37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उ0प्र0 राजस्व संहिता, 2006 (उ0प्र0 राजस्व संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2015 द्वारा यथा संशोधित) का विमोचन किया।

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 (उ0प्र0 राजस्व संहिता (संशोधन) अध्यादेश,

2015 द्वारा यथा संशोधित) का विमोचन किया। इस अवसर पर श्री यादव ने कहा कि संहिता के लागू होने से पुराने जटिल राजस्व कानून समाप्त हो जाएंगे तथा जनता को सरल और शीघ्र न्याय सुलभ होगा।
श्री यादव ने कहा कि यह समाजवादी सरकार का एक ऐतिहासिक फैसला है। यह काम नेता जी श्री मुलायम सिंह यादव ने शुरु किया था। हमारा सौभाग्य है कि इसे पूरा करके आज जनता के बीच में पेश किया जा रहा है। इससे किसानों और ग्रामीण अंचल की जनता को बहुत मदद और राहत मिलेगी। न्याय सस्ता होगा और उन्हें कचहरी के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने संहिता के लिए राजस्व विभाग तथा प्रारूप समिति के सदस्यों को बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की न्याय की आकांक्षा स्वाभाविक है। तकनीक के माध्यम से चीजों को जानना और समझना आसान हुआ है। वर्तमान समय में तकनीक के माध्यम से स्थितियों में बदलाव लाया जा सकता है। शिकायतों के निवारण के लिए राज्य सरकार ने ‘जनसुनवाई’ पोर्टल की शुरुआत की है। जनता की न्याय की आकांक्षा पूरी करना समाजवादियों की बड़ी उपलब्धि है। गांवों में ज्यादातर विवाद कुछ सीमित चीजों को लेकर होते हैं। गांवों की जी0आई0एस0 मैपिंग से इन मामलों में काफी कमी लायी जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेट्रो रेल, समाजवादी पेंशन योजना, ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा, ‘102’ नेशनल एम्बुलेंस सर्विस, अच्छी सड़कों का निर्माण जैसी राज्य सरकार की तमाम उपलब्धियां हैं। बुनियादी ढांचे के विकास, बिजली उत्पादन तथा सोशल सेक्टर में राज्य सरकार ने उम्दा काम किया है। गांव, गरीब, किसान, नौजवान समाजवादी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। प्रदेश के विकास के लिए किसान और नौजवान की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर काम करने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार ने किसानों को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने तथा नौजवानों को नौकरी तथा रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने का काम किया है। प्रदेश सरकार इसे आगे भी जारी रखेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित श्री जावेद आब्दी की मांग पर अमरोहा जनपद के नौगवां सादात को नई तहसील बनाने की घोषणा की करते हुए कहा कि नई तहसीलें वर्तमान जरूरतों के हिसाब से बनायी जानी चाहिए। यहां पर आधुनिक तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, जिससे जनता को सरकार के काम और उपलब्धियों सहित अन्य जानकारियां एक क्लिक पर प्राप्त हो सकें।
विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस संहिता के लागू होने से ग्रामीण अंचलों में काफी परिवर्तन आएगा। उन्होंने चकबंदी कानून में भी इस कानून की भांति संशोधन किए जाने की बात भी कही।
राजस्व मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने इस अवसर पर कहा कि कानून को समय के साथ समाज की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए समसामायिक बने रहना चाहिए। इसी को ध्यान में रखकर नया कानून बनाया गया है। पुराना कानून काफी क्लिष्ट था, जिसके कारण विवादों के निपटारे में भी बहुत अधिक समय लगता रहा है। नये कानून में ऐसी व्यवस्था की गई है कि प्रक्रियागत जटिलताएं कम होंगी और नियत समय में विवादों का निपटारा हो सकेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 (उ0प्र0 राजस्व संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2015 द्वारा यथा संशोधित) में राजस्व अधिकारी (न्यायिक) की नियुक्ति, खतौनी में खातेदारों के हिस्से का उल्लेख, मिनजुमला नम्बरों का भौतिक विभाजन, आवंटित भूमि में पत्नी को बराबर हिस्सा, अविवाहित पुत्री को प्रथम श्रेणी का उत्तराधिकार, अनुसूचित जाति के भूमिधर द्वारा गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को कलेक्टर की आज्ञा से सशर्त अंतरण, शपथ पत्र के आधार पर सरसरी न्यायिक कार्यवाही, ग्राम स्तरीय व्यथा निवारण समिति का गठन, आबादी क्षेत्र का सर्वे कराकर उसका अभिलेखीकरण किए जाने की व्यवस्था, आसामी को असंक्रमणीय भूमिधर का अधिकार, राजस्व वादों का निर्धारित समय सीमा में निस्तारण, 50,000 रुपए तक के बकायेदारों की गिरफ्तारी पर रोक जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि राजस्व संहिता, की प्रारूप समिति के सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि इस संहिता के लागू होने से भू-राजस्व अधिनियम 1901, उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 सहित भूमि सम्बन्धी 39 अधिनियम निरसित हो जाएंगे। इससे राजस्व एवं भूमि सम्बन्धी विवादों के निपटारे में शीघ्रता आएगी। राजस्व परिषद के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि राजस्व मुकदमों के शीघ्र निपटारे के लिए राजस्व न्यायिक अधिकारियों का एक संवर्ग गठित किया जाएगा। इससे शीघ्र न्याय के साथ ही विवादों का शीघ्र और नियत समय में निपटारा होगा। प्रमुख सचिव श्री सुरेश चन्द्रा ने बताया कि यह संहिता 11 फरवरी, 2016 से लागू होगी।
कार्यक्रम को प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता एवं प्रारूप समिति के अध्यक्ष श्री राज बहादुर यादव ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद श्री धीरज साहू ने उपस्थित अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More