37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

नवाचार सेवाओं के माध्यम से गन्ना किसानों को सही समय पर सूचना उपलब्ध कराना गन्ना विकास विभाग का ध्येय

उत्तर प्रदेश

लखनऊः प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने कहा कि भारत सरकार का ‘डिजिटल इंडिया‘ कार्यक्रम भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज एवं ज्ञान पर आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने का एक प्रमुख कार्यक्रम है। प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा डिजिटल क्रांति के माध्यम से प्रदेश की छवि बदलने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीक के प्रसार का संकल्प लेने का ही प्रतिफल है कि आज उ.प्र. के गन्ना किसान स्मार्ट एवं हाईटेक हो रहे हैं तथा इण्टरनेट एवं स्मार्ट फोन के माध्यम से अपनी गन्ना विपणन से संबंधित जानकारियां घर बैठे प्राप्त कर रहे हैं। डिजिटल क्रांति का यह युग समाज के सभी क्षेत्रों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। कृषि क्षेत्र में लगातार डिजिटल समाधानों की मांग की जा रही हैै। नवाचार सेवाओं के माध्यम से गन्ना किसानों को सही समय पर सूचना उपलब्ध कराना गन्ना विकास विभाग का ध्येय है, इसी ध्येय की पूर्ति करने, पारदर्शिता स्थापित करने एवं गन्ना किसानों की गन्ना आपूर्ति संबंधी व्यवस्था को सुगम बनाये जाने के दृष्टिगत विभाग द्वारा पेराई सत्र 2022-23 हेतु एस.एम.एस. के माध्यम से गन्ना पर्ची किसानों के मोबाईल पर प्रेषित की जा रही हैं।
गन्ना आयुक्त ने गन्ना कृषकों से अपील की है कि वह ैळज्ञ ;ैउंतज ळंददं ज्ञपेींदद्ध पर पंजीकृत अपने मोबाईल नम्बर की जांच कर लें अगर मोबाईल नम्बर गलत है तो अपने गन्ना पर्यवेक्षक के जरिए अथवा समिति सचिव से सम्पर्क कर सही मोबाईल नम्बर अपडेट करा लें। उन्होंने कहा कि मोबाईल में एस.एम.एस. इन्बॉक्स भरा होने, मोबाईल स्विच ऑफ होने, नेटवर्क क्षेत्र से बाहर होने की स्थिति या फिर डी.एन.डी. एक्टिवेट होने पर एस.एम.एस. पर्ची का सन्देश 24 घण्टे बाद स्वतः निरस्त हो जायेगा। जिसके कारण गन्ना किसानों को अपनी गन्ना पर्ची की जानकारी प्राप्त नहीं हो पायेगी, इसलिये सभी किसान भाईयों से अनुरोध है कि वह समय से पर्ची प्राप्त करने के लिये मोबाईल को चार्ज रखें तथा मैसेज इनबॉक्स खाली रखें एवं अपने मोबाईल नम्बर पर डी.एन.डी. एक्टिवेट न करायें जिससे सर्वर द्वारा भेजी गयी पर्ची उनके मोबाईल नम्बर पर समय से प्राप्त हो जाये।
उन्होंने यह भी कहा कि एस.एम.एस. गन्ना पर्ची प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है तथा इस व्यवस्था के तहत किसान को तत्काल पर्ची प्राप्त हो रही है एवं समय से गन्ना पर्ची मिल जाने से किसान अपना गन्ना ससमय चीनी मिलों को आपूर्ति कर पायेंगे तथा गन्ने के सूखने से होने वाले नुकसान से भी बच सकेंगे। एस.एम.एस. गन्ना पर्ची के द्वारा प्रदेश के किसानों को गन्ना माफियाओं से भी निजात मिली है। अब किसानों को पर्ची छीने जाने, पर्ची फटने, पर्ची धुलने आदि की समस्याओं से भी छुटकारा मिल गया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि इस व्यवस्था में गन्ना कृषकों को समस्त सूचनाएं ऑन लाइन पोर्टल ूूूण्बंदमनचण्पद एवं म्.ळंददं।चच के माध्यम से घर बैठ उपलब्ध हो रही हैं, प्रदेश के 46.42 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों को वर्तमान पेराई सत्र के आरम्भ में ही अब तक इन्डेण्ट जारी करने वाली 42 चीनी मिलों के किसानों को लगभग 10 लाख गन्ना पर्चियां कैलेण्डर के बेसमोड पर जारी की गई हैं, इनमें लगभग 32 हजार पर्चियां छोटे किसानों को भी कैलेण्डर के बेसमोड पर जारी की गई हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More