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‘‘महिलाओं के विरूद्ध बढ़ते अत्याचार‘‘ विषयक संगोष्ठी सम्पन्न

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ एवं राष्ट्रीय महिला आयोग तथा राज्य विधिक सेवा

प्राधिकरण उ0प्र0 लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के सभागार में वृहद स्तर पर दो दिवसीय ‘‘महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार‘‘ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गयी।
‘‘महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार‘‘ विषय पर आयोजित संगोष्ठी के समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हाईकोर्ट इलाहाबाद के सेवा निवृत्त न्यायाधीश श्री ओ0पी0 श्रीवास्तव का भव्य स्वागत जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ, श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री एस0एन0 अग्निहोत्री, न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष मा0 न्यायमूर्ति एस0यू0 खान एवं निदेशक श्री महबूब अली, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री तेज प्रताप तिवारी, ओएसडी श्री एस0के0 रस्तोगी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ श्री इन्द्रप्रकाश एवं संगोष्ठी के संचालक श्री बी0एन0 रंजन तथा अन्य न्यायाधीश गणों ने किया। मुख्य अतिथि श्री ओ0पी0 श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
मुख्य अतिथि हाईकोर्ट इलाहाबाद के पूर्व न्यायाधीश श्री ओ0पी0 श्रीवास्तव ने उपस्थित महिलाओं तथा विधि क्षात्र-क्षात्राओं, शिक्षिकाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के संरक्षण एवं सुरक्षा हेतु लागू किये गये कानून का व्यापक प्रचार-प्रसार होने से उन पर होने वाले अत्याचारों पर अंकुश लग सकेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा हेतु उनकों सशक्त बनाने के लिए बनाये गये अधिनियमों का व्यापक प्रचार-प्रसार आम जनमानस में बेहद जरूरी है। उन्होंने महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाव के उपायों, घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम-2005 के अधीन व्यथित व्यक्तियों के अधिकारों की जानकारी, यौन उत्पीड़न से बचाव तथा कानूनी जानकारी, शरीरिक हिंसा, लैंगिक हिंसा, मौखिक और भावनात्मक हिंसा आर्थिक हिंसा की शिकार महिलाओं को एक्ट/कानून में दिए गये अधिकारों की जानकारी दी। महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षात्मक प्राविधानों की विधिक जानकारी दी।
पूर्व न्यायमूर्ति श्री ओ0पी0 श्रीवास्तव ने महिलाओं को विवाह और कानून, विवाह, के रजिस्टेªशन, विवाह का पुर्नस्थापन, विवाह विच्छेद अर्थात तलाक प्राप्त करने का अधिकार, आपसी सहमति से तलाक, वाद व्यय एवं मुकदमा के दौरान भरण पोषण, बच्चों की अभिरक्षा, पति-पत्नी में हुए विवादों को आपसी सुलह समझौते से निपटाने, पारिवारिक न्यायालयों में अपनी पीड़ा को दूर करने हेतु वाद दायर करने, मध्यस्थता केन्द्रों, सुलह-समझौता केन्द्रों के माध्यम से मामलों को सुलझाने के विषय में जानकारी दी।
श्री श्रीवास्तव ने महिलाओं को दहेज उत्पीड़न सम्बंधी कानून, भरण-पोषण विधि, तथा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने एवं लिंग परीक्षण को गैरकानूनी घोेषित किये जाने के सम्बंध में ऐसा करने वाले व्यक्तियों तथा चिकित्सकों दोनों को सख्त सजा देने के सम्बंध में भी जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने और महिलाओं के संरक्षण हेतु लागू किये गये प्राविधानों के सम्बन्ध में जागरूक होने के लिए स्वयं आगे आने का सुझाव दिया।
जे0टी0आर0आई0 के अध्यक्ष मा0 न्यायमूर्ति श्री एस0यू0 खान, न्यायिक प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक श्री महबूब अली, जनपद न्यायाधीश लखनऊ श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री एस0एन0 अग्निहोत्री एवं सचिव श्री तेज प्रताप तिवारी ने बताया कि महिलाओं के हितों की सुरक्षा हेतु बनाये गये कानून के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु राज्य स्तर एवं जिलास्तर पर ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविरों के माध्यम से जानकारी देने तथा प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षार्थी न्यायाधीशों को महिलाओं के हितों की सुरक्षा हेतु लागू किये गये कानून का कड़ाई से अनुपालन कराने के सम्बन्ध में भी प्रशिक्षण के दौरान जानकारी देने का कार्य किया जा रहा है।
डा0 नीलम सिंह मुख्य कार्यकारी वात्सल्य संस्था लखनऊ ने महिलाओं के स्वास्थ्य, महिलाओं के विभिन्न रोगों तथा उसके उपचार, धात्री महिलाओं की समुचित देखभाल, स्वास्थ्य परीक्षण बच्चों के पालन पोषण तथा परिवार की खुशहाली के लिए महिलाओं कों पूर्ण आदर एवं सम्मान दिए जाने पर विशेष बल दिया है। उन्होंने कहा कि परिवार में महिलाओं के स्वस्थ रहने पर खुशहाली सदैव बनी रहती है। परिवार तरक्की करता है। बच्चे स्वस्थ जन्म लेते है। जिससे स्वस्थ एवं ताकतवर परिवार निर्मित होता है।
इस अवसर पर महिलाओं के संरक्षण तथा उनको उत्पीड़न से बचाव हेतु लागू अधिनियमों के बारे में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश श्री ओ0पी0 श्रीवास्तव एवं न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री एस0यू0 खान, जनपद न्यायाधीश श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री एस0एन0 अग्निहोत्री, सचिव श्री तेज प्रताप तिवारी न्यायिक प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक श्री महबूब अली, ने महिलाओं के हितों की सुरक्षा हेतु बनाये गये कानून की जानकारी दी। उन्होंने उनके प्रश्नों का सटीक उत्तर देकर उनकी समस्याओं का समाधान किया। मुख्य अतिथि ने 125 प्रतिभागी छात्र-छात्राओं, शिक्षिकाओं एवं महिलाओं को प्रतिभाग करने के लिए प्रमाण पत्र वितरित किये।
कार्यक्रम का संचालन न्यायाधीश श्री बी0एन0 रंजन ने किया। इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/सिविल जज सीनियर डिवीजन श्री इन्द्र प्रकाश, सी0बी0आई0 के जज श्री संजय कुमार, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के ओ0एस0डी0/न्यायाधीश श्री एस0 के0 रस्तोगी के अलावा अन्य न्यायाधीशगण, छात्र-छात्रायें एवं अध्यापिकायें उपस्थित थें।

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