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अमृतकाल की बेला में देश की स्वतंत्रता का महोत्सव हम सभी को नए उत्साह और उमंग के साथ आगे बढ़ाने की प्रेरणा दे रहा: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि अमृतकाल की बेला में देश की स्वतंत्रता का महोत्सव हम सभी को नए उत्साह और उमंग के साथ आगे बढ़ाने की प्रेरणा दे रहा है। नए भारत का दर्शन करा रहा है। देश की प्रगति और समृद्धि के साथ जुड़ते हुए प्रत्येक प्रदेशवासी अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज यहां अपने सरकारी आवास पर ध्वजारोहण करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने देश की आजादी, स्वाधीन भारत की सीमाओं की रक्षा करने तथा देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले भारत माता के सभी ज्ञात-अज्ञात अमर सपूतों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सब अपने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपनों को साकार कर सकें इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 12 मार्च, 2021 को देश की आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम प्रारम्भ किया था। गत वर्ष अमृत महोत्सव के मुख्य समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों को पंचप्रण के संकल्प के साथ जोड़ा था। पंचप्रण प्रत्येक भारतवासी के जीवन का हिस्सा बनना चाहिए। हम सभी जब इस संकल्प से जुड़ते हुए, गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर, एकता की भावना के साथ कार्य करेंगे तो हम विकसित भारत के सपने को साकार कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा दायित्व है कि हम भारत को एक विकसित देश के रूप में स्थापित करने के लिए पंचप्रण के संकल्प के साथ जुड़ें। इस पंचप्रण में विरासत के प्रति सम्मान, विकसित भारत का निर्माण, नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन, गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और एकीकरण की भावना सम्मिलित हैं। इन सबको अपने जीवन का हिस्सा बनाने से वर्ष 2047 में देश की आजादी के शताब्दी महोत्सव पर हम कह सकेंगे कि हमने आजादी के उत्सव को वर्ष 1947 में तो नहीं देखा, लेकिन जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था, उस महोत्सव को मनाने का हमें भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को भारत के संविधान ने मौलिक अधिकार प्रदान किए हैं। हम में से प्रत्येक व्यक्ति देश की स्वतंत्रता का तात्पर्य विशेष अधिकारों का प्राप्त होना मानता है। अधिकारों के साथ-साथ यदि कर्तव्यों का बोध भी हो तो अधिकार और कर्तव्य का यह समन्वय भारत को समृद्ध बनाने, देश को दुनिया की एक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने और आने वाली पीढ़ी के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में योगदान दे पाएगा। अपने कार्यक्षेत्र में कर्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करना ही नागरिक कर्तव्य है।
हमारा देश आज ही के दिन वर्ष 1947 में सदियों की गुलामी की जंजीरों को तोड़ते हुए स्वतंत्र हुआ था। स्वतंत्रता का मतलब क्या होता है, हम सब यह आज महसूस कर रहे हैं, जब जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमें अपनी पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक व्यवस्था को आगे बढ़ाने की स्वतंत्रता प्राप्त हुई है। स्वतंत्र देश के नागरिक के रूप में हमारे पास अपनी आर्थिक नीतियां हैं। प्रत्येक भारतवासी एक स्वतंत्र नागरिक के रूप में न केवल अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति कर रहा है बल्कि भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में अपना बेहतर योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज का दिवस हम सबको एक नए संकल्प के साथ जोड़ता है। देश के उज्ज्वल भविष्य के बारे में जो संकल्प देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, वीर सपूतों और वीरांगनाओं का था, वही हम सब का संकल्प होना चाहिए। तभी हमारा देश एक महाशक्ति के रूप में आगे बढ़ेगा, भारत एक बार फिर से विश्व गुरु के रूप में स्थापित होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 25 वर्षों की कार्य योजना को अमृतकाल के रूप में आगे बढ़ाते हुए प्रदेश और देश में अनेक आयोजन चल रहे हैं। हम सभी विकसित भारत के निर्माण के लिए इन कार्यक्रमों के साथ जुड़कर अपनी मातृभूमि और सनातन राष्ट्र के लिए देश के उन महान अमर सपूतों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर सकेंगे जिन्होंने आजादी की लड़ाई और देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए स्वयं को बलिदान कर दिया था।

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