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जीआरएसई ने डब्‍ल्‍यूजेएफएसी भारतीय नौसेना के सुपुर्द किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित वॅाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट (डब्‍ल्‍यूजेएफएसी), “तिहायु” 30 अगस्‍त, 2016 को कोलकाता में भारतीय नौसेना के सुपुर्द कर दिया गया। जीआरएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) ए.के.वर्मा ने जीआरएसई में आयोजित एक समारोह में यह युद्धपोत जहाज के कमांडिंग अधिकारी कमांडर अजय केशव के सुपुर्द किया। पूर्वी नौसेना कमान के चीफ स्टाफ अधिकारी (तकनीकी) रियर एडमिरल एस. आर. सरमा ने नौसेना द्वारा स्वीकृत किए जाने से पहले जहाज का अंतिम निरीक्षण किया।

इससे पहले जीआरएसई ने 2009 से 2011 तक 10 डब्‍ल्‍यूजेएफएसी का निर्माण करके उन्‍हें भारतीय नौसेना के सुपुर्द किया था, जो अच्‍छी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। भारतीय नौसेना ने चार और इसी तरह के डब्‍ल्‍यूजेएफएसी का ‘फॉलो-ऑन’ युद्धपोत के रूप में आदेश दिया है। डब्‍ल्‍यूजेएफएसी श्रृंखला का ‘फॉलो-ऑन’ प्रथम पोत आईएनएस तारमुगली 23 मई 2016 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। दूसरा एफएसी तिहायु जीआरएसई द्वारा सुपुर्द किया गया है। ये युद्धपोत भारतीय नौसेना के लिए जीआरएसई द्वारा बनाए गए फास्ट अटैक क्राफ्ट्स के उन्नत संस्करण हैं। इस युद्धपोत का हल स्‍वरूप बहुत ही कुशल है, जिसे जीआरएसई के इन-हाउस डिजाइन केंद्र में विकसित किया गया है और व्यापक मॉडल परीक्षण से साबित हुआ है, कि यह 35 समुद्री मील की गति प्राप्त कर सकता है।

यह युद्धपोत 48 मीटर लम्‍बा और 7.5 मीटर चौड़ा है और इसमें करीब 315 टन के लगभग विस्थापन क्षमता है तथा 12-14 समुद्री मील की गति पर यह लगभग 2000 समुद्री मील तक बिना रुके चल सकता है। इसमें रहने की अत्‍याधुनिक सुविधाएं हैं और यहां 29 कर्मी रह सकते हैं।

इस युद्धपोत का ‘तिहायु’ नाम अंडमान के एक द्वीप के नाम पर रखा गया है इसमें तीन वॉटर जेट प्रोपलशन सिस्‍टम लगे हैं, जो 2720 किलोवॉट क्षमता प्रदान करने वाले मेरीन डीजल इंजनों द्वारा पावर्ड है। इसमें सीआरएन – 91 स्‍वदेशी 30 एमएम गन भी लगायी गयी है, जो हमले के मिशन के दौरान आर्टिलरी फायर सपोर्ट देती है।

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