27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

शिशु को स्तनपान कराना माँ के स्वास्थ्य के लिए भी हितकारी: वेद प्रकाश

उत्तर प्रदेश

लखनऊ:  माँ का दूध जहां शिशु को स्वस्थ और निरोगी रखता है, वहीं स्तनपान कराने से माँ का शरीर भी पुनः स्वस्थ बनावट को प्राप्त कर लेता है। यह जानकारी आज डाॅ0 वेद प्रकाश महाप्रबन्धक बाल स्वास्थ्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उ0प्र0 ने दी। उन्होंने बताया कि स्तनपान एक गर्भनिरोधक की तरह भी काम करता है। शिशु को दूध पिलाने की अवधि में गर्भधारण की सम्भावनाएं कम हो जाती हैं।

डाॅ0 वेद प्रकाश ने बताया कि 01 से 07 अगस्त तक मनाए जा रहे स्तनपान सप्ताह में सरकार द्वारा स्तनपान कराने संबंधी हर भ्रान्ति को दूर करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार और गोष्ठियां की जा रही हंै। उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत शहरी माताएं शिशुओं को स्तनपान नहीं करा पा रही हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की माताएं सामाजिक भ्रान्तियों के कारण पहले एक घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान नहीं करा पायी हैं जो कि मात्र 10 प्रतिशत ही है। शहरी महिलाओं में यह भ्रांति है कि स्तनपान कराने से शारीरिक संरचना का गठन प्रभावित होता है, जबकि शिशु को स्तनपान कराने वाली माताएं अपने वास्तविक शारीरिक गठन को शीघ्र प्राप्त करती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक स्तनपान कराने से महिलाओं को गर्भाशय के कैंस और आस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाव होता है।

ज्ञात हो कि विश्व स्तनपान सप्ताह में प्रदेश में शिशुओं को जन्म के प्रथम घंटे में काॅलस्ट्रम (माँ का गाढ़ा पीला दूध) पिलाने तथा शिशु को निरन्तर 06 माह तक माँ दूध पिलाने के सामान्य व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंकज कुमार ने इस विषय में प्रदेश के समस्त सीएमओ को पत्र प्रेषित कर इस व्यवहार को बढ़ावा देकर अभियान सफल बनाने के निर्देश दिये हैं।

माँ का दूध जहां शिशु को स्वस्थ और निरोगी रखता है, वहीं स्तनपान कराने से माँ का शरीर भी पुनः स्वस्थ बनावट को प्राप्त कर लेता है। यह जानकारी आज डाॅ0 वेद प्रकाश महाप्रबन्धक बाल स्वास्थ्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उ0प्र0 ने दी। उन्होंने बताया कि स्तनपान एक गर्भनिरोधक की तरह भी काम करता है। शिशु को दूध पिलाने की अवधि में गर्भधारण की सम्भावनाएं कम हो जाती हैं।

डाॅ0 वेद प्रकाश ने बताया कि 01 से 07 अगस्त तक मनाए जा रहे स्तनपान सप्ताह में सरकार द्वारा स्तनपान कराने संबंधी हर भ्रान्ति को दूर करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार और गोष्ठियां की जा रही हंै। उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत शहरी माताएं शिशुओं को स्तनपान नहीं करा पा रही हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की माताएं सामाजिक भ्रान्तियों के कारण पहले एक घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान नहीं करा पायी हैं जो कि मात्र 10 प्रतिशत ही है। शहरी महिलाओं में यह भ्रांति है कि स्तनपान कराने से शारीरिक संरचना का गठन प्रभावित होता है, जबकि शिशु को स्तनपान कराने वाली माताएं अपने वास्तविक शारीरिक गठन को शीघ्र प्राप्त करती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक स्तनपान कराने से महिलाओं को गर्भाशय के कैंस और आस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाव होता है।

ज्ञात हो कि विश्व स्तनपान सप्ताह में प्रदेश में शिशुओं को जन्म के प्रथम घंटे में काॅलस्ट्रम (माँ का गाढ़ा पीला दूध) पिलाने तथा शिशु को निरन्तर 06 माह तक माँ दूध पिलाने के सामान्य व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंकज कुमार ने इस विषय में प्रदेश के समस्त सीएमओ को पत्र प्रेषित कर इस व्यवहार को बढ़ावा देकर अभियान सफल बनाने के निर्देश दिये हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More