34 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

वर्ल्‍ड ह्यूमन मिल्‍क डोनेशन डे पर नीओलैक्टा ने ब्रैस्ट मिल्क डोनर्स को ‘सुपरमॉम्स’ के खिताब से समानित किया

उत्तराखंड

देहरादून: भारत की एकमात्र आईएसओ 22000 और जीएमपी प्रमाणित मानव दुग्ध (ह्यूमन मिल्क) फैसिलिटी, नीओलैक्‍टा लाइफसाइंसेस का एक सप्ताह चले वाले कैम्‍पेन “सुपरमॉम्‍स : आवर ब्रेस्‍टफीडिंग हीरोज” (सुपरमॉम्स : हमारी स्तनपान कराने वाली हीरोज) सफलतापूर्वक समाप्त हो गया है। इस कैम्‍पेन का लक्ष्‍य था उन 30 माताओं के निस्‍वार्थ सम्मान और स्वीकृति प्रदान करना था, जिन्‍होंने ह्यूमन मिल्‍क के दान से प्रीमैच्‍योर (समय से पहले जन्म लेने वाले) और बीमार शिशुओं स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती में सहयोग देने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यह कैम्‍पेन 14 मई को मदर्स डे पर नीओलैक्‍टा के सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स में एक रोचक प्रतियोगिता और घोषणा के साथ शुरू हुआ था। मुख्‍य लक्ष्‍य था उन बेहतरीन माताओं को धन्‍यवाद देना, जिन्‍होंने उदारता दिखाते हुए अपना ब्रेस्‍ट मिल्‍क दान किया था, जिससे प्रीमैच्‍योर शिशुओं की जान बच पाई। इसके अलावा, कैम्‍पेन का लक्ष्‍य ज्‍यादा से ज्‍यादा माताओं को आगे आने और अपना अतिरिक्‍त ब्रेस्‍ट मिल्‍क दान करते हुए इस अच्‍छे काम में योगदान देने के लिये प्रोत्‍साहित करना भी था।

कैम्पेन के लॉन् पर नीओलैक्टा लाइफसाइंसेस के कंट्री जीएम, सुनील श्रीकाकुला ने कहा कि, “सुपरमॉम्‍स कैम्‍पेन दान करने वाली माताओं के असाधारण प्रयासों पर रोशनी डालेगा और ह्यूमन मिल्‍क के दान के महत्‍व पर जागरूकता बढ़ाएगा। हमारा दृढ़ विश्‍वास है कि इन असाधारण महिलाओं को उनके इस निस्‍वार्थ काम के लिये सम्मान और स्वीकृति मिलनी चाहिये। आगे हमारा लक्ष्य इस कैम्‍पेन को दूसरे राज्‍यों में पहुँचाना और पूरे साल इन दानकर्ता माताओं का लगार सम्मान और यशोगान करना है।”

सुपरमॉम्‍स कैम्‍पेन ने अपने संदेश को व्यापकता प्रदान करने और प्रीमैच्‍योर शिशुओं के लिये ह्यूमन मिल्‍क के जीवन-रक्षक फायदों पर जागरूकता पैदा करने के लिये डिजिटल मीडिया का व्यापक रूप से इस्‍तेमाल किया। इस कैंपेन का लक्ष्य दान करने वाली इन माताओं के प्रेरणादायक सफ़र के बारे में बताकर ज्‍यादा से ज्‍यादा माताओं को इस नेक कार्य में सक्रिय योगदान देने के लिये सशक्त और प्रेरित करना है।

भारत की अग्रणी ह्यूमन मिल्‍क फैसिलिटी नीओलैक्‍टा लाइफसाइंसेस ने “सुपरमॉम्‍स : आवर ब्रेस्‍टफीडिंग हीरोज” के माध्‍यम से एक बार फिर प्रीमैच्‍योर और बीमार शिशुओं को जरूरी पोषण और सहायता देने में ह्यूमन मिल्‍क के दान का महत्‍व बताया है। कंपनी देश भर में शिशुओं की जान बचाने और नवजात शिशुओं का सुख सुनिश्चित करने का अपना काम आगे बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध है।

ह्यूमन मिल्‍क नवजात शिशुओं के लिये पोषण का सबसे फायदेमंद स्रोत होता है, खासकर तय समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं के लिये, जिन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य की गंभीर परेशानियाँ होने का जोखिम ज्‍यादा रहता है। स्‍तन का दूध या ब्रेस्‍ट मिल्‍क पोषण का सबसे अच्‍छा स्रोत है और वह जरूरी न्‍यूट्रीयेंट्स, एंज़ाइम्‍स और एंटीबॉडीज देता है, जो प्रीमैच्‍योर शिशुओं को विभिन्‍न संक्रमणों से बचाते हैं। सेव बेबीज प्रोजेक्‍ट ऐसे प्रीमैच्‍योर शिशुओं को ब्रेस्‍ट मिल्‍क देने का एक मिशन है, जो वे अपनी माँ से नहीं ले पाते हैं। यह प्रोजेक्‍ट पूरी तरह से महिलाओं की उदारता पर टिका है, जो अपना ब्रेस्‍ट मिल्‍क दान करती हैं, जिसके बाद  उसे पाश्‍चराइज और जाँच करने के बाद सुरक्षित तरीके से स्‍टोर किया जाता है, ताकि वह पैथोजेन्‍स से मुक्‍त रहे और फिर भारत के एनआईसीयू में प्रीटर्म शिशुओं की जरूरतों के लिये प्रसंस्कृत किया जाता है।

नीओलैक्टा लाइफसाइंसेस के विषय में

नियोलैक्‍टा लाइफसाइंसेस इंडिया भारत की एकमात्र आईएसओ 22000 और जीएमपी-प्रमाणित ह्यूमन मिल्‍क फैसिलिटी है। यह भारत तथा एशिया की पहली कंपनी है, जिसने मानव दुग्ध (ह्यूमन मिल्क) के प्रसंस्‍करण के लिये एक अत्‍याधुनिक सुविधा केंद्र विकसित किया है। कंपनी केवल मानव दुग्ध से प्राप्‍त किये जाने वाले उत्‍पादों की अपनी श्रृंखला के माध्‍यम से मानव दुग्ध की सुलभता बेहतर बनाने के लिये प्रतिबद्ध है और मानव दुग्ध के यौगिकों के प्रसंस्‍करण, विकास तथा परीक्षण के लिये फार्मास्‍युटिकल-ग्रेड की एक फैसिलिटी संचालित करती है। अपनी अत्‍याधुनिक सुविधा केंद्र में कंपनी उत्‍पाद की सुरक्षा और गुणवत्‍ता का उच्‍चतम स्‍तर सुनिश्चित करने के लिये परिष्कृत एवं अभिनव प्रक्रियाएं अपनाती है। नीओलैक्‍टा लाइफसाइंसेस ने अनूठे पोषक समाधानों की पेशकश के लिये अपनी मालिकाना टेक्‍नोलॉजी विकसित की है, ताकि प्रीमैच्‍योर शिशुओं की विभिन्‍न आवश्‍यकताएं पूरी हो सकें।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More