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बीजापुर अतिथि गृह में उद्योग विभाग व उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ औद्योगिक निवेश बढ़ाने के संबंध में चर्चा करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: राज्य सरकार द्वारा एम.एस.एम.ई. व हाइड्रो पावर पाॅलिसी प्रदेश हित में बनायी गई है। राज्य के औद्योगिक संघ इन पाॅलिसीयों का लाभ उठाये। इन नीतियों को और बेहतर करने के लिए सभी के सुझावों का स्वागत है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार देर रात्रि बीजापुर अतिथि गृह में उद्योग विभाग व उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ औद्योगिक निवेश बढ़ाने के संबंध में चर्चा की।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उद्यमियों के अनुरूप एम.एस.एम.ई नीति तैयार की गई है, जिसका उद्यमी लाभ उठाये। पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए एम.एस.एम.ई. नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना जरूरी है। इसमें उद्योग संघ अहम भूमिका निभा सकते है। उद्योग संघ राज्य में निवेश के लिए अन्य उद्यमियों को भी आकर्षित करे। मुख्यमंत्री ने प्रबंध निदेशक सिडकुल को निर्देश दिये कि प्रदेश के ऐसे औद्योगिक आस्थान जो, बीमार है, उनको विकसित कर एम.एस.एम.ई के अन्तर्गत लाया जाय। इसके साथ ही जनपदों में भी उद्योग विभाग के अधीन जो औद्योगिक आस्थान है, उनका विकास भी सिडकुल करे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि एम.एस.एम.ई. की प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को गति देने में अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि एम.एस.एम.ई. के तहत उद्यमियों को भी सुविधाएं चाहिए, वह प्राथमिकता पर उपलब्ध करायी जाय। उद्यमियों के साथ शासन के वरिष्ठ अधिकारी व उद्योग विभाग महीने में एक बार अवश्य आपसी विचार-विमर्श करें। एक-दूसरे के अनुभव व सुझाव का आदान-प्रदान करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सब्सिडी व्यवस्था को भी और सरल व सुगम बनाया जाय। प्रयास किया जाय कि सब्सिडी की धनराशि उद्यमी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो जाय। सिंगल विडो सिस्टम को और प्रभावी बनाया जाय। प्रदेश में उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए उद्योग संघों के साथ नियमित संवाद कायम किया जाय। इसके लिए विभाग अलग से सेल बनाये, जिसमें प्रदेश में उद्योग के क्षेत्र में निवेश संबंधी सभी जानकारी उपलब्ध हो। इसमें हर्बल, फार्मा, आई.टी., हाईड्रो आदि क्षेत्रों में निवेश संबंधी सभी जानकारी उपलब्ध करायी जाय। पर्वतीय क्षेत्रो में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने वाले उद्यमियों को नीति के तहत पूरा सहयोग दिया जायेगा। पिछड़े क्षेत्र में स्कूल बनाने पर स्कूल बिल्डिंग का किराया सहित अन्य सुविधाएं दी जायेगी। औद्योगिक संस्थान कारपोरेट सोशल रिस्पाॅस्बिलिटी के तहत भी निवेश कर सकते है। इसके लिए सरकार नीति बना रही है, जिसमें पाॅलीटेक्निक, आई.टी.आई., हाई स्कूल, इंटर कालेज, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय व निजी क्षेत्र में स्कूल स्थापना आदि के विकल्प खुले रखे जायेंगे। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के गा्रमीण क्षेत्रो में रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराये जाय। इसके लिए रूरल बीपीओ कान्सेप्ट पर भी काम किया जा रहा है। इस क्षेत्र में उद्यमी आगे आ सकते है। सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई है। इसमें भी उद्योग संघ अपना सहयोग दे। इस पर इंडस्ट्री एसोसियेशन आॅफ उत्तराखण्ड द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा देव मार्ट योजना शुरू की जा रही है, जिसमें प्रयास किया गया है कि स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को राज्य सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जायेगा। योजना में स्वयं सहायता समूह को भी शामिल किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाइड्रो पावर पाॅलिसी तैयार की गई है। इसमें स्थानीय ग्राम पंचायतों को शामिल किया जायेगा। उन्होंने उद्यमियों से हाइड्रो पाॅलिसी का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपेक्षा की।
बैठक में मुख्य सचिव एन.रवि.शंकर, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री व सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मनीषा पंवार, प्रबंध निदेशक सिडकुल आर.राजेश कुमार, इंडस्ट्री एसोसियेशन आॅफ उत्तराखण्ड के पंकज गुप्ता, मनु कोचर, राकेश ओबराय, महेश शर्मा आदि उपस्थित थे।

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