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वनाग्नि के सम्बन्ध में वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक

उत्तराखंड
देहरादून: प्रदेश के वन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार दिनेश अग्रवाल ने आज विधान स्थित अपने कक्ष में वन्य जीव विभाग के अन्तर्गत जंगलों में घटित हो रहे अग्निकांडों के सम्बन्ध में वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली।

बैठक में उन्होंने प्रदेश के जंगलों मे हो रही वनाग्नि की घटना पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि भीषण गर्मी पड़ रही है। इसके लिये वन विभाग वनाग्नि  की घटना रोकने मे कोई कसर न छोड़े उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा भी वनाग्नि रोकने के लिए परमानेन्ट टास्क फोर्स गठन करने के निर्देश दिये हैं। जिससे प्रदेश के वन एवं वन्य जीव प्रभावित न हो।
बैठक में उन्होंने कैंम्पा की एक्सीक्यूटिव कमेटी की बैठक तुरन्त आज ही बुलाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के 40 डिविजन पर 4 करोड़ रूपये तत्काल वनाग्नि रोकने के लिये प्रस्ताव पर आज ही प्रत्येक डिविजन को 10-10 लाख रू0 अवमुक्त किये जायें जिससे वानाग्नि को रोकने में उन्हें कोई फंड की वजह से कोई दिक्कतें न हों।
बैठक में उन्होंने प्रदेश के समस्त जिला अधिकारियों को दूरभाष पर निर्देश देते हुए कहा कि जिला अधिकारी जनपद की अग्नि कमेटी का अध्यक्ष होता है। वन विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं वन पंचायतों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं का सहयोग एवं ताल मेल बैठाकर वनाग्नि को रोकने में अपनी कारगर भूमिका निभायें। जिससे वनों एवं वन्यजीवों को आग से बचाया जा सके। बैठक में उन्होंने मुख्य सचिव से वार्ता करते हुए उन्हें निर्देश देते हुए कहा कि समस्त जिला अधिकारियों को वनाग्नि की राकेथाम तथा वन एवं वन्यजीव संरक्षण के सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश अपने स्तर से आज ही जारी कर उन्होंने दूरभाष पर प्रदेश के समस्त जिला अधिकारियों से कहा कि गर्मी के मौसम मे जहाॅं जंगलों में वनाग्नि की घटनाएॅं हो रही हैं। ऐसे में वन विभाग से सम्बन्धित वाहन एवं वन विभाग के कर्मचारियों को अधिग्रहण न किया जाय। इसके साथ ही जितने भी वन विभाग के गैस्ट हाऊस है। उन पर अधिग्रहण न करते हुए वन विभाग के अधिकारियों के लिये आरक्षित रखें। क्योंकि ग्रीष्म काल में अधिकारियों को आवागमन एक स्थान से दुसरे स्थान पर वनाग्नि को रोकने के लिये हो रहा है, उक्त निर्देश का कड़ाई से पालन किया जाये।
बैठक में उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि अपने आस-पास के क्षेत्र में यदि कोई मानव जनित अग्नि जंगलों में करता है। या जंगलों में आग लगी देखता है तो उसकी सूचना वन मित्र के दूरभाष न0 9208008000 पर अविलम्ब करें। तथा ऐसे व्यक्ति की शिकायत सम्बन्धित थाना क्षेत्रों एवं रेंज आफिस में की जाय।
बैठक में उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अविलम्ब हाई एरिया में दो तीन क्रु स्टेशन बनायें जायें तथा वहाॅं तैनात कर्मचारियों को राशन, पानी, हेल्मट, जूते एवं झापा तथा आग बुझाने के उपकरण उपलब्ध कराये जायें। जिससे वे तत् समय प्रभावी कार्यवाही कर सकें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि वन विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छुट्टीयाॅं निरस्त की जाय तथा जिस अधिकारी द्वारा अभी तक चार्ज नहीं लिया है। वह तुरन्त अपनी योगदान आख्या डी.एफ.ओ. को दें। वनाग्नि के मामले में डी.एफ.ओ. तुरन्त यदि अन्य आदमियों की आवश्यकता हो तो वह रैंज की जानकारी के तुरन्त बाद इसकी व्यवस्था करें। इसके साथ ही उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वनाग्नि सुरक्षा कार्य में पुलिस के अग्निशमन विभाग से पूरा सहयोग लिया जाय तथा सहयोग मांगने पर मना नहीं किया जाये। वनाग्नि जनित दुर्घटना होने पर 108 एम्बुलेंस की सहायता प्राप्त ही जाय। वनाग्नि सुरक्षा कार्यों के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाय। इस सम्बन्घ में सार्वजनिक स्थानों पर नोटिस चस्पा किये जायें तथा बड़े साइन बोर्ड लगाये जायें। तथा समाचार पत्रों के माध्यम से भी प्रचार प्रसार किया जाय।
बैठक में पी.सी.सी.एफ. एस.एस.शर्मा,  पी.सी.सी.एफ वाइल्ड लाइफ अनिल कुमार दत्त, पी.सी.सी.एफ. वन पंचायत राजेन्द्र कुमार, वन संरक्षक गढ़वाल बी.पी.गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव धनंजय मोहन, वन संरक्षक कार्यालय प्र.व.सं. जन्मेजय सिंह, वन संरक्षक शिवालिक वृत्त भुवनचन्द्र, सी.डब्ल्यू.एल.डब्ल्यू दिग्विजय सिंह खाली, डी.एफ.ओ. देहरादून पी.के.पात्रो, वन संरक्षक.भागीरथी वृत्त एस.आर.सुबुद्धि मौजूद थे।

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