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स्कूल चलो अभियान के तहत शैक्षिक सत्र 2022-23 में अब तक 1.90 करोड़ बच्चों का किया गया नामांकन

उत्तर प्रदेश

लखनऊः उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग को शैक्षिक सत्र 2022-23 में 2.0 करोड़ बच्चों के नामांकन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक स्कूल चलो अभियान के अन्तर्गत जनपदों द्वारा नामांकन बढ़ाये जाने की दिशा में सराहनीय प्रयास किया गया है और 2.0 करोड लक्ष्य के सापेक्ष लगभग 1.90 करोड़ बच्चों को नामांकित किया जा चुका है।
यह जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार ने एक पत्र के माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने बताया कि जनपदों में क्लस्टर के रूप में परम्परागत कुटीर एवं लद्यु उद्योग/सूक्ष्म उद्योग स्थापित हैं। उदाहरणार्थ जनपद (1) आगरा में चमड़े के जूते, चमड़े का सामान, संगमरमर, (2) अलीगढ़ में ताला एव हार्डवेयर बनाने का काम, जूट एवं जूट का सामान, (3) प्रयागराज-रबड़ एवं प्लास्टिक का सामान, लकड़ी का शिल्प, कागज मिल, (4) बरेली-जरी सिलाई एवं कढ़ाई, रेडीमेड गारमेंट्स एवं एम्ब्रायडरी, (5) भदोही-कालीन बनाने कैनवास बैंग, (6) फिरोजाबाद-में चूड़ी एवं काँच का सामान, (7) मुरादाबाद में पीतल (हैण्ड क्राफ्ट) (3) कानपुर- में चमड़े के जूते एवं चमड़ा का बना सामान, रेडीमेड गरमेट्रा, पेपर उत्पादन, (9) लखनऊ-चिकन कारीगरी, जरदोजी का कार्य, बोन क्राफट, टेराकीट (10) वाराणसी- सिल्क वीविंग एण्ड डिजाइनिंग, स्लक ब्रोकेडस, ग्लास बीडस, कलर्टर फूलमाला बनाने आदि जैसे पुस्तैनी कार्यों में पूरा परिवार लगा रहता है। जनपदों में संचालित कुटीर, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के पॉकेट्स/क्लस्टरों को चिन्हित कराते हुए वहां हाउस होल्ड सर्वे के माध्यम से 06-14 आयु वर्ग के बालक-बालिकाओं का चिन्हांकन एवं नामांकन कराया जाय।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने बताया कि जनपदों में संचालित ईट भट्ठों पर कार्यरत श्रमिकों के बच्चे प्रायः शिक्षा के अवसर से वंचित रह जाते हैं। अतः इस सम्बन्ध में समस्त जिलाधिकारियों द्वारा जनपद मे संचालित ईंट भट्ठों के मालिकों की एक बैठक बुलाकर उनके भट्ठों पर कार्यरत श्रमिकों के 06 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को अनिवार्य रूप से समीप के प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयो में नामांकित कराए जाने हेतु प्रेरित किया जाये। असेवित बस्तियों, बाजारों, रेलवे स्टेशनों पर एवं रेल पटरियों के किनारे बसने वाले परिवारों, झुग्गी-झोपडी, बस स्टैण्ड ओवरब्रिज के नीचे रहने वाले परिवारों आदि को विशेष रूप से फोकस करते हुए डी०एल०एड० प्रशिक्षुओं की टीम लगाकर सर्वे कराया जाय एवं 06-14 आयुवर्ग के शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन कराया जाय। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल के जनपदों में पाये जाने वाले मुसहर समुदाय, गोरखपुर मण्डल के जनपदों में पाये जाने वाले बनटांगिया समुदाय, तराई क्षेत्र के जनपदों में पाये जाने वाले थारू समुदाय तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपदों में सहरिया एवम् कंज़र समुदाय के लोग निवास करते है। इन समुदाय के परिवारों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बहुत कम है तथा इन समुदाय के परिवार के बच्चों में विद्यालय न जाने की प्रवृत्ति होती हैं। जिलाधिकारी के नेतृत्व में इन क्षेत्रो में कार्य करने वाली स्वयं सेवी संस्थायें बी0टी0सी0/डी0एल0एड0 के प्रशिक्षुओं एवं अध्यापकों की टीम बनाकर सर्वे कराते हुए 06-14 आयुवर्ग के बच्चों को विद्यालय में नामांकन कराया जाय।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा है कि इस सम्बन्ध में उपरोक्तानुसार सभी जनपदों में गतिविधियों का संचालन कराते हए 06-14 आयु वर्ग के शत-प्रतिशत बच्चों का विद्यालयों में नामांकन तथा नामांकित बच्चों का प्रेरणा पोर्टल पर पंजीकरण एव उनका आधार प्रमाणीकरण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।

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