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ऑटिज्म टूल्स पर राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

देश-विदेश

नई दिल्ली: नेशनल ट्रस्ट, जो कि सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए विभाग के तहत एक वैधानिक निकाय है, द्वारा ऑटिज्म टूल्स पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला कल संपन्न हो गयी। एम्स के शिशु न्यूरोलॉजी डिवीजन ने इसमें सहयोग दिया था। नेशनल ट्रस्ट के चेयरमैन श्री कमलेश कुमार पाण्डेय ने संव्यवसायिकों को ऑटिज्म के प्रमाणन की प्रक्रिया में आकलन के लिए मास्टर ट्रेनर्स के रूप में प्रमाण-पत्रों का वितरण किया। यह प्रशिक्षण कार्यशाला ऑटिज्म का पता लगाने एवं प्रमाणन में एक नया मोड़ है।

ऑटिज्म प्रशिक्षण पर यह कार्यशाला नेशनल ट्रस्ट द्वारा आयोजित भारत में अपनी तरह की पहली कार्यशाला है और इसका उद्घाटन 31 अगस्त, 2016 को सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने मुख्य अतिथि के रूप में किया था, जिसमें सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर सम्मानित अतिथि थे। उद्घाटन के दौरान प्रशिक्षण के मॉड्यूल के रूप में प्रयुक्त ऑटिज्म पर तीन किताबों का अनावरण भी सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री द्वारा किया गया। एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम.सी.मिश्रा एवं शिशु रोग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर वी.के.पॉल ने भी उद्घाटन समारोह में भाग लिया तथा नेशनल ट्रस्ट और दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

श्री थावरचंद गहलोत संव्यवसायिकों के साथ बातचीत करने के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान 01 सितंबर, 2016 को भी यहां आए और उन्होंने जोनल स्तर पर ऐसे और प्रशिक्षण कार्यशालाओँ के आयोजन की अपील की जिससे कि देश में पर्याप्त संख्या में संव्यवसायिकों को प्रशिक्षित किया जा सके। उन्होंने चिकित्सा महाविद्यालयों को भी इससे जुड़ने की अपील की और प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय से दो चिकित्सकों को ऑटिज्म में प्रशिक्षित करने के लिए आमंत्रित किया।

समापन दिवस पर संयुक्त सचिव एवं सीईओ श्री चितरंजन कुमार खेतान ने नेशनल ट्रस्ट के चेयरपर्सन श्री कमलेश कुमार पाण्डेय की उपस्थिति में सभी मास्टर ट्रेनरों को ऑटिज्म पर इन प्रशिक्षण सामग्री को उनकी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुदित करने तथा पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के द्वारा उनके संबंधित राज्यों में अन्य संव्यवसायिकों को प्रशिक्षित करने की सलाह दी।

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