26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

अंगदान के लिए अभियान तेज करेः उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने अग्नाशय, फेफड़ों, हृदय, लीवर और गुर्दे खराब हो जाने के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इन मानव अंगों की बढ़ती मांग को देखते हुए अंगदान अभियान में तेजी लाने का आह्वान किया है।

हैदराबाद में इंडियन सोसाइटी ऑफ ऑर्गेन ट्रांसप्लांटेशन के 29वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि आज के समय में देश में अंगदान की बहुत जरूरत है लेकिन इनकी उपलब्धता बेहद सीमित है। लीवर प्रत्यारोपण की जरूरत वाले मरीजों की संख्या प्रति वर्ष 85,000 होती है लेकिन इनमें से 3 प्रतिशत से भी कम का ही प्रत्यारोपण हो पाता है। इसी तरह प्रति वर्ष 2 लाख मरीज गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण कराते है लेकिन इनमें से केवल 8,000 का ही प्रत्यारोपण हो पाता है। हजारों की संख्या में प्रतीक्षारत मरीजों में से केवल 1 फीसदी का ही हृदय और फेफड़ों का प्रत्यारोपण होता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हालांकि पिछले चार-पांच वर्षों के दौरान मृत्यु उपरांत मानव अंगदान के मामलों में काफी तेजी आई है लेकिन फिर भी मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर बना हुआ है और प्रति दस लाख में इसका औसत 0.8 है जो कि स्पेन और क्रोएशिया जैसे छोटे देशों की तुलना में भी बहुत कम है।

श्री नायडू ने कहा कि देश में अंग दान की मांग और आपूर्ति में यह बड़ा अंतर सांस्कृतिक मान्यताओं, पारम्परिक सोच और कर्मकाण्डों की वजह से है। उन्होंने डॉक्टरों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य लोगों से अनुरोध किया कि वह अंगदान के महत्व के प्रति लोगो को जागरूक करें। उपराष्ट्रपति ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले अन्य लोगों से अंग प्रत्यारोपण विधि को जरूरतमंद लोगों के लिए सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया। उन्होंने ईलाज से बचाव बेहतर के कथन पर जोर देते हुए कहा कि जीवनशैली में बदलाव कर कई घातक बीमारियों से बचा जा सकता है।

गैर-संचारी रोगों के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए श्री नायडू ने चिकित्सक समुदाय से कहा कि वे लोगों को अनियमित जीवनशैली, जंक-फूड और शराब तथा तम्बाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक बनाएं। उन्होंने योग के फायदे गिनाते हुए कहा कि योग का धर्म से कोई लेना-देना नहीं हैं। बेहतर स्वास्थ्य के लिए सभी को नियमति रूप से योग करना चाहिए। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टरों को पहली पदोन्नति देने के पहले उनका ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम दो-तीन साल काम करना अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।

10.74 करोड़ गरीब ग्रामीण परिवारों को स्वास्थ्य बीमा सुविधा के रूप में आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत करने की केन्द्र सरकार की पहल का स्वागत करते हुए श्री नायडू ने इसे एक सकारात्मक प्रगतिशील योजना बताया। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत देश में दवाओं और उपकरणों के विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि वह सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सकें।

सम्मेलन में तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री श्री मोहम्मद महमूद अली, भारतीय अंग प्रत्यारोपण सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. के.एल. गुप्ता और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More