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चकबंदी कार्य में लापरवाही एवं अनियमितताएं बरतने पर दो चकबंदी अधिकारी निलंबित

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश की राजस्व राज्यमंत्री श्री अनुपमा जायसवाल ने चकबनदी कार्यों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने में अनियमितता, लापरवाही तथा प्रचलित वादों के निस्तारण में हीलाहवाली बरतने पर 02 चकबंदी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबित किये गये अधिकारियों में चकबंदी अधिकारी महोबा रमेश बाबू एवं सहायक चकबंदी अधिकारी पीलीभीत रामलेश प्रसाद हैं।

श्रीमती जायसवाल आज यहां चकबंदी आयुक्त कार्यालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रही थीं उन्होंने पाया कि कतिपय चकबंदी अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन ठीक ढंग से नही कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चकबंदी कार्यों में किसी प्रकार की अनियमितता व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगीं उन्होंने समीक्षा के दौरान उक्त चकबंदी अधिकारियों की शिकायत मिलने पर तत्काल उन्हें निलंबित करने के आदेश दिये।

श्रीमती जायसवाल ने कहा कि चकबंदी अधिकारी महोबा द्वारा जनपद महोबा में वित्तीय वर्ष 2018-19 में धारा-23, 27 व 52 के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण नहीं किया गया। रमेश बाबू की कार्य प्रणाली के कारण ग्राम् सिमरिया के किसानों में भारी असंतोष व्याप्त है जिससे वह अपने ग्राम की चक आपत्तियाँ उन्हें नहीं सुनाना चाहते। इसी प्रकार उनका अपने अधीनस्थ स्टाफ पर पर्याप्त नियंत्रण न होने से ग्राम निबोरा का कार्य भी पूर्ण नहीं कराया गया। उन्होंने बताया कि रमेश बाबू क्षेत्रान्तर्गत नियमित एवं नियम 109 के अन्तर्गत प्रचलित वादों के निस्तारण की प्रगति भी अत्यन्त धीमी रहीं इससे स्पष्ट है कि रमेश बाबू न तो स्वयं कार्य में रूचि रखते हैं और अधीनस्थ स्टाफ परनियंत्रण न होने के कारण स्टाफ द्वारा भी कोई कार्य नहीं किया गया।

राजस्व राज्यमंत्री ने कहा कि सहायक चकबंदी अधिकारी पीलीभीत रामलेश प्रसाद द्वारा बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के मनमाने तरीके से कार्य कर रहे थे। विभिन्न चकबंदी कार्यों में अनियमित कृत हेतु रामलेश प्रसाद से स्पष्टीकरण मांगे जाने पर उनके द्वारा उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की गई। उन्होंने अपना स्पष्टीकरण भी अत्यंत विलंब से प्रस्तुत किया, उन्होंने बताया कि रामलेश प्रसाद ने अपने स्पष्टीकरण में रकबे के संबंध में बरती गई अनयिमितताओं में वास्तविक स्थिति का उल्लेख नहीं किया और उच्चाधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की। वास्तविक स्थिति यह है कि सहायक चकबंदी अधिकारी द्वारा एक किसान को अनुचित लाभ एवं अन्य को अनुचित हानि पहुँचाने का काम किया।

समीक्षा के दौरान श्रीमती जायसवाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन जनपदों में धारा 23, 27, 52 के तहत चकबंदी कार्य लक्ष्य के सापेक्ष अत्यंत खराब है ऐसे जनपदों के बंदोबस्त अधिकरी चकबंदी को कारण बताओं, नोटिस निर्गत किये जायें। उन्होंने इन अधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर कार्यवाही के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि पुराने वादों को शीघ्र निस्तारित किया जाये। 10 वर्ष से अधिक समय से चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण की जाये।

उन्होंने कहा कि जिन गांवों चकबंदी सुचारू रूप से बढ़ाया जाना संभव न हो उन ग्रामों के संबंध में चकबंदी प्रक्रिया से पृथक करने हेतु औचित्य पूर्ण प्रस्ताव तैयार किया जाये। उन्होंने चकबंदी निदेशालय के अधिकारियों को जनपदों में जाकर चकबंदी कार्यों के अनुश्रवण करने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने समीक्षा के दौरान सेवानिवृत्त कर्मियों की समस्याओं का निस्तारण शीघ्र करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये।

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