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डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड-19 पर बने मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 28वीं बैठक की अध्यक्षता की

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन सिंह ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 पर बने उच्च स्तरीय मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 28वीं बैठक की अध्क्षता की। उनके साथ इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, आवासन एवं शहरी कार्य (स्वतंत्र प्रभार), नागरिक उड्डयन (स्वतंत्र प्रभार), वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री हरदीप एस. पुरी, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे शामिल हुए।

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डॉ. हर्ष वर्धन ने शुरुआत में कोविड-19 की रोकथाम की दिशा में भारत के प्रयासों का एक संक्षिप्त ब्योरा देते हुए कहा, “सुधार की दर लगातार बढ़ रही है और यह आज 93.94 प्रतिशत हो गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान 61 दिनों में सबसे कम दैनिक मामले दर्ज किए गए, जो 1 लाख से कुछ ज्यादा (1,00,636) रहे। पिछले 24 घंटों में 1,74,399 लोग ठीक हुए और हमारे यहां मृत्यु दर 1.20 प्रतिशत है। आज लगातार 25वें दिन हमारे दैनिक सुधार दर के आंकड़े नए मामलों की तुलना में ज्यादा रहे।”

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वैक्सीनों और नैदानिक दखल पर बोलते हुए, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “आज सुबह तक, हमने विभिन्न श्रेणियों में अपने देशवासियों को वैक्सीन की 23,27,86,482 डोज लगा दी हैं। 18-44 आयु समूह में, 2,86,18,514 लोगों को पहली डोज दे दी गई है। आज तक की बात करें तो राज्यों को 1.4 करोड़ डोज अभी भी उपलब्ध हैं।” अन्य श्रेणियों पर बात करते हुए, उन्होंने कहा कि 60+ श्रेणी में 6,06,75,796 लोगों को और 45-59 के समूह में 7,10,44,966 लोगों को पहली डोज दे दी गई है।

परीक्षण के मोर्चे पर, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “7 जून की सुबह तक, हमने 36.6 करोड़ (36,63,34,111) परीक्षण कर लिए हैं और अवकाश के बावजूद कल ही 15 लाख से ज्यादा परीक्षण किए गए थे। परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या भी बढ़कर 2,624 हो गई है। दैनिक पॉजिटिविटी दर भी घट रही है और इस समय 6.34 प्रतिशत पर है, जो लगातार 14 दिनों से 10 प्रतिशत से कम बनी हुई है। हालांकि 15 राज्य ऐसे भी हैं, जहां दैनिक पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से ज्यादा है।”

दूसरी लहर में हमने देखा कि दैनिक मामले लगातार कम हो रहे हैं और सक्रिय मामलों की तुलना में 83 प्रतिशत ज्यादा नए सुधार 10 राज्यों में हैं और 26 राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों में यह आंकड़ा 17 प्रतिशत है। 7 राज्यों/ यूटी (दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड और झारखंड) में 1,000 से कम मामले हैं। 5 राज्य/ यूटी (जम्मू, पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश) में दो हजार से कम मामले हैं। यहां तक कि महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में खासी तेज दर से मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है। बढ़ोतरी दर 14.7 प्रतिशत (5 मई) से घटकर 3.48 प्रतिशत (आज) रह गई है।

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उन्होंने यह भी कहा, “आईएनएसएसीओजी सीक्वेंसिंग लैब्स म्यूटैंट्स पर नजर रख रही हैं, जिनमें रोग संचरण को गंभीर रूप से प्रभावित करने की क्षमता है। अभी तक, आईएनएसएसीओजी के तहत आने वाली 10 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं ने लगभग 30 हजार नमूनों का अनुक्रमण किया है। अनुक्रमण की क्षमता बढ़ाने के लिए हाल में 18 अतिरिक्त प्रयोगशालाओं को इनमें शामिल किया गया है।”

डॉ. हर्ष वर्धन ने म्यूकोरमाइकोसिस के उभरते मामलों को चिह्नित करने के लिए केन्द्र और राज्यों के बीच भागीदारी की प्रशंसा की है। अभी तक 28 राज्यों में इसके 28,252 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से, 86 प्रतिशत (24,370 मामलों) का कोविड-19 संक्रमण का इतिहास रहा है और 62.3 प्रतिशत (17,601) का मधुमेह का इतिहास रहा है। महाराष्ट्र में म्यूकोरमाइकोसिस के अधिकतम मामले (6,339), उसके बाद गुजरात (5,486) में दर्ज किए गए हैं।

बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि वैक्सीन लगाने के प्रति झिझक को खत्म करने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए। लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, क्योंकि कोविड-19 के प्रति लड़ाई में यह काफी अहम है।

नीति आयोग में सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कॉन्फ्रेंस में टीकाकरण की स्थिति, बच्चों में कोविड-19 देखभाल और तीसरी लहर से बचने की तैयारियों पर एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारत को कुल 23 करोड़ डोज का आंकड़ा छूने में 141 दिन लग गए, जो अमेरिका के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा है। अमेरिका ने ऐसा 134 दिनों में किया था। अभी तक डोज की संख्या के मामले में भारत दुनिया में सबसे तेज काम करने वाले देशों में से एक है। 88.7 करोड़ लोगों जिन्हें वैश्विक स्तर पर कम से कम एक डोज दी गई है, भारत की हिस्सेदारी 17.9 करोड़ है जो वैश्विक कवरेज का 20.2 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि भारत बच्चों में कोविड-19 के उपचार से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन इसके बढ़ने के साथ हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई की कि यदि हम कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हैं तो तीसरी लहर को रोका जा सकता है।

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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में सचिव श्री गिरिधर अरामने ने देश में ऑक्सीज की उपलब्धता और उत्पादन बढ़ाने व आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने और उत्पादन क्षमता में विस्तार, प्रेशर स्विंग एब्सॉर्प्शन प्लांट की स्थापना, एलएमओ और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के आयात जैसी कई पहल की गई हैं। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन का उत्पादन अगस्त, 2020 के 5,700 एमटी से बढ़कर मई, 2021 में 9,500+ एमटी हो गया और लगभग 1,718 पीएसए संयंत्र (एमओएचएफडब्ल्यू और डीआरडीओ के द्वारा पीएम केयर्स के तहत 1,213, एमओपीएनजी द्वारा 108, एमओकोल द्वारा 40, एमओपावर द्वारा 25, विदेशी सहायता से 19 और राज्य सरकारों द्वारा 313) स्थापित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फंड के तहत 1 लाख ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की खरीद को स्वीकृति दे दी गई है और देश में एलएमओ की आवाजाही की रियल टाइम निगरानी में सक्षम बनाने केलिए एक वेब और ऐप आधारित ट्रैकिंग सिस्टम- ऑक्सीजन डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम (ओडीटीएस) विकसित किया गया है।

ईजी-8 के चेयरमैन और आईएंडबी में सचिव श्री अमित खरे ने देश में संचार में हुए बदलावों का एक संक्षिप्त ब्योरा दिया। उन्होंने इस जानलेवा बीमारी से लड़ाई में “समग्र सरकार” के दृष्टिकोण के लिए सभी केन्द्रीय मंत्रालयों/ पीएसयू/ स्वायत्त संस्थानों और राज्य सरकारों/जिलों/ पीआरआई के अच्छे कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने ग्रामीण व आदिवासी इलाकों पर ध्यान देने और कोविड उपयुक्त व्यवहार के संदेश को फैलाने में सामुदायिक नेताओं और स्थानीय स्तर के प्रभावी लोगों, फ्रंटलाइन कर्मचारियों, सहकारी समितियों, पंचायती राज प्रतिनिधियों और एफएमसीजी कंपनियों/ रिटेल आउटलेट/ व्यापार संगठनों को शामिल करने की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने प्रामाणिक जानकारी के साथ लोगों को जागरूक बनाए रखने में पीआईबी, एआईआर, डीडी न्यूज जैसी आईएंडबी की मीडिया इकाइयों व क्षेत्रीय इकाइयों द्वारा किए गए व्यापक कार्य को भी रेखांकित किया। उन्होंने टीकाकरण के बाद कोविड उपयुक्त व्यवहार, ब्लैक/ व्हाइट फंगस, कोविड प्रभावित लोगों की दीर्घकालिक शारीरिक व मानसिक देखभाल, अनाथ बच्चों और व्यापक रूप से सकारात्मक माहौल बनाए रखने जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की सलाह दी है।

इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद के पॉल, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, विदेश सचिव श्री हर्ष वर्धन श्रृंगला, सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री अमित खरे, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव श्री गिरिधर अरमाने, सचिव (फार्मा) सुश्री एस. अर्पणा, सचिव (स्वास्थ्य शोध) और डीजी (आईसीएमआर) डॉ. बलराम भार्गव व अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया।

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