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नववर्ष के अवसर पर राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का राज्‍यों के राज्‍यपाल और उपराज्‍यपाल के लिए संदेश

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देश-विदेश

नई दिल्ली: प्रिय राज्‍यपाल एवं उपराज्‍यपाल :
1. सर्वप्रथम तो बहुत खुशहाल, तंदुरूस्‍त एवं शांतिपूर्ण नव वर्ष के लिए कृपया मेरी शुभकामनाएं स्‍वीकार करें। मैं कामना करता हूं कि साल 2016 अपने साथ हम सभी के लिए नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आए और

हमारे राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि के लिए अपने कर्तव्यों का बेहतर ढंग से निर्वहन करने में हमारी सहायता करे।
2. वर्ष 2015, जो अब पीछे छूट गया है, बहुत चुनौती पूर्ण था। हालांकि उसमें कई सकारात्मक घटनाएं भी हुईं। हमारी अर्थव्यवस्था जो वर्ष 2015-16 की पहली छमाही में 7.2 प्रतिशत की दर पर थी, उसमें अब सुधार हो रहा है। कारोबार में फीका प्रदर्शन होने का बावजूद हमारे बाह्य क्षेत्र का स्थायित्व बरकरार रहा। चालू खाते का घाटा चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी का 1.4 प्रतिशत पर प्रबंधनीय है। विदेशी मुद्रा भंडार 350 बिलियन डॉलर के सुविधा जनक स्तर पर है। चिंता की स्थिति कृषि क्षेत्र में है जिस पर कम मानसून का असर पड़ा है। प्रकृति इस वर्ष हमारे प्रति ज्यादा दयालु नहीं रही। देश के विभिन्न हिस्सों विशेष कर तमिलनाडु और असम में विनाशकारी बाढ़ आई, जबकि कई अन्य राज्यों में गंभीर सूखे की स्थिति रही। इन चुनौति पूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा।
विशिष्ट राज्‍यपाल एवं उपराज्‍यपाल :

3. हमारे संसदीय लोकतंत्र में राज्यपाल अपने – अपने राज्यों में संवैधानिक प्रमुख होते हैं। उन्हें संविधान के दायरे में रहते हुए अपने कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। दूसरे शब्दों में, उन्हें राज्य के तीनों अंगों – कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका – के लिए निहित अधिकारों और उत्तरदायित्वों का सम्मान करते हुए अपने लिए नियत भूमिका को निभाना चाहिए। अपने विवेक, अनुभव और नैतिक प्रभुत्व के साथ उन्हें केंद्र और राज्यों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने में सहायता करनी चाहिए। यह राज्य और उसकी जनता के सबसे ज्यादा हित में होगा।

माननीय राज्‍यपाल एवं उपराज्‍यपाल :
4. राष्ट्र की प्रगति की रफ्तार में तेजी लाने और जनता का जीवन स्तर बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन कदमों में प्रमुख हैं – स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, कौशल भारत और स्टार्ट-अप इंडिया। इनमें से प्रत्येक कार्यक्रम की एक ऐसे नए भारत के निर्माण में एक विशिष्ट भूमिका है, जहां उसके नागरिकों, विशेषकर युवाओं के लिए अपार अवसर होंगे।

5. वैसे तो ये प्रमुख नीतियां और कार्यक्रम मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में कार्यपालिका द्वारा कार्यान्वित किए जाने वाले हैं, लेकिन आपका कुशल नेतृत्व, समझाने- बुझाने और संतुलन कायम करने के प्रभाव की क्षमता, परिवर्तन की इस प्रक्रिया में मददगार हो सकते हैं।

माननीय राज्‍यपाल एवं उपराज्‍यपाल :
6. आप अपने – अपने राज्यों के कई विश्वविद्यालयों के विजिटर अथवा कुलपति हैं। आप अपने इस संबंध को अकादमिक उत्कृष्टता के केंद्र तैयार करने और इन संस्थानों को स्मार्ट परिसर बनने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन के माध्यम से वे अपने क्षेत्रों में समावेशी विकास के केंद्र भी बन सकते हैं। आप इन संस्थानों को कम से कम पांच गांवों को गोद लेने के लिए प्रेरित भी कर सकते हैं, जिन्हें वे मॉडल गांवों में परिवर्तित करने में सहायता कर सकते हैं। वे अपने गोद लिये गांवों में वित्तीय समावेशन और डिजिटल समावेशन के क्षेत्र में भी कार्य कर सकते हैं। इसी तरह वे इन गांवों में स्वच्छता के सुदृढ़ मॉडल भी तैयार कर सकते हैं, जो दूसरों के लिए सही मायनों में मिसाल बन सकते हैं। ये विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण मेक इन इंडिया कार्यक्रम के त्वरित कार्यान्वयन के लिए तकनीकी विशेषज्ञता भी प्रदान कर सकते हैं।

7. आप राजभवनों में भी कुछ पहल कर सकते हैं। राज भवनों को स्मार्ट राज भवनों में परिवर्तित कर सकते हैं। हमने ऑन – लाइन संवाद और संचार के लिए राष्ट्रपति भवन और राज भवनों के बीच “ई-वे” व्यवस्था का परिचालन शुरू किया है। आप इस सुविधा का पूरी तरह अवश्‍य उपयोग कीजिए। आप राज भवनों को प्रौद्योगिकी निष्‍पादक बनाने के लिए उनका डिजिटीकरण सुनिश्चित कर सकते हैं। आप राजभवनों को जनता के दर्शनार्थ खोल सकते हैं, जैसा कि हमने राष्‍ट्रपति भवन के लिए किया है।

8. मैंने ऐसे बहुत से राज भवनों को संरक्षित और बहाल करने की आवश्‍यकता की ओर पहले इंगित किया था, जिनका ढांचा धरोहर वाला है। राष्ट्पति भवन में हमने मानवीय, हाईटेक और धरोहर शहर बनाने का प्रयास किया है। हमारे सभी कार्यकलाप इन 3- एच के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए चाकचौबंद किए गए हैं। हमने हाल ही में ऊर्जा और जल के उपयोग तथा कचरा प्रबंधन को तर्कसंगत बनाते हुए के राष्ट्रपति की संपदा को एक स्मार्ट टाउनशिप में तब्दील करने की परियोजना शुरू की है। कमान और नियंत्रण प्रणाली के माध्यम से एकीकृत दृष्टिकोण से संसाधनों का उपयोग सर्वोत्तम तरीके से हो सकेगा और निवासियों को प्रभावी सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। आप अपने- अपने राजभवनों में इसी तरह के स्मार्ट टाउनशिप कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं।

9. आइये वर्ष 2016 को उन्नति और परिवर्तन का वर्ष बनाने के लिए हम अपना श्रेष्ठ योगदान दें। अंत में, आप तक पहुंच बनाने और अपने विचार साझा करने का अवसर प्रदान करने के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। अगले महीने होने वाले राज्यपालों के सम्मेलन में आपसे मुलाकात करने की प्रतीक्षा रहेगी, जहां हम महत्वपूर्ण मामलों पर विचार –विमर्श करेंगे।

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