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शहरी स्वयं सहायता समूह डीएवाई-एनयूएलएम एमआईएस पोर्टल के माध्यम से 40,000 रुपये की सीड कैपिटल प्राप्त कर सकते हैं

देश-विदेश

भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सहयोग से प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कार्य कर रहे शहरी स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को सीड कैपिटल सहायता देने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) एमआईएस पोर्टल पर सीड कैपिटल मॉड्यूल को वर्चुअली लॉन्च किया।

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पीएमएफएमई योजना के तहत प्रति स्वयं सहायता समूह के सदस्य 40,000 रुपये की सीड कैपिटल सहायता प्राप्त करने के लिए सीड कैपिटल पोर्टल https://nulm.gov.in/Auth/Login.aspx पर आगे की कार्रवाई कर सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में कार्यरत शहरी एसएचजी सदस्यों को छोटे औजारों तथा आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए सीड कैपिटल का लाभ उठाने हेतु पीएमएफएमई योजना संबंधित जानकारी के बारे में संवेदनशील और प्रेरित किया जाएगा।

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आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई पीएमएफएमई योजना का उद्देश्य भारत में असंगठित सूक्ष्म-खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना और उत्पादकता को बढ़ावा देना है। इस योजना के लक्ष्य स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए इस प्रकार हैं:

1. प्रति एसएचजी सदस्य 40,000 रुपये की सीड कैपिटल सहायता;

2. 10 लाख रुपए की सीमा के साथ 35% तक पूंजी निवेश के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी;

3. साझा बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए 35% तक क्रेडिट लिंक्ड अनुदान सहायता;

4. डीपीआर तैयार करने के लिए हैंडहोल्डिंग समर्थन और;

5. क्षमता निर्माण तथा प्रशिक्षण सहायता।

पीएमएफएमई योजना के बारे में जानकारी

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना- (पीएमएफएमई) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना और कार्य क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ावा देना तथा किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादक सहकारी समितियों को संपूर्ण मूल्य श्रृंखला के साथ सहायता प्रदान करना है।2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, इस योजना के अंतर्गत मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम व्यवस्था के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।

अधिक जानकारी के लिए देखें: https://pmfme.mofpi.gov.in/pmfme/#/Home-Page

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