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युवाओं के लिए उद्यशीलता के माहौल को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने प्रधानमंत्री युवा योजना शुरू करने की घोषणा की

देश-विदेश

नई दिल्ली: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के दूसरे स्थापना दिवस के अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी ने आज उद्यमशीलता शिक्षा और प्रशिक्षण के बारे में अब मंत्रालय की एक प्रमुख योजना प्रधानमंत्री युवा योजना का शुभारंभ किया।

पांच साल (2016-17 से 2020-21 तक) की अवधि में 499.94 करोड़ की परियोजना लागत से यह योजना 3050 संस्थानों के माध्यम से 7 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को उद्यमशीलता शिक्षा और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगी। यह सूचना और संरक्षक नेटवर्क, क्रेडिट, इनक्यूबेटर और एक्सीलेटर तक आसान पहुँच और युवाओं के लिए एक मार्ग का का सृजन करने में सहायता प्रदान करेगी।

इस अवसर श्री रूडी ने कहा कि इस सरकार ने देश में उद्यमशीलता को ऊंचा उठाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री युवा योजना में उद्यशीलता शिक्षा सीखने की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रक्रियाएं शामिल हैं।

उन्होंने कहा एमएसडीई के उद्यमशीलता शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए दो समर्पित संस्थानों – एनआईईएसबीयूडी और आईआईई ने आज तक उद्यमिता कौशल के क्षेत्र में 125 से अधिक देशों के 2,600 व्यक्तियों सहित 7 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया है। इस मंत्रालय का एक हिस्सा बनने के बाद ये दोनों संस्थान अब देश भर में उभरते उद्यमियों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम इस पहल के द्वारा अपने युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर जुटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रधानमंत्री युवा योजना के अधीन उच्च शिक्षा के 2200 संस्थान (कॉलेज, विश्वविद्यालय और प्रमुख संस्थान), 300 स्कूल, 500 आईटीआई और 50 उद्यमिता विकास केंद्र मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (एमओओसी) के माध्यम से शामिल हैं।

इस सम्मेलन में एमएसडीई द्वारा सामान्य मानदंडों, जिला स्तर समितियों, श्रेष्ठ प्रक्रियाओं, विशेष परियोजनाओं, वंचित समूहों, निगरानी और सत्यापन के लिए मजबूत मॉडल बनाने के कार्य को निश्चित करने के प्रयासों के बारे में खुलासा किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए एमएसडीई सचिव श्री रोहित नंदन ने कहा कि कौशल के लिए एक निश्चित आधार मानक का रखरखाव कायम रखना होगा। कौशल के बारे में किसी भी कीमत पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। राज्यों को आईआईटी और प्रशिक्षण भागीदारों के ग्रेड के सत्यापन के लिए केंद्र के साथ भागीदारी करनी चाहिए ताकि कौशल की गुणवत्ता और मानक को बनाए रखा जा सके। सेक्टर कौशल परिषदें (एसएससी) नौकरियां जुटाने के लिए स्थानीय अधिकारियों और उद्योगों के साथ मिलकर काम करेंगीं।

श्री राजीव प्रताप रूडी ने राज्य मंत्रियों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.0 (2016-2020) के तहत राज्यों की भागीदारी के लिए दिशा निर्देशों का अनावरण किया। एमएसडीई ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के लिए राज्यों को निर्धारित निधियों की 25 प्रतिशत राशि अर्थात लगभग 3000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है ताकि 4 वर्षों में 10 मिलियन लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।

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