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उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण विषयक बैठक की अध्यक्षता करते हुएः जिलाधिकारी रविनाथ रमन

उत्तराखंड

देहरादून: जिलाधिकारी रविनाथ रमन की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण विषयक बैठक जिला कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई।

सर्वप्रथम उपाध्यक्ष/राज्यमंत्री राज्य निर्माण आन्दोलनकारी सम्मान परिषद के धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने आन्दोलनकारियों के लिए सरकारी नियुक्तियों में आरक्षण दिये जाने के निर्णय पर मुख्यमंत्री की प्रभावी पहल का स्वागत करते हुए आन्दोलकारियों की ओर से उनका आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड आन्दोलनकारियों के हितो के सदैव पक्षधर रहें है उन्होने आन्दोलनकारियों के चिन्हिकरण में समाचार पत्रों की सूचना को संज्ञान लेने  की मांग को मा0 मुख्यमंत्री के समक्ष रखने का आश्वासन दिया। बैठक में तय हुआ कि जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक शासन द्वारा इस सदस्यों के नामित होने के तुरन्त बाद आमंत्रित की जायेगी।  ज्ञातव्य है, कि उपाध्यक्ष राज्य निर्माण आन्दोनकारी सम्मान परिषद द्वारा जनपद देहरादून के उत्तराखण्ड आन्दोलकारियों के चिन्हिकरण  के लिए प्रस्तावित 14 नामों में से 10 सदस्यों को शासन द्वारा नामित किया जाना है, जिला प्रशासन द्वारा सदस्यों के नाम शासन को प्रस्तावित कर दिये गये हैं। उपाध्यक्ष श्री धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि जिन आन्दोलनकारियों को अब-तक आन्दोलनकारी पहचान पत्र प्राप्त नही हुए हैं, उन्हे 1 माह के भीतर जिला प्रशासन द्वारा पहचान पत्र उपलब्ध करा दिये जायेगें। उन्होने आश्वस्त किया कि पूर्व की भांति समाचार पत्रों की कतरनों को चिन्हिकरण में आधार मानने के लिए शासनादेश में संशोधन हेतु मा0 मुख्यमंत्री जी से वे स्वयं पहल करेगें। उन्होने कहा कि चिन्हिकरण के लिए माह फरवरी 2012 तक प्राप्त आवेदन पत्रों पर ही विचार किया जायेगा।
जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने राज्य आन्दोलनकारी सम्मान परिषद की बैठक सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में उपाध्यक्ष महोदय द्वारा प्रस्तावित वरिष्ठ आन्दोलनकारियों के नामों के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि अवशेष रह गये आन्दोलनकारियों का चिन्हिकरण शासनादेश के अन्तर्गत किया गया है। जिसमें एल.आई.यू की रिपोर्ट, पुलिस अन्य अभिलेख यथा डेली डायरी के प्रासंगिक अंश, प्रथम सूचना रिपोर्ट जिस रूप में भी दर्ज हो, चिकित्सा सम्बन्धी रिपोर्ट, तथा ऐसे अन्य अभिलेखों पर आधारित सूचनायें जिनकी प्रमाणिकता की पुष्टि हो सकती है। उन्होने बताया कि आन्दोलनकारियों का चिन्हिकरण के लिए समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के आधार पर किये जाने का प्रावधान अभी शासनादेश में नही है। जिलाधिकारी द्वारा समस्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के सार्वजनिक कार्यक्रम के आयोजक विभागों से अपील की गई कि वे अपने कार्यक्रमों में उत्तराखण्ड आन्दोलनकारियों को आमंत्रित करें।
बैठक में  सर्वसम्मति से यह तय किया जाना उचित होगा कि जिन आन्दोलनकारियों के प्रकरण समुचित साक्ष्यों के उपलब्ध न होने के कारण अवशेष रह गये हैं तथा जो पात्र हैं उन्हे चिन्हिकरण के लिए नामित समिति के लगभग 50 प्रतिशत् सदस्यों द्वारा प्रमाणित किये जाने पर चिन्हित कर लिया जाये । इस प्रकार की शर्त नीति में आ जाने पर यह कार्य प्रभावी ढंग से पूर्ण हो सकता है।
बैठक में समिति के सदस्य योगेश भट्ट ने कहा कि सरकार की मंशा आन्दोलनकारियों के चिन्हिकरण की है तभी 10 लोगों को सदस्य के रूप में  समिति में नामित किया जाना है, जिसके कारण आन्दोलनकारी चिन्हिकरण का कार्य ठीक प्रकार से हो पायेगा उन्होने नामित सदस्यों के अधिकारों के निर्धारण की भी मांग रखी। सदस्य निर्मला देवी ने कहा कि चिन्हिकरण हेतु गठित सलाहकार समिति के सदस्यों के अधिकार भी तय होने चाहिए। सदस्य ओमी उनियाल ने कहा कि आन्दोलनकारियों के चिन्हिकरण के लिए अखबार का संज्ञान भी लिया जाय क्योंकि पूर्व में अनेक जनपदों में अखबार के समाचारों को चिन्हिकरण में संज्ञान में लिया गया है। आन्दोलनकारी जयप्रकाश उत्तराखण्डी ने कहा कि पेंशन भुगतान नियमित रूप से किया जाय।

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