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राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने जन सूचना अधिकारी कृषि उत्पादन मण्डी समिति, बिजनौर को दिये थे, जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: आर0टी0आई0 अधिनियम-2005 के तहत बिजनौर निवासी श्री संजीव राजन ने ज0सू0अ0, कृषि उत्पादन मण्डी समिति, बिजनौर से आवेदन-पत्र देकर जानकारी मांगी थी कि मेरे शिकायती पत्र दिनांक 02.03.2015 पर उक्त पंजीकृत डाक लेने से इन्कार करने पर कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं। उक्त पत्र पर जांच के समय जांच अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए बुलाया गया है, बुलाये गये पत्र की प्रति तथा जांच रिपोर्ट पर समक्ष अधिकारी द्वारा लिये गये निर्णय की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करायी जाये, मगर विभाग द्वारा आवेदक को कोई सूचना नहीं दी गयी। प्रार्थी ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर मामले की जानकारी चाही है।
राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने जन सूचना अधिकारी, कृषि उत्पादन मण्डी समिति, बिजनौर को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की बिन्दुवार सभी सूचनाएं अगले 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से वादी को उपलब्ध कराते हुए, आयोग को अवगत कराये, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये।
श्री अर्जुन सिंह, जनसूचना अधिकारी, कृषि उत्पादन मण्डी समिति, बिजनौर उपस्थित हुए, उन्होंने आयोग को प्रकरण के सम्बन्ध में अवगत कराया कि वादी द्वारा जन सूचनाओं के अन्तर्गत जो भी सूचनाएं मांगी जा रही है, वे सूचनाएं पूर्व में प्रेषित आर0सी0 की धनराशि 65,60,176 (रू0 पैंसठ लाख, साठ हजार, एक सौ छियत्तर) से बचने हेतु मांगी जा रही है, क्योंकि श्री राजन द्वारा पूर्व में मण्डी समिति धामपुर, बिजनौर से भारी धनराशि गबन कर रखी है, अभिलेखों में हेराफेरी/जालसाजी/धोखाधड़ी करने का गबन सिद्ध व्यक्ति है।
श्री संजीव राजन (कोषलिपिक) को गंभीर आरोपों के सिद्ध होने के उपरान्त डिसमिस (पदच्युत) किया जा चुका है, गबन की धनराशि की वसूली मय ब्याज सहित सम्पत्ति से करने हेतु भी आदेशित किया गया है, जिसके चलते वह मुझसे व्यक्गित रंजिश रखते हुए, मुझे तरह-तरह के आरोप लगाकर परेशान करना, मेरा मानसिक उत्पीड़न, तथा उच्चाधिकारियों को मेरे विरूद्ध झूठी शिकायतें कर मेरी छवि जानबूझकर खराब करने की कोशिश की जा रही है, इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने आयोग को दी है।

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