26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

वर्ल्ड मलेरिया डे: जानलेवा बीमारी मलेरिया का क्या है इलाज़ और इससे बचाव

देश-विदेश

आज विश्व मलेरिया दिवस है , इस बीमारी के प्रति जागरूकता लाना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि यह एक जान लेवा बीमारी है । सभी देश मिल कर इस बीमारी के प्रति जागरूकता लाने की अपनी अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं । हाल ही में हुए एक सर्वे में यह बात सामने भी आई है की भारत में इस बीमारी में 24% की कमी आई है । इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता तेज़ी से बढ़ी है । पर उसके बावजूद भी आज भी कई बच्चे और लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं और बच्चों की मौत का तो यह बड़ा कारण भी है ।

प्लास्मोडियम परजीवी की पांच प्रजातियां हैं, लेकिन, सभी असुरक्षित नहीं हैं। मनुष्यों के लिए जो खतरनाक हैं, अफ्रीका में सबसे आम मलेरिया परजीवी है, और दुनिया में सबसे अधिक मौत का कारण बनता है। यह परजीवी तेजी से पनपता है। इसकी वजह से रक्त को गंभीर नुकसान पहुंचता है और रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध करता है। उप-सहारा अफ्रीका के क्षेत्र में पाया जाता है, विशेष रूप से एशिया और लैटिन अमेरिका में। यह संक्रमण आमतौर पर सुप्त रहता है लेकिन कई महीनों या वर्षों बाद भी इसके उदय और संक्रमित करने की क्षमता होती है।

मलेरिया से बचाव ?

जब भी बाहर जाये तो हमेशा पूरी बॉडी को अच्छे से ढँक कर रखें ताकि मच्छर के आप शिकार होने से बच सकें । यदि घर और उसके आस पास कहीं भी पानी जमा हुआ है इकट्ठा हो रहा है तो वहाँ की सफाई अवश्य जल्द से जल्द करवाएँ । कचरा और पानी जमा ना होने दें यह मच्छरों को पनपने के लिए सहायक होता है । जब भी सोएँ तो शरीर को अच्छे से ढँक कर सोएँ यह आपकोमच्छरों से बचाता है । मच्छरों से बचाव वाले यंत्रों और क्रीम का प्रयोग करें , साथ ही साथ आप बाहर सोने से भी बचें व खिड़कियों को खोलने से बचें या फिर उन पर भी मच्छर दानी का प्रयोग करें ।

इलाज़ ?

मलेरिया से बचाव का कोई टीका नहीं है लेकिन कुछ एंटी-मलेरिया दवाएं हैं जो बीमारी होने की संभावना को कम कर सकती हैं। य़े हैं-क्लोरोक्विन,आर्टेसुनेट कॉम्बीनेशन थैरेपी ,क्विनिन सल्फेट,मेफ्लोक्विन

भारत सरकार मलेरिया को रोकने और खत्म करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। 2017 में, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मलेरिया उन्मूलन (2017-22) के लिए पांच वर्षीय नेशनल स्ट्रेटेजिक प्लान शुरू किया, जिसका लक्ष्य 2030 तक मलेरिया को पूरी तरह से हटाना है। 678 में से 578 जिलों में मलेरिया को 2022 तक समाप्त करने का लक्ष्य है। श्रीलंका, पराग्वे, उज्बेकिस्तान, मालदीव, मोरक्को, आदि कुछ ऐसे देश हैं जिन्हें लगातार तीन साल तक शून्य केस दर्ज करने पर डब्ल्यूएचओ ने मलेरिया-फ्री घोषित किया है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More