेदन किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त ई-पोर्टल पर फार्म भरने में आने वाली समस्याओं का निराकरण भी किया गया तथा ई-लाटरी की प्रक्रिया भी विस्तार से समझायी गयी। राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र से अपेक्षा की गयी कि ई-लाटरी की प्रक्रिया का त्रुटि विहीन ढंग से निष्पादन करायें तथा जिला प्रशासन पूर्ण प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से सम्पादित कराये।

राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि आवेदक ई-पेमेन्ट के पश्चात अपना पंजीकरण विवरण नहीं बदल सकेंगे परन्तु प्रोफाइल सेक्शन में दस्तावेजों में हुई किसी प्रकार की त्रुटि दिनाॅंक 28.02.2018 तक संशोधन कर सकेंगे। यह भी स्पष्ट किया गया कि थोक अनुज्ञापनों हेतु आवेदन में चैहद्दी भरे जाने की अनिवार्यता को शिथिल कर दिया गया है। चैहद्दी को यथासमय आवेदक से प्राप्त कर लिया जायेगा।

आज ही उत्तराखण्ड सरकार एवं उत्तर प्रदेश के मध्य उत्तर प्रदेश से प्रतिवर्ष 35 लाख कुन्तल शीरा की आपूर्ति अगले तीन वर्षों तक करने के विषय में मेमोरण्डम आफ अण्डरस्टैण्डिंग पर उत्तराखण्ड सरकार के अपर मुख्य सचिव, आबकारी श्री रणवीर सिंह एवं उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमुख सचिव श्रीमती कल्पना अवस्थी द्वारा हस्ताक्षर किये गये।

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