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ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत ”आजीविका एवं कौशल विकास मेले” को सम्बोधित करते हुएः सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ब्राइट वेब पब्लिक स्कूल, कण्डोली, सहसपुर में अपोलो मेडिस्किल्स प्रशिक्षण केन्द्र एवं ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत आजीविका एवं कौशल विकास मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आजीविका एवं कौशल विकास के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु ग्राम पंचायत स्तर तक जागरूकता के उद्देश्य से प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस प्रचार वाहन के माध्यम से ग्रामीण स्तर तक पं.दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण कौशल योजना, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में लोगों को जानकारी दी जायेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपोलो मेडिस्किल्स प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण हेतु हेल्थ केयर सेंटर, कम्प्यूटर रूम एवं क्लास रूम का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहयता समूहों एवं कौशल विकास से सम्बन्धित विभिन्न स्टाॅलों का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विधानसभा सहसपुर में नलकूप निर्माण की घोषणा की तथा स्वयं सहायता समूहों को प्रमाण-पत्र एवं लैपटाॅप भी वितरित किये।

प्रदेश के समग्र विकास के लिए महिला सशक्तीकरण जरूरीसीएम

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देश व प्रदेश के समग्र विकास के लिए महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है। हमारे देश की लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। यदि महिलाओं की यह आधी आबादी आत्मनिर्भर हो गई तो देश स्वतः ही विकसित हो जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के तीव्र विकास के लिए हमें कौशल विकास पर विशेष ध्यान देना होगा। कौशल विकास के माध्यम से हम स्वरोजगार कर अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें व्यावसायिक सोच विकसित करनी होगी। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी पैकेजिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बाजार की डिमांड के अनुसार उत्पादों को वैल्यू एडिशन करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बद्रीनाथ में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा एक सीजन में स्थानीय उत्पादों पर आधारित प्रसाद बनाकर 09 लाख रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त किया।

महिला स्वयं सहायता समूहों को स्थानीय उत्पादों पर आधारित वस्तुओं की पैकेजिंग और ब्रांडिग के लिए करें प्रशिक्षितसीएम

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि महिला स्वयं सहायता समूहों को स्थानीय उत्पादों पर आधारित वस्तुओं की पैकेजिंग और ब्रांडिग के लिए प्रशिक्षित किया जाये। जिससे उत्पादों पर स्वयं सहायता समूह अच्छी आय अर्जित कर सकेंगे। स्टाॅलों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने ढ़करानी गांव की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा पेड़ों के पत्तों, फलों एवं जड़ों द्वारा बनाये गये आभूषणों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन आभूषणों की ब्रांडिंग कर चारधाम यात्रा मार्गों पर बिक्री करने से अच्छी आय अर्जित की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्किल इण्डिया और डिजिटल इंडिया की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को हम सबको मिलकर और आगे बढ़ाना होगा।

उत्तराखण्ड में हैंडीक्राफ्ट का अच्छा स्कोपविधायक श्री मुन्ना सिंह चैहान

विधायक श्री मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि प्रदेश में कौशल विकास के कार्यक्रम जितनी तेजी से चल रहे हैं, निश्चित रूप से प्रदेश के तीव्र गति से विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हैंडीक्राफ्ट का अच्छा स्कोप है। कौशल विकास के कार्यक्रमों से उत्पादों की वैल्यू एडिशन के क्षेत्र में भी गति आयी है। उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े मुकाम को हासिल करने के लिए छोटी चीजों से शुरूआत करना जरूरी है। युवाओं एवं महिलाओं को कौशल विकास का जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इससे लोगों के हाथों में कार्य करने का हुनर रहेगा एवं आने वाली पीढ़ी स्वरोजगार के लिए प्रेरित होगी।

स्वरोजगार के लिए कौशल विकास जरूरीविधायक श्री सहदेव सिंह पुण्डीर

विधायक श्री सहदेव सिंह पुण्डीर ने कहा कि कौशल विकास एवं स्वरोजगार पर जन-जागरूकता से लोगों का इस दिशा में रूझान बढ़ा है। कौशल विकास से ही स्वरोजगार के साथ ही हम अन्य लोगों को भी रोजगार से जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए जन-जागरूकता आवश्यक है। जन-जागरूकता के परिणाम स्वरूप ही आज लोग स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

पं.दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत 05 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्यप्रमुख सचिव

प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती मनीषा पंवार ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग के माध्यम से पं.दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत अपोलो मेडिस्क्ल्सि द्वारा संचालित इस सेंटर में 140 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस योजना के तहत उत्तराखण्ड को 05 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य दिया गया है। प्रदेश में 455 प्रशिक्षणार्थी वर्तमान में प्रशिक्षण ले रहे हैं। 06 माह से 01 वर्ष तक के इस प्रशिक्षण के उपरान्त प्रक्षिणार्थियों को 70 प्रतिशत रोजगार ट्रेनरों के माध्यम से दिया जायेगा। कौशल विकास के लिए राज्य में हेल्थ केयर सेंटर, हाॅस्पिटेलिटी, रिटेल ट्रेड आदि क्षेत्रों को चुना गया है।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत मार्च 2018 तक 13734 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गयासीईओ यूएसआरएलएम

सचिव कौशल विकास/मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत मार्च 2018 तक 13734 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण क्षमता, निर्माण एवं कौशल विकास के कार्य किये जायेंगे। जिसके अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों एवं उनके परिसंघो को संस्थागत प्रबंधन, बाजार के साथ संपर्क स्थापित करने, मौजूदा आजीविका का प्रबंधन करने, ऋण साख बढ़ाने एवं सामुदायिक संसाधन व्यक्ति बनाने हेतु पर्याप्त कौशल विकास करना है।

इस अवसर पर ब्लाॅक प्रमुख सहसपुर श्रीमती रंजिता तोमर, मुख्य विकास अधिकारी देहरादून श्री जी.एस.रावत, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूएसआरएलएम श्री एस.एस.चैहान एवं विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं उपस्थित थी।

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