देहरादून: उत्तराखंड पुलिस द्वारा परिवहन विभाग के सहयोग से St Joseph Academy, Dehradun में आयोजित “सड़क सुरक्षा सेमिनार” का उद्घाटन श्री अनिल के0 रतूड़ी,पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया, कार्यक्रम का संचालन श्रीमती जया बलूनी क्षेत्राधिकारी यातायात, देहरादून द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्रीमती कंचन चौधरी भट्टाचार्य, भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, श्री जे0एस0 पाण्डेय,भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, श्री आर0एस0मीणा अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, उत्तराखण्ड श्री वी0विनय कुमार पुलिस महानिरीक्षक, श्री पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र व श्री पूर्ण सिंह रावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमायूं परिक्षेत्र, श्री केवल खुराना, सहायक पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात आदि ने भाग लिया।
श्री अनिल के0 रतूड़ी,पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश बनने के 17 वर्षों में जिस प्रगति से औद्योगिक विकास हुआ है उसके अनुपात में सड़कों का विस्तार नहीं हुआ है। राज्य बनने के बाद वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। किसी भी राज्य का प्रतिबिम्ब वहां की यातायात व्यवस्था है हम यातायात व्यवस्था में सुधार एवं सड़क सुरक्षा के लिये प्रतिबद्ध है। इस सेमिनार के माध्यम से जनता से संवाद करने का प्रयास किया गया है। जब तक जनता जागरूक नहीं होगी तब तक हम सकरात्मक स्तर तक नहीं पहुंच पायेंगें। विश्व में सबसे अधिक 25 वर्ष से कम आयु की युवा पीड़ी भारत में है।सड़क दुर्घटनओं में सबसे अधिक मृत्यु 18 से 35 वर्ष के युवाओं की हो रही है। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि सड़क सुरक्षा के प्रति अपने में जागरूकता लायें तथा यातायात नियमों का पालन करें। मुझे आशा है कि इस सेमिनार के माध्यम से आपके साथ समय साझा कर हम किसी निष्कर्ष तक पहुंच सकेगें।
श्री अशोक कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। सड़क दुर्घटनाओं में देश में लगभग 1.5 लाख तथा उत्तराखण्ड राज्य में लगभग 1000 लोग अपनी कीमती जान गंवाते हैं। आपराधिक घटनाओं से जितनी मृत्यु हो रही है इससे 5 गुना अधिक मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं से हो रही है। जिससे परिवार और समाज को अपूरणीय नुकसान पहुंचता है, इसलिये प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह यातायात के नियमों का पालन करे और अन्य लोगों को भी जागरूक करे। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण नशे में वाहन चलाना, वाहन चलाते समय मोबाईल फोन का प्रयोग करना, रैस/ओवर स्पीडिंग, ओवर लोडिंग, वाहनों की खराब दशा व उनका फिटनेस का न होना, नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, खराब रोड़ इन्जीनियरिंग, चालक की लापरवाही/मानवीय त्रुटि, पहाड़ी मार्गों पर पर्याप्त संकेत चिन्हों का न होना है।। जिसमें यातायात समस्या के समाधान हेतु निम्न बिन्दु दिये गयेः-
- सब-वे/फुट ओवर ब्रिज का निर्माण।
- फुटपाथों का निर्माण मेट्रो रेल हेतु कार्यवाही।
- रिंग रोड एवं बाईपास मार्गो का निर्माण। सभी स्कूलों/कॉलेजों में पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जानी।
- कस्बा क्षेत्रों में नियमित यातायात पुलिस बल नियुक्त करना।
- नये पार्किंग स्थल विकसित करना। मल्टी स्टोरी स्टैगर/पजल्ड पार्किंग का निर्माण।
- बोटल नेकों का चौड़ीकरण किया जाना।
- रेलवे क्रासिंगों के ऊपर रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाना।
श्री डी0सेथियन पांडियन, आयुक्त परिवहन ने बताया कि राज्य में सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में प्रतिबद्धता सुनिश्रित करने के उद्देश्य से राज्य सड़क सुरक्षा नीति प्राख्यपित की गई है। परिवहन विभाग में पारदर्शिता के दृष्टिगत सभी 19 परिवहन कार्यालयों में वाहन 4.0 एवं सारथी 4.0 साफ्टवेयर लागू कर दिया गया है। वाहन चालकों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्धेश्य से वृहत चालक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई है।
श्री उत्पल कुमार, मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में स्कूलों एवं कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाये जाये। दुघर्टनाओं सम्भावित क्षेत्रों एवं जाम ग्रसित क्षेत्रों का अध्ययन कर उनके समाधान हेतु सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करें।
श्री रजत रस्तोगी, रोड इजिंनियरिंग एक्सपर्ट, आईआईटी रूड़की, वी0सी0 नगर निगम,देहरादून श्री आनन्द भारद्वाज, अपर निदेशक, शिक्षा विभाग श्री सुंधाशु गर्ग आर0टी0ओ0 देहरादून एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों द्वारा अपनी-अपनी प्रस्तुतीकरण से सड़क दुर्घटनाओं,जाम के कारणों एवं इनके समाधान पर विचार-विमर्श किया गया।
श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत,माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड द्वारा इस अवसर पर यातायात निदेशालय उत्तराखण्ड पुलिस की वेबसाईट लांच की गई। सेमिनार का समापन करते हुये अपने सम्बोधन मे कहा कि देश के विकास में युवा पीढ़ी की अहम भूमिका है। जैसे कि आकड़े बता रहे हैं कि सड़क दुर्घटनाओं में अधिक मृत्यु युवा वर्ग की हो रही है। इन सड़क दुर्घटनाओं से परिवार को ही नही अपितु देश को भी भारी नुकसान हो रहा है। मैं युवा वर्ग से अपील करना चाहूंगा कि वे अपने माता-पिता, शिक्षको व पुलिस की बात सुनें तथा यातायात के नियमों का पालन करते हुये उन्हें अपने जीवन में लागू करें।
इस अवसर पर श्री यशपाल आर्य माननीय मन्त्री परिवहन, श्री नीरज जोशी अपर नगर आयुक्त, देहरादून, श्री विकास गर्ग, चेयरमैन,एफसीसीआई, श्रीमती भूपेन्द्र कौर ओलख, सचिव शिक्षा, श्री अंकुर चौधरी, चेयरमैन यूपीईएस, श्री आशीष श्रीवास्तव, श्री सुंधाशु गर्ग आर0टी0ओ0 देहरादून, आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहें।