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श्री एम. वेंकैया नायडू ने आईआईएमसी के छात्रों को डिप्‍लोमा प्रदान किए

देश-विदेश

नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि आईआईएमसी को विश्‍वविद्यालय में तब्‍दील करने की प्रक्रिया चल रही है। एक बार जब आईआईएमसी विश्‍वविद्यालय का रूप ले लेगा यह मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में व्‍यापक संभावनाओं तथा अंतर अनुशासनात्‍मक दृष्टिकोण उपलब्‍ध कराने वाला प्‍लेटफार्म बन जाएगा। यह संस्‍थान को आवश्‍यक संसाधन और उद्योग तथा शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती श्रम शक्ति की मांग को पूरा करेगा। श्री नायडू, आज यहां भारतीय संचार संस्‍थान (आईआईएमसी), नई दिल्‍ली में 49 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्‍होंने डिप्‍लोमा प्राप्‍त करने वाले  छात्रों से आग्रह किया कि वे सनसनी फैलाने वाली गतिविधियों से दूर रहें। उन्‍होंने कहा कि तथ्‍य को बिना बढ़ाए-चढ़ाए और बिना पूर्वाग्रह के उसके मूल रूप में पेश करना ही उन्‍हें सच्‍चा संदेशवाहक बनाएगा। श्री नायडू ने छात्रों से आग्रह किया कि वे रिपोर्टिंग करते वक्‍त पुराने मूल्‍यों की सुरक्षा करें और उन्‍हें सूचना का प्रयोग भ्रष्‍टाचार, गरीबी और अशिक्षा जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ने में करना चाहिए। मंत्री महोदय ने पेड न्‍यूज का जिक्र करते हुए कहा कि उन्‍हें इस तरह के किसी अनैतिक दबाव में नहीं आना चाहिए और चौथे स्‍तंभ के  सिपाही के रूप  में  पत्रकारिता के उच्‍च मानदंडों को बनाए रखना चाहिए।

संचार के क्षेत्र में डिजिटल और सोशल मीडिया की बढ़ती भूमिका पर जोर देते हुए श्री नायडू ने कहा कि सोशल मीडिया ने संचार के प्रवाह का रास्‍ता बदल दिया है। लाखों लोग भौगोलिक और सांस्‍कृतिक स्थितियों से परे संवाद कर रहे हैं जिसने वास्‍तव में दुनिया को ‘वैश्विक गांव’ में तब्‍दील कर दिया है। उन्‍होंने  आगे कहा कि वास्‍तविक समय में सूचना के साझा करने से तत्‍काल प्रतिक्रिया और फीडबैक प्राप्‍त  होती है। इस कारण डिजिटल मीडिया हमारे सामने अपार अवसर और चुनौतियां दोनों पेश करता है। वैसे सक्रिय युवा नेटिजनों को, जो समस्‍या का तुरंत समाधान की उम्‍मीद के लिए व्‍यग्र रहते हैं के लिए सोशल मीडिया सूचना प्रसार का एक महत्‍वपूर्ण प्‍लेटफार्म प्रदान करता है। आज संचार एकमार्गीय नहीं रहा बल्कि यह संवादमूलक बन गया है। लोग किसी के कहने पर विश्‍वास नहीं कर रहे। पहले लोग जिन मुद्दों पर निष्क्रिय थे उनपर अब वे सवाल उठा रहे हैं, उनका विश्‍लेषण कर रहे हैं और जवाब दे रहे हैं। वे सरकार और उद्योग के सर्वोच्‍च नेताओं से पारदर्शिता, जवाबदेही और अपनी शिकायतों के निवारण की मांग कर रहे हैं।

मीडिया उपभोक्‍ताओं के बदलते स्‍वरूप की चर्चा करते हुए श्री नायडू ने कहा कि भारतीय भाषाओं ने इंटरनेट और मोबाइल आधारित प्रौद्योगिकी पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला है जो मिसाल के तौर पर एक  बहुत ही महत्‍वपूर्ण बदलाव है और जिसने सही ही नीति निर्माताओं का ध्‍यान मीडिया उद्योग में स्किल इंडिया पर विचार करते वक्‍त  अपनी ओर आकृष्‍ट किया है। उन्‍होंने आगे कहा कि मीडिया के रणनीतिकारों और योजना बनाने वालों को अलग-अलग श्रोताओं के लिए अभियान बनाते वक्‍त क्षेत्रीय मीडिया के महत्‍व को ध्‍यान में रखने की जरूरत है। श्री नायडू ने कहा कि सरकार की डिजिटल इंडिया पहल ने नए मीडिया के विकास को एनीमेशन, वीएफएक्‍स  गेमिंग और डिजिटल विज्ञापन के साथ-साथ सोशल नेटवर्किंग और इंटरनेट के क्षेत्र में काफी बढ़ावा दिया है।

 

 पत्रकारिता, मीडिया और संचार शिक्षा प्रशिक्षण और शोध के  क्षेत्र में वैश्विक स्‍तर पर आईआईएमसी  विशेष रूप से जाना जाता है। पिछले छह वर्षों में देश के विभिन्‍न क्षेत्रों में आईआईएमसी ने अपने चार शाखाएं शुरू की है। ये शाखाएं मिजोरम के आईजल, जम्‍मू कश्‍मीर के जम्‍मू, महाराष्‍ट्र के अमरावती और केरल के कोयट्टम में शुरू की गई हैं। छह केंद्रों के 341 छात्रों को इस समारोह में पीजी डिप्‍लोमा प्रदान किया गया। छात्रों को  विभिन्‍न  पाठ्यक्रमों में डिप्‍लोमा प्रदान किए गए। इनमें अंग्रेजी पत्रकारिता में 144, हिन्‍दी पत्रकारिता में 60, विज्ञापन एवं जन संपर्क में 72, रेडियो एवं टीवी पत्रकारिता में 44 तथा उर्दू पत्रकारिता में आठ छात्र शामिल हैं। ऑनलाइन छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आईआईएमसी ने सामुदायिक रेडियो  सहित कई अल्‍पकालीन पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है।

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