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स्मृति ईरानी के करीबी सुरेंद्र सिंह की हत्या: तीन संदिग्ध गिरफ्तार, पुलिस ने राजनीतिक रंजिश का मामला बताया

देश-विदेश

यूपी के अमेठी में स्मृति ईरानी के करीबी सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। सुरेंद्र सिंह के हत्या मामले में पुलिस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार को भी बरामद कर लिया है। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हमने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। दो आरोपी अब भी फरार हैं, जिन्हें हम जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे। सभी साक्ष्यों के आधार पर यह स्पष्ट है कि पाचों संदिग्धों और मृतक के बीच राजनीतिक रंजिश थी। यह हत्या राजनीतिक रंजिश का नतीजा है।

गौरतलब है कि अमेठी से नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी के करीबी माने जाने वाले बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम ने रविवार को बताया था कि बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान स्थानीय भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह को शनिवार रात करीब 11.30 बजे अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी । उन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि सुरेन्द्र सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने रविवार को पांच लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की।

दयाराम ने बताया कि वसीम, नसीम, गोलू, धर्मनाथ और बीडीसी सदस्य (ब्लाक डेवलपमेंट कमेटी क्षेत्र विकास समिति) रामचंद्र के खिलाफ सुरेन्द्र सिंह की हत्या के मामले में धारा 302 (हत्या) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। रामचंद्र बीडीसी सदस्य एवं कांग्रेस नेता है। उन्होंने बताया कि प्रथमदृष्टया मामला लोकसभा चुनाव (lok sabha election 2019) और पूर्व में पंचायत चुनाव के दौरान हुई रंजिश का होने की आशंका है।

दयाराम ने बताया कि नसीम, वसीम और गोलू पर गोली मारने का आरोप है। इस बीच स्मृति ईरानी दोपहर बाद बरौलिया गांव पहुंचीं और सुरेन्द्र सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल हुईं। स्मृति ने सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प चढाये। इस दौरान वह काफी भावुक हो गयीं। स्मृति ने सिंह के पार्थिव शरीर को कंधा भी दिया । इससे पहले वह सिंह के परिवार वालों से मिलीं और उन्हें ढाढस बंधाया। सुरेन्द्र सिंह स्मृति ईरानी के बहुत करीबी माने जाते थे । सिंह के घर पहुंची स्मृति ने उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, ”मैं इस घटना से बहुत दुखी हूं। सरकार एवं भाजपा संगठन दु:ख की इस घड़ी में परिवार के साथ है।”

उन्होंने कहा, ”दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवायी जाएगी … जिसने गोली चलाई और जिसने गोली चलाने का आदेश दिया है, उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए आवश्यक हुआ तो उच्चतम न्यायालय तक जाएंगे।” स्मृति ने कहा कि अमेठी को आतंकित करने की नीयत से सुरेंद्र सिंह की हत्या की गई है। अमेठी टूटे, अमेठी झुके, इस घटना के पीछे यही छिपा है। उन्होंने कहा कि भाजपा का 11 करोड़ का परिवार सुरेंद्र सिंह के परिवार के साथ खड़ा है। कानून की मर्यादा में रहकर दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।

ईरानी ने कहा, ”हम सबको संयम बरतना चाहिए। धैर्य से काम लेना होगा। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।” इस बीच लखनऊ में उत्तरप्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा, ”हमें पुरानी रंजिश का पता चला है। हम ये भी पता कर रहे हैं कि कहीं कोई राजनीतिक दुश्मनी तो नहीं थी। यूपी पुलिस की टीमें सघन जांच कर रही हैं। अब तक हमने सात लोगों को हिरासत में लिया है। हमें इलेक्ट्रानिक सर्विलांस से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी मिले हैं।”

उन्होंने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि अगले 12 घंटे में हम हत्या की वजह का पता कर लेंगे। सभी संभावित पहलुओं को देखा जा रहा है।”
उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता की मौत अत्यंत दुखद है। वह परिश्रमी कार्यकर्ता थे। भले ही हत्यारे पाताल में क्यों ना छिपे हों, उन्हें ढूंढ निकालेंगे। इस घटना से पूरी अमेठी दुखी है। उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई गुंजाइश नहीं है। हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

उत्तरप्रदेश के राज्यमंत्री मोहसिन रजा भी पूर्व प्रधान के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। रजा ने बताया कि सिंह की हत्या उस समय हुई, जब वह सो रहे थे। यह अत्यंत जघन्य घटना है। रजा अमेठी के प्रभारी मंत्री भी हैं। सिंह के बेटे अभय सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि कुछ कांग्रेस समर्थक असामाजिक तत्वों को अमेठी में भाजपा की जीत रास नहीं आई। सिंह की हत्या पर भाजपा के अमेठी लोकसभा क्षेत्र के संयोजक राजेश अग्रहरि ने ‘भाषा’ से कहा, ” कांग्रेस की हताशा और घटना के हालात को देखते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।”

राजेश ने कहा कि चुनाव के बाद से कांग्रेस में हताशा है इसलिए घटना की गहन जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि इसे राजनैतिक हत्या होने से इंकार नहीं किया जा सकता। सभी पहलुओं पर जांच हो रही है। सिंह पूर्व प्रधान रहे हैं इसलिए यह पुरानी रंजिश का मामला भी हो सकता है।

लोकसभा चुनाव के दौरान जूता वितरण प्रकरण में सुरेंद्र सिंह काफी चर्चा में रहे थे। उन्हें स्मृति ईरानी का करीबी माना जाता था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने स्मृति ईरानी पर बरौलिया गांव के लोगों को जूते बांटने का आरोप लगाते हुए इसे अमेठी के लोगों का अपमान बताया था। बरौलिया गांव को पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था। Source Livehindustan

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