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महिला और बाल कल्याण की योजनाओं को एकीकृत करने के लिए रीता बहुगुणा जोशी ने की वृहद समीक्षा बैठक

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण, मातृ-शिशु कल्याण, पर्यटन मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने आज विविध विभागों में महिलाओं और बच्चों के लिए प्रदेश और केन्द्र द्वारा चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं को एकीकृत करने के लिए विभागों के अति वरिष्ठ एवं सम्बन्धित अधिकारियों के साथ पर्यटन भवन लखनऊ के सभाकक्ष में समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ-शिशु कल्याण विभाग के अतिरिक्त भी विविध विभागों द्वारा ऐसी महत्वपूर्ण योजनायें चलाई जा रही हैं, जिनके द्वारा महिलाओं और बच्चों को बड़े स्तर पर लाभान्वित किया जा सकता है, किन्तु विभागों में आपसी तालमेल न होने से लाभार्थियों की सही जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती। बैठक में उन्होंने योजनावार चर्चा करते हुए एक जैसी योजनाओं के लाभार्थियों का डेटा और जनहितकारी योजनाओं से दूसरे विभाग के लाभार्थियों को भी संतृप्त करने की व्यवस्था बनाने को कहा।

बैठक में विशेष सचिव गृह विभाग ने रेस्क्यु किए गए बच्चों और पीड़ित महिलाओं को उनका मेडिकल तथा बयान होने तक सुरक्षा में रखने के लिए व्यवस्था न होने की समस्या को उठाया। मंत्री जी ने निर्देश दिया कि जब तक हर जनपद में आशा ज्योति केन्द्र के भवन निर्मित नहीं हो जाते तब तक ऐसी समस्या के निदान के लिए किराए के भवन लेकर व्यवस्था की जाये। महिलाओं की आत्म सुरक्षा को लेकर गृह विभाग तथा माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चलाए गए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लेकर प्रो0 जोशी ने प्रशिक्षण गुणवत्ता तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों की संख्या, प्रशिक्षुओं की संख्या के विवरण के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।

बैठक में हुई समीक्षा में यह तथ्य भी सामने आया कि विविध विभाग सैनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराने और वितरण कराने का कार्य कर रहे हैं। श्रम विभाग द्वारा श्रमिक महिलाओं के लिए मातृत्व हितलाभ योजना तथा महिला एवं बाल विकास में केन्द्र पोषित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में दो जगह गर्भवती महिलाओं के लिए चल रही लाभकारी योजना की चर्चा भी की गयी। इसी क्रम में मिशन निदेशक पंकज कुमार ने गर्भवती महिला का डेटा संकलन एक जगह उपलब्ध कराने का सुझाव दिया जिससे गर्भवती महिला की प्रसव सूचना प्राप्त न होने पर पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत जांच की जा सके।

बैठक में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास निदेशक ने प्रस्ताव किया कि राष्ट्रीय कौशल विकास केन्द्र में मानव शक्ति कम होने के कारण जो योजनाएं क्रियान्वित किए जाने में समस्या आ रही है उन योजनाओं को उन्हें व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास में दे दिया जाए। श्रम विभाग द्वारा बाल श्रमिकों के पुनर्वासन हेतु कौशल विकास प्रशिक्षण में किशोर बच्चों की अल्पशिक्षा का मुद्दा उठाते हुए उन्हें अच्छे और रोजगारपरक प्रशिक्षणों से जोड़े जाने की चर्चा की गयी।

प्रो0 जोशी ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतु एकीकृत रणनीति बनाने की आवश्यकता है और इसके लिए अन्तर्विभागीय तालमेल होना चाहिए। उन्होंने कहा बैठक में स्पष्ट है कि पंचायतीराज, समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, ग्राम विकास, परिवार कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण जैसे कई विभागों में समानान्तर एक जैसे लाभ देने वाली योजनाएं चल रही हंै, जिन्हें एक मंच पर लाकर ही सुनियोजित किया जाने की व्यवस्था बनाई जाये, जिसमें लाभार्थियों की सही संख्या स्पष्ट हो और आगे की कार्य योजना भी बनाई जा सके।

बैठक में राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती विमला बाथम तथा बाल आयोग के अध्यक्ष डा0 विशेष गुप्ता सहित महिला कल्याण, परिवार कल्याण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मातृ-शिशु कल्याण, गृह, स्वास्थ्य, ग्राम विकास, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, श्रम, शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, सूडा, समाज कल्याण, पंचायतीराज, पिछड़ा वर्ग कल्याण, युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल आदि विभागों के अति वरिष्ठ एवं सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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