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जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है प्रदेश सरकार

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही के कुशल निर्देशन में कृषि विभाग द्वारा परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत 24 जनपदों का चयन किया गया है। इन चयनित जनपदों में कुल 620 क्लस्टरों का चयन कर 31000 एकड़ क्षेत्रफल में जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु 31000 किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के हमीरपुर जनपद को जैविक खेती के अन्तर्गत माॅडल जनपद बनाने हेतु 140 क्लस्टर में कार्यक्रम संचालित कर पूर्ण कर लिया गया है। आर0के0वी0वाई0 योजनान्तर्गत पीलीभीत जनपद में जैविक खेती योजान्तर्गत 35 क्लस्टर का गठन कर कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत चयनित 08 जनपदों में वर्ष 2018-19 में 320 क्लस्टर का गठन कर कार्यक्रम चलाया जा रहा है। झांसी व बांदा में भी आर्गेनिक आउटलेट की स्थापना करायी गयी है।

इसके अतिरिक्त प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक प्रमाणीकरण संस्था का राज्य स्तर पर गठन किया गया है। जैविक प्रमाणीकरण संस्था प्रदेश में क्रियाशील है। प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार की संस्थाओ द्वारा वर्ष 2017-18 में कृषक, कृषक समूह का प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 16242 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पंजीयन का कार्य पूर्ण किया गया। वर्ष 2018-19 में 388 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पंजीयन का कार्य पूर्ण किया गया।

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मृदा में जीवांश कार्बन बढ़ाने हेतु वित्तीय वर्ष 2018-19 में 84812 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना कराई गई। वर्ष 2018-19 के अवशेष 39523 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना वर्ष 2019-20 में की जायेगी। जबकि वर्ष 2017-18 में 97814 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट के स्थापना लक्ष्य के सापेक्ष 69139 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना कराई गई थी। योजनान्तर्गत 75 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य किया गया है।

       इसके अतिरिक्त सभी किसानों को मृदा हेल्थ कार्ड का वितरण किये जाने हेतु कृषि विभाग द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में अभियान चलाया गया। अभियान के प्रथम चरण के 169.91 लाख मृदा हेल्थ कार्ड वितरण लक्ष्य के सापेक्ष 170.15 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित करके प्रथम चरण के लक्ष्य को शत्-प्रतिशत् प्राप्त किया जा चुका है। द्वितीय चरण (वर्ष 2017-18 एवं 2018-19) में 2.33 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण लक्ष्य के सापेक्ष जून, 2019 तक 186.51 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया जा चुका है। प्रदेश के जनपदों में माइक्रोन्यूट्रियन्ट की टेस्टिंग हेतु 43 ए0ए0एस0 (एटाॅमिक एब्जापर्सन स्पेक्ट्रोफोटोमीटर) की आपूर्ति कराकर क्रियाशील किया गया, जिससे मृदा में माइक्रोन्यूट्रियन्ट्स की टेस्टिंग की जा रही है।

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