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गुंडों,माफियाओं के पालनहार दे रहे हैं संविधान और कानून की दुहाई: सिद्धार्थ नाथ सिंह

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: गुंडों,माफियाओं के पालनहार भी अब संविधान और कानून की दुहाई दे रहे हैं। सत्‍ता में बैठ कर कानून को माफियाओं के पैरों तले रख देने वाले अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को अब कानून और संविधान की ताकत का एहसास हो रहा है। योगी सरकार ने साढ़े चार साल में गुंडों,माफिया,अपराधियों और उनके आकाओं को बता दिया है कि कानून की अहमियत क्‍या है। यह बात शनिवार को राज्‍य सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कही।

            सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव की रथ यात्रा के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि साढ़े चार साल तक ड्राइंग रूम से राजनीति करने वाले अखिलेश कम से कम इस बहाने प्रदेश का विकास देख पाएंगे। उत्‍तर प्रदेश में लगातार हो रहे निवेश का नजारा देखेंगे। योगी सरकार के एक्‍सप्रेस वे, मेट्रो,एयरपोर्ट, उद्योग और रोजगार के साथ ही विकास की रौशनी में नहाए गांव,मजदूर और किसानों की खुशहाली भी देख सकेंगे।

            राज्‍य सरकार के प्रवक्‍ता ने कहा कि सियासी औपचारिकता निभाने को अखिलेश और उनकी पार्टी यात्रा निकाल रही है। प्रदेश की जनता उनका चाल,चरित्र और चेहरा अच्‍छी तरह पहचानती है। सपा की पृष्ठभूमि रक्त रंजित है। एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि कन्नौज में बूथ कैप्चरिंग से रोके जाने को लेकर हुए विवाद में सपा सरकार बनने के बाद अखिलेश के इशारे पर सपा के एक कार्यकर्ता ने बूथ कैप्‍चरिंग का विरोध करने वाले युवक नीरज मिश्रा की हत्या कर दी थी। सपा कार्यकर्ता नीरज मिश्रा का कटा हुआ सिर डिब्‍बे में रख कर सीएम आवास लाया और अखिलेश के सामने पेश किया था। ऐसा जघन्‍य अपराध करने वाले पर मुकदमा दर्ज कराने के बजाय तत्कालीन मुख्यमंत्री और उनके बेटे ने अपराधी  को पीठ थपथपा कर विदा किया था । यह घटना किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता सिर्फ खबरों में बने रहने के लिए किसानों और लखीमपुर खीरी को लेकर ओछी राजनीति कर रहे हैं । लखीमपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शुभम मिश्रा और हरिओम मिश्रा की भी मौत हुई है। लेकिन ब्राह्मणों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाली सपा,बसपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित अन्य दलों की कलई जनता के सामने खुल गई है। किसी के मुंह से मरने वाले ब्राह्मणों के लिए एक शब्द भी नहीं निकले हैं। सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है और पीड़ित पक्ष पूरी तरह से संतुष्ट भी है।

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