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अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता भारतीय जलवायु परिवर्तन रणनीतियों के प्रमुख स्तंभों में से हैं: भूपेंद्र यादव

देश-विदेश

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने संयुक्त अरब अमारात के जलवायु दूत तथा उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्री महामहिम डॉ. सुल्तान अल जाबेर के साथ आज सीओपी-26, नवीकरणीय ऊर्जा और अन्य संबंधित मामलों से संबंधित मुद्दों पर वर्चुअल माध्यम से चर्चा की।

श्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता भारतीय जलवायु परिवर्तन रणनीतियों के प्रमुख स्तंभों में से हैं। श्री यादव ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में, भारत ने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि अक्षय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा, जीवाश्म ईंधन पर आधारित ऊर्जा की तुलना में सस्ती हो जाए।

मंत्री महोदय ने आगे उल्लेख किया कि भारत ने पहले ही लगभग 151 गीगा वॉट गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता स्थापित कर ली है। यह कुल ऊर्जा क्षमता का 39 प्रतिशत ऊर्जा क्षमता स्थापित है। श्री यादव ने कहा कि भारत ने इससे और आगे बढ़ते हुए, 2030 तक 450 गीगा वॉट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य घोषित किया है।

पर्यावरण मंत्री ने भारत के हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के गठबंधन (सीडीआरआई) और उद्योग परिवर्तन के लिए नेतृत्व समूह (लीडआईटी) जैसी वैश्विक पहलों का भी उल्लेख किया। श्री यादव ने विकासशील देशों की चिंताओं को, विशेष रूप से वित्त और प्रौद्योगिकी सहित कार्यान्वयन सहायता के क्षेत्रों में प्राथमिकता देने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

संयुक्त अरब अमीरात जलवायु दूत तथा उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्री, डॉ. सुल्तान अल जाबेर ने इस वर्ष बाद में ग्लासगो में आयोजित होने वाले सीओपी-26 में संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के साथ संयुक्त अरब अमारात की जलवायु के लिए कृषि नवाचार मिशन पर पहल (एआईएम-सी) के लिए भारत का समर्थन मांगा।

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