33 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र यू-सर्क द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन कर सम्बोधित करते हुएः सीएम

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र यू-सर्क द्वारा प्रकाशित पुस्तक टेक्नालाॅजी इनेवल्ड लर्निंग, इण्टरनेट आॅफ थिंग्स, पर्वतीय जल श्रोत संरक्षण एवं पुनर्जीवन, उत्तराखण्ड की लोकपरम्पराओं में सन्निहित विज्ञान, उत्तराखण्ड नाॅलेज बैंक आदि पुस्तकों का विमोचन किया। उन्होंने वैज्ञानिक शोधों के प्रसार एवं जनजागरूकता के लिये यू-सर्क द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमें डिजिटल इंडिया की सोच को साकार करने के लिये समाज के आखिरी व्यक्ति तक विज्ञान शिक्षा तथा सूचना प्रौद्योगिकी की पहुच बनानी होगी। इस दिशा में वैज्ञानिकों को विशेष पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास समृद्ध जैव विविधता है इस क्षेत्र में तमाम सम्भावनाएं है। समाज को कैसे सस्ते शोधों का लाभ प्राप्त हो सकता है इसके भी प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक शोधों को समाज से जोडने की हमारी इच्छा शक्ति होनी चाहिए तभी समाज का भी सहयोग मिलता है।

मुख्यमंत्री ने यू-सर्क के वैज्ञानिकों से परम्परागत ग्रामीण ज्ञान को बढावा देने पर भी ध्यान देने को कहा। ग्रामीण ज्ञान पर विश्वास करते हुए हम विखरे ज्ञान को समेटने में कामयाब हो सकते है। इस दिशा में भी वैज्ञानिकों को सोचना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देकर इस प्रकार के ज्ञान की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि हमें अपनी परम्पराओं के साथ ही ऋषि मुनियों द्वारा दिये गये ज्ञान विज्ञान को भी आगे बढाने के प्रयास करने चाहिए। बुजुर्गों के अनुभवों पर आधारित ज्ञाान को भी  संरक्षित करने की पहल भी वैज्ञानिकों को करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे यहां कोई वनस्पति ऐसी नही है जिसकी मेडिसिन वेल्यू न हो। पहले हमारे यहां भांग का प्रयोग केवल नशे के लिये होता था जबकि इस पर हमारे बजाय अमेरिका ने शोध किया तथा टाइम्स द्वारा किये गये रिसर्च के अनुसार न्ै। में भांग से 500 प्रकार की दवा बनायी गयी जो एंटी कैंसर्स है।  भांग के रेसे के वस्त्र भी  एंटी कैंसर्स है।  इससे बनने वाला तेल भी औषधीय गुण के साथ काफी मंहगा बिकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें विच्छु घास, लेंटाना, कालावासा, पटवा जैसे घासों की मेडिसिन वेल्यू है। यही नहीं हमारी बद्रीगाय के गोमूत्र के जांच में कोई बीमारी नही पायी गयी। राज्य में वर्डस की 1200 में से 700 प्रजातियां है। समुद्री जलवायु को छोडकर 15 में से 14 जलवायु हमारे राज्य में है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोई भी योजना तभी सफल हो सकती है जब जन सहयोग उससे जुडा हो। कोसी एवं रिस्पना में सघन वृक्षारोपण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 01 घंटे में 13 हजार लोगों ने कोसी में 1.67 लाख तथा रिस्पना में 2.50 लाख पेड लगाये गये जो जनसहभागिता का बडा उदाहरण है।

सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री आर.के.सुधांशु ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्टेट डाटा सेंटर स्थापित करने के साथ ही सूचना तकनीकि के नये माध्यमों को अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यू-सर्क के माध्यम से प्रदेश में विज्ञान शिक्षा को बढावा देने का भी प्रयास किया जा रहा है।

यू-सर्क के निदेशक प्रो.दुर्गेश पंत ने यू-सर्क द्वारा किये जा रहे कार्यों तथा प्रयोगों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यू-सर्क द्वारा विभिन्न संस्थानों व विषय विशेषज्ञों का सहयोग लेकर जल की सुद्धता, शोशल कार्ड, स्मार्ट इको क्लब परियोजना, विलेज इको क्लब की दिशा में भी पहल की गई है। यू-सर्क के वैज्ञानिक डाॅ.ओमप्रकाश नौटियाल ने कार्यक्रम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापित किया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More