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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वैक्सीन मैत्री में बिना कोई शर्त की नीति अपनाने पर जोर दिया: डॉ. हर्षवर्धन

देश-विदेश

दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) ने चिकित्सा बिरादरी के प्रति योगदान और कोविड-19 महामारी के दौरान उत्कृष्ट सेवा व अनुकरणीय कार्यों में योगदान के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को सम्मानित किया।

नई दिल्ली में होटल द ललित में 7 मार्च 2021, रविवार को धर्मशिला नारायण अस्पताल के सहयोग से दिल्ली चिकित्सा संघ के 62 वें वार्षिक दिल्ली राज्य चिकित्सा सम्मेलन (मेडिकॉन-2021) के अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन को हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य संकट के दौरान एक अरब से अधिक लोगों के लिए आशा की किरण की संज्ञा प्रदान की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने न केवल भारत में पोलियो उन्मूलन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, बल्कि अतीत में डेंगू, इबोला और प्लेग जैसी महामारी के प्रकोपों को भी नियंत्रित किया है।

डॉ. हर्षवर्धन ने आयोजन के अवसर पर कहा, “मेरे लिए यहां मेडिकॉन 2021 में उपस्थित होना और इस पुरस्कार को ग्रहण करना गर्व की बात है। मेरे लिए प्रतिष्ठित दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) में मेरे बीते समय की कई महत्वपूर्ण स्मृतियां हैं जिनमें न केवल भारत में बल्कि दुनिया में कहीं भी सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा पेशेवरों में से कुछ का समृद्ध इतिहास है।”

उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी ने हमें यह अवसर दिया कि हम सभी एक साथ आएं और अपने से पहले भारत को आगे रखें। स्वास्थ्यकर्मी (एचसीडब्ल्यू) और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ता, न केवल इस कमरे में, बल्कि पूरे भारत से, इस अवसर पर पहुंचे और न केवल अपने परिवार के साथ उनका समय, बल्कि इस प्यारे देश के लिए अपना मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का बलिदान किया। मैं आपको, आपके सहकर्मियों, आपके मित्रों और परिवार, और बाकी सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने आपको उस समय हमारी मातृभूमि की सेवा करने के लिए शक्ति और प्रोत्साहन दिया, जिसकी हमें सबसे ज्यादा जरूरत थी।”

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “हमारे और आपके जीवनकाल के 14 महीनों और दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के दौरान लगभग 2 महीने के समय में यह सबसे बड़े स्वास्थ्य संकट का समय है। आज तक, हमने 2 करोड़ से अधिक लोगो को कोविड-19 के टीके लगाये हैं और हमारे टीकाकरण की दर बढ़कर 15 लाख टीके प्रतिदिन हो गई है। अधिकांश अन्य देशों की तुलना में, हमारे पास कोविड-19 टीकों की निरंतर आपूर्ति है जो प्रतिरक्षाजनत्व और प्रभावकारिता की प्रमाणिकता के साथ सुरक्षित हैं। प्रारंभिक परिणामों के आधार पर, दुनिया में कहीं भी टीकाकरण (एईएफआई) के बाद इन भारत में निर्मित टीको में से कुछ में सबसे कम प्रतिकूल घटनाएं सामने आई हैं।”

डॉ. हर्षवर्धन ने ज़ोर देकर कहा कि आज पूरी दुनिया में बच्चों को केवल पोलियो (पोलियोमाइलाइटिस) के खिलाफ टीका लगाने की आवश्यकता है क्योंकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान अपने-अपने देशों से इस बीमारी को समाप्त करने में विफल रहे हैं, हालांकि दुनिया के बाकी हिस्सों से पोलियो का उन्मूलन हो गया है। इसी तरह, भारत कोरोनावायरस और कोविड-19 से सुरक्षित नहीं रह सकता है यदि विश्व के शेष देश असुरक्षित बने हुए हैं, यही कारण है कि कोविड-19 “वैक्सीन राष्ट्रवाद पर अंकुश लगाना आवश्यक है। यदि गरीब और अविकसित देशों में नोवेल कोरोना वायरस का संक्रमण जारी रहता है, तो हम सभी के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम नहीं होंगे। कोविड टीके का उचित और न्यायसंगत वितरण समय की सबसे बड़ी जरूरत है।”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारत दुनिया की फार्मेसी के रूप में उभरा है, और हमने 62 विभिन्न देशों को 5.51 करोड़ कोविड-19 के टीके की आपूर्ति की है। वैश्विक संकट के समय, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में दुनिया के लिए एक मिसाल बनकर उभरा है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे पास श्री नरेन्द्र मोदी जी के रूप में एक वैश्विक नेता है जो वास्तव में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ मंत्र का प्रतीक हैं। “

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का इस बात पर जोर था कि कोविड-19 टीकों को बिना किसी शर्त के उपलब्ध कराया जाना चाहिए, और वैश्विक मानवीय संकट के काल में टीकों की आपूर्ति से वंचित देशों से लाभ नहीं उठाना चाहिए।”

भारत में कोविड-19 के उन्मूलन की संभावना को देखते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “हम भारत में कोविड-19 महामारी की समाप्ति के अंतिम चरण में हैं, और इस स्तर पर सफल होने के लिए, हमें इन चरणों का पालन करने की आवश्यकता है: राजनीति को कोविड-19 टीकाकरण अभियान से बाहर रखें, कोविड-19 टीकों के पीछे के विज्ञान पर भरोसा करें, और सुनिश्चित करें कि हमारे निकट और प्रिय लोग समय पर टीकाकरण का लाभ प्राप्त करें।”

उन्होंने कहा, “सरकार पहले ही निजी कंपनियों को कोविड-19 टीकाकरण में शामिल कर चुकी है, और यदि अस्पताल चाहें, तो वे 24×7 टीकाकरण कर सकते हैं। सभी से मेरा अनुरोध है कि जिस तरह लोगों ने ‘कोविड-19 उचित व्यवहार के लिए जन आंदोलन’ को अपनाया, उसी तरह से उन्हें कोविड-19 टीकाकरण के लिए जन आंदोलन को अपनाना चाहिए और जब भी संभव हों, सभी कोविड-19 टीका लगवाएं।”

दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) के अध्यक्ष, डॉ. बी.बी. वाधवा ने कहा, “डॉ. हर्षवर्धन चिकित्सा पेशा जगत का गौरव हैं। वह अतीत में डीएमए के अध्यक्ष रहे हैं। हम भारत को पोलियो मुक्त होने में उनके अनुकरणीय मिशनरी उत्साह को स्वीकार करते हैं और उनकी सराहना करते हैं। जब वह 1993-1994 में डीएमए के अध्यक्ष थे, तब वह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री भी थे और उन्होंने नया पल्स पोलियो कार्यक्रम शुरू किया था, जिसे बाद में पूरे देश ने और अंततः सार्क देशों ने भी इस अभियान को अपना लिया था। हम गर्व के साथ उनके साथ अपने जुड़ाव को याद करते हैं।”

दिल्ली चिकित्सा संघ के मानद राज्य सचिव डॉ. अजय गंभीर ने कहा, “हमने पल्स पोलियो कार्यक्रम के दौरान डॉ. हर्षवर्धन जी के नेतृत्व में काम किया है और डीएमए अब पूरी तरह से देश भर में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने और टीकाकरण कार्यक्रम में मदद करने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि महिला दिवस की पूर्व संध्या पर, हम महिलाओं के अधिकारों के साथ-साथ कैंसर की रोकथाम के लिए काम करने का संकल्प लेते हैं।”

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