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राष्‍ट्रीय आविष्‍कार अभियान (आरएए) का डॉक्‍टर एपीजे अब्‍दुल कलाम द्वारा शुभारम्‍भ

देश-विदेश

नई दिल्ली: पूर्व राष्‍ट्रपति डॉक्‍टर एपीजे अब्‍दुल कलाम ने आज नई दिल्‍ली में राष्‍ट्रीय आविष्‍कार अभियान (आरएए) का शुभारंभ किया। अभियान की शुरूआत करते हुए डॉक्‍टर कलाम ने छात्रों में नवाचार और प्रयोगात्‍मक भावना विकसित करने पर जोर दिया। उन्‍होंने विशिष्‍टता के चार गुणों – महान उद्देश्‍य, ज्ञान की भूख, कड़ी मेहनत और दृढ़ता पर ध्‍यान केन्द्रित करने के लिए कहा। सीखने के मूल्‍य पर जोर देते हुए उन्‍होंने कहा कि हम जीने के लिए सीखते हैं, सोचने के लिए सीखते हैं और ज्ञान के लिए सीखते हैं। उन्‍होंने विज्ञान को सबसे अधिक महत्‍व दिये जाने पर जोर दिया। राष्‍ट्रीय आविष्‍कार अभियान, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विकसित एक विशिष्‍ट अवधारणा है, जिसका उद्देश्‍य बच्‍चों में विज्ञान और गणित के लिए उत्‍सुकता, सृजनता और प्रेम की भावना का समावेश करना है।

केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्‍मृति ईरानी ने इस अवसर पर एकत्रित लोगों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा संबोधित करते हुए आरएए के इस तथ्‍य पर प्रकाश डाला कि यह अभियान छात्रों को कक्षा से बाहर विज्ञानों को सीखने के लिए प्रोत्‍साहित करने हेतु उनके मंत्रालय की एक पहल है। यह प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया विजन को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है। उन्‍होंने इस तथ्‍य पर भी जोर दिया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भागी‍दारी के लिए अधिक से अधिक महिलाओं को प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने छात्राओं में वैज्ञानिक भावना को पोषित करने के लिए इंटेल द्वारा किये गये प्रयासों के बारे में बताया। उन्‍होंने गुगल इंडिया की कोड टू लर्न कन्‍टेस्‍ट पहल का उल्‍लेख करते हुए कहा कि इससे छात्रों को गुगल परिसर में सीखने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने यह घोषणा भी की कि उच्‍च शिक्षा के लिए आरएए का दूसरा चरण जनवरी, 2016 में शुरू किया जाएगा, जिसके तहत पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के सभी जिलों में मॉडल विज्ञान प्रयोगशालायें स्‍थापित की जाएंगी।

राष्‍ट्रीय आविष्‍कार अभियान के तहत सरकारी स्‍कूलों को आईआईटी/आईआईएम/आईआईएसईआर और अन्‍य केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों तथा प्रख्‍यात संगठनों द्वारा नवाचार कार्यक्रमों, छात्रों के आदान-प्रदान, प्रदर्शनों, छात्रों के भ्रमणों आदि द्वारा परामर्श दिया जाएगा, ताकि विज्ञान और गणित को सीखने के लिए छात्रों में स्‍वभाविक उत्‍सुकता का विकास हो सकें। इस अभियान के आयोजन के दौरान विज्ञान और गणित पर दिखाये गये लैजर शो से दर्शक रोमांचित हुये। रिसर्च अनुसंधान एवं नवाचार के लिए पहल पुरस्‍कार, 2014-15 के विजेता दो छात्रों सुश्री जया और श्री अर्श ने अपनी नवाचार परियोजनायें और अपनी यात्रा विज्ञान के अदभुत विश्‍व के माध्‍यम से साझा की। डॉक्‍टर भीमराव अंबेडकर विश्‍वविद्यालय लखनऊ के छात्रों ने एक नाटक प्रस्‍तुत किया, जिसके द्वारा यह संदेश दिया गया कि जीवन के हर पहलू में विज्ञान किस प्रकार बुना जाता है और यह कक्षाओं तक सीमित नहीं है।

दर्शकों ने अग्नि-4 के परियोजना निदेशक डॉक्‍टर टेसी थॉमस और मार्स आरबिटर मिशन की उप परिचालन निदेशक श्रीमती नन्‍दनी हरिनाथ जैसे वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की। उन स्‍कूली छात्रों के कुछ नवाचार मॉडल विज्ञान प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये गये, जिन्‍होंने विभिन्‍न राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों पर प्रतिनिधित्‍व किया है। केन्‍द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्‍वी विज्ञान मंत्री डॉक्‍टर हर्षवर्धन, पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री जितेन्‍द्र सिंह, मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री (उच्‍च शिक्षा) प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव (उच्‍च शिक्षा) श्री विनय सिंह ओबरॉय हजारों स्‍कूली छात्रों और विभिन्‍न उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों के प्रमुख और वैज्ञानिक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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