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वाडिया इंस्टीटयूट आॅफ हिमालयन जियोलाॅजी में एक दिवसीय नेशनल डाटाबेस फाॅर इमरजेंसी मैनेजमेंट (एन.डी.ई.एम.) कार्यशाला को संबोधित करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: गुरूवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत वाडिया इंस्टीटयूट आॅफ हिमालयन जियोलाॅजी में एक दिवसीय नेशनल डाटाबेस फाॅर इमरजेंसी मैनेजमेंट (एन.डी.ई.एम.) कार्यशाला में शामिल हुए। यह कार्यशाला उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र और नेशनल रिमोट सेन्सिंग सेंटर हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विज्ञान और तकनीक का बेहतर उपयोग कर हम आम आदमी के जीवन को कैसे बेहतर बना सकते है, इसके लिए सभी वैज्ञानिक संस्थाओं को मिलकर कार्य करना होगा। युवाओं को विज्ञान से जोड़ा जाय, इसके लिए डिजीटल वाॅलियंटर कोर बनाया जाय। जिसमें हर क्षेत्र के विषय विशेषज्ञ जुड़े और प्रदेश के विकास को नई ऊंचाई पर पहुंचाये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने यूसैक से अपेक्षा की कि वे प्रदेश के कृषि क्षेत्र की मैपिंग का कार्य कर एक डाटाबेस तैयार करे। जिसमें क्षेत्रवार फसलों का डाटा हो, कि किस क्षेत्र में कौन सी फसल कितनी मात्रा में पैदा हो सकती है। इसके साथ ही किसी एक जिले को टेलीमेडिसन के रूप में विकसित करे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वर्तमान समय तकनीक का है। हमारे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में कार्य करने वाली कई संस्थाएं है। इन सभी संस्थाओं को एक साथ मिलकर प्रदेश के विकास के लिए एक रोड़मैप तैयार कर कार्य करना होगा। राज्य सरकार उत्तराखण्ड को ट्रेकर पैराडाइज के रूप में पहचान दिलाना चाहती है, क्योंकि यहां पर ट्रेकिंग की काफी संभावनाएं है। विज्ञान एवं तकनीक के इस युग में हमारे पास सूचनाओं का डाटाबेस तैयार होना जरूरी है। हमारे प्रदेश आपदा के दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील है। यदि हमारे पास ऐसा डाटा हो कि किस क्षेत्र में भूधंसाव के अधिक संभावना है, तो हम उसके समाधान के लिए पहले से ही तैयार रह सकते है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पूर्वानुमान की सटीक जानकारी समय से मिल सके, तो संभावित खतरे से निपटने के लिए उपाय समय से किये जा सकते है। उन्होंने कहा कि आज के समय जो देश या राज्य विज्ञान और तकनीक का उपयोग करेगा, वही आगे बढेगा। इसलिए हमारे युवाओं को इस क्षेत्र में आगे आना होगा। राज्य के विकास के लिए हम विज्ञान और तकनीक का बेहतर समन्वय कैसे कर सकते है, इस पर विचार किया जाना जरूरी है। हमारे पास उपलब्ध जानकारियों व सूचनाओं का ठीक तरीके से उपयोग कर सके तो यह राज्य के लिए बेहतर साबित हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि राज्य सरकार और वैज्ञानिक संस्थाओं के मध्य बेहतर संवाद कायम हो।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर इसरो की वैज्ञानिक परीक्षा में उत्तराखण्ड से सफल रहे अतुल जोशी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में एन.आर.एस.सी. हैदाराबाद के गु्रप निदेशक डाॅ. विनोद कुमार बेथाले द्वारा एन.डी.ई.एम. के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर यूसैक के निदेशक प्रो. दुगे्रश पंत द्वारा संस्थान द्वारा किये जा रहे कार्यकलापों के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में एन.आर.एस.सी. हैदाराबाद के डाॅ. के.रामाराव, आई.आई.आर.एस. के डाॅ. ए.सेन्थिल कुमार आदि उपस्थित थे।

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