37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत की मूल विचारधारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की रही है, जो विश्व मानवता के कल्याण की सुरक्षा से ओत-प्रोत है: मुख्यमंत्री

भारत की मूल विचारधारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की रही है, जो विश्व मानवता के कल्याण की सुरक्षा से ओत-प्रोत है: मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि भारत की मूल विचारधारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की रही है, जो विश्व मानवता के कल्याण की सुरक्षा से ओत-प्रोत है। उन्होंने कहा कि सभ्यताओं और संस्कृतियों के संघर्ष के औजार मात्र अस्त्र-शस्त्र ही नहीं, बल्कि विचारधाराएं भी हैं। जो देश व समाज अपनी मूल विचारधारा को छोड़ देते हैं, उनकी पहचान मिट जाती है और जो आदर्शाें, मूल्यों और सांस्कृतिक विचार प्रवाह को साथ लेकर चलते हैं, उनका अस्तित्व बना रहता है।

मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पांचजन्य साप्ताहिक पत्र के लखनऊ ब्यूरो कार्यालय के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पांचजन्य ने सदैव प्रेरक आदर्शाें और राष्ट्रीय लक्ष्यों का ध्यान रखते हुए समाज को नई दिशा दी है। इस पत्र का सफर ध्येय समर्पित और आदर्शवादी पत्रकारिता के संघर्ष की यशोगाथा है। यह साप्ताहिक पत्र भारत की मूल विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता रहा है और विषम परिस्थितियों में भी इसने अपनी अजेय यात्रा को जारी रखा है। भारत की राष्ट्रीयता को नई पहचान देने में पांचजन्य व आॅर्गनाइज़र ने अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन किया है। समय के साथ बदलती तकनीक से जुड़ते हुए आधुनिक परिवेश और मूल सांस्कृतिक विचारधारा का सुन्दर समन्वय किया है।
योगी जी ने कहा कि जब कभी भी समाज और राष्ट्र की मूल संस्कृति पर खतरा उत्पन्न हुआ है, तो पांचजन्य व आॅर्गनाइज़र पूरी मजबूती के साथ देश व समाज हित में खड़ा रहा है। भारत के मूल सांस्कृतिक प्रवाह को बनाये रखते हुए इसके संघर्ष की यात्रा अभिनन्दनीय और अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि आज वह ऐतिहासिक क्षण है, जब लखनऊ से प्रारम्भ हुई लगभग 70 वर्षाें की यात्रा आज पुनः लखनऊ ब्यूरो कार्यालय के शुभारम्भ अवसर के रूप में हम सबके सामने है।
इस पत्र से जुड़े सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की प्रासंगिकता हमेशा बनी रही है। भारत के मीडिया ने लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का कार्य किया है। बहुभाषीय और विविधताओं से भरे भारत देश की लोकतांत्रिक प्रणाली और एकता व अखण्डता को कई लोगों के लिए कौतुहल और आश्चर्य का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत को कई राष्ट्रीयताओं का समूह मानने वाले लोगों को राष्ट्र की यह एकता और अखण्डता अच्छी नहीं लगती। उन्होंने कहा कि जब कभी भी भारत के ऊपर आन्तरिक व बाह्य संकट आया है, तो सभी लोगों ने एकजुट होकर उसका मुकाबला किया है।
योगी जी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक एकता का उदाहरण आदिशंकराचार्य द्वारा स्थापित किये गये चारपीठ हैं, जो पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधते हैं। इस सांस्कृतिक एकता और मूल विचारधारा को बनाये रखते हुए इसकी वैचारिक लड़ाई को कमजोर नहीं होने देना है। उन्होंने कहा कि आज बड़े पैमाने पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रवृत्तियों का संघर्ष व द्वन्द्व दिखायी देता है। नकारात्मक प्रवृत्तियां आतंकवाद, अलगाववाद तथा नक्सलवाद आदि के रूप में हैं, जबकि सकारात्मक प्रवृत्ति के रूप में भारत के सांस्कृतिक वैचारिक प्रवाह का नेतृत्व पांचजन्य जैसे पत्र कर रहे हैं।
योगी जी ने कहा कि प्रायः अधिकारों और कर्तव्यों को लेकर द्वन्द्व दिखायी देता है। जो लोग कर्तव्य से वितर रहकर सिर्फ अधिकारों की बात करते हैं, वे समाज को दिशा नहीं दे सकते। पांचजन्य ने कर्तव्यों और अधिकारों में हमेशा समन्वय की बात की करते हुए समाज को सकारात्मक व रचनात्मक दिशा दी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एकात्म मानववाद और अंत्योदय के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी का मार्गदर्शन और प्रेरणा पांचजन्य को मिलती रही तथा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और लोकप्रिय जननेता श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने सम्पादक के रूप में इस पत्र को नई ऊंचाइयां दीं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पांचजन्य अपनी रचनाओं और लेखों के माध्यम से भारत की मूल वैचारिक परम्परा और नौजवानों का प्रतिनिधित्व करता रहेगा।
समारोह का शुभारम्भ मुख्यमंत्री जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुख्यमंत्री जी को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। समारोह को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डाॅ0 कृष्ण गोपाल जी तथा पांचजन्य के सम्पादक श्री हितेश शंकर जी ने भी सम्बोधित किया। पांचजन्य के लखनऊ ब्यूरो प्रमुख श्री सुनील राय जी ने सभी के प्रति आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर भारत प्रकाशन लिमिटेड के समूह सम्पादक श्री जगदीश उपासने तथा पांचजन्य से जुड़े पदाधिकारीगण, मीडियाकर्मी, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More