26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘विश्व बांस दिवस’ के अवसर पर बांस वेबिनार को संबोधित किया

देश-विदेश

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग तथा अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि मोदी सरकार की योजना घरेलू बांस उद्योग को बढ़ावा देने की है, जिसकी कोविड के बाद के युग में भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। विश्व बांस दिवस के अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) के तहत गन्ना और बांस प्रौद्योगिकी केंद्र (सीबीडीटी) तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए यह बात कही।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड-19 के बाद के समय में पूर्वोत्तर क्षेत्र, भारत के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में से एक होगा और बांस उद्योग आर्थिक गतिविधियों का एक प्रमुख स्तंभ बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई कारोबारी घराने विशाल कृषि-संसाधनों का फायदा उठाने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र की ओर देख रहे हैं और हमें इस अवसर को छोड़ना नहीं चाहिए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बांस उद्योग को महामारी के काले बादलों के बीच में उम्मीद की किरण के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि, यह कोविड के बाद के युग में पूर्वोत्तर सहित पूरे देश की अर्थव्यवस्था को एक नया आकार देने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन्त्र “वोकल फॉर लोकल” पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को एक नई ऊर्जा प्रदान करेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने बहुत ही संवेदनशीलता के साथ बाँस उद्योग के महत्व को स्वीकार किया है और अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए पुराने भारतीय वन अधिनियम में संशोधन भी किया है, ताकि घरेलू बांस को वन अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जा सके। जिसके माध्यम से लोगों की आजीविका के अवसरों को बढ़ाने में काफ़ी मदद मिलेगी। उन्होंने कच्चे बांस की वस्तुओं पर आयात शुल्क 25 प्रतिशत बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि, इस निर्णय से घरेलू बांस उद्योगों जैसे फर्नीचर, हस्तशिल्प और अगरबत्ती बनाने में बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी और भवन निर्माण सामग्री के लिए बांस के उपयोग को बढ़ावा भी मिलेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, अब राष्ट्रीय बाँस मिशन के लिए समय आ गया है, जब बाँस को एक आम आदमी की उपयोगिता की वस्तु बनाने के लिए एक बड़ी पहल की जाए और पूर्वोत्तर के इलाक़े में इस क्षेत्र की विशाल संभावनाओं को खोल दिया जाए। उन्होंने कहा, एक उपयोगी ईंधन के रूप में बांस का यह क्षेत्र नए भारत का नया इंजन बन सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय ने स्टार्ट-अप के लिए व्यवहार्यता वित्त पोषण के माध्यम से पूर्वोत्तर के युवाओं की कल्पना को थाम लिया है और यह तेजी से देश के युवाओं के लिए बेहद आकर्षक विकल्प बन रहा है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0027GN3.jpg

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि, जम्मू क्षेत्र में कटरा, जम्मू और सांबा कस्बों में बांस की टोकरी, अगरबत्ती और बांस चारकोल बनाने के लिए तीन बांस क्लस्टर विकसित किए जाएंगे जो लगभग 25,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि इन सबके अलावा जम्मू और कश्मीर प्रशासन द्वारा भूमि आवंटन के दो साल के भीतर ही जम्मू के पास एक मेगा बांस औद्योगिक पार्क और बांस प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्र भी इस क्षेत्र में खोला जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि, गन्ना और बांस प्रौद्योगिकी केंद्र जम्मू और कश्मीर (केंद्र शासित प्रदेश) सरकार के साथ तकनीकी सहयोग और साझेदारी करेगा। जिससे सामान्य सुविधा केंद्र, गन्ना और बांस प्रौद्योगिकी पार्क, गन्ना और बांस औद्योगिक पार्क, एफपीओ, नए समूह (क्लस्टर) और निर्माण-परिचालन-अंतरण (बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर) बीओटी पर आधारित उच्च प्रौद्योगिकी वाली नर्सरी की स्थापना नियत समय पर की जा सकेगी।

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में सचिव डॉ इंदरजीत सिंह, पूर्वोत्तर क्षेत्र परिषद के सचिव श्री मोशेस के. चलाई, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में अपर सचिव डॉ. अल्का भार्गव और अभिजीत बरुआ, सीआईआई नॉर्थ ईस्ट काउंसिल एमडी, गन्ना और बांस प्रौद्योगिकी केंद्र के सह-अध्यक्ष श्री शैलेंद्र चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More