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टीम्स में आठ भारतीय भाषाओं के लिए सपोर्ट बढ़ाएगा माइक्रोसॉफ्ट

उत्तराखंड

देहरादून: कार्यस्थल पर संचार एवं सहयोग को ज्यादा आसान बनाने, तथा स्थानीय भाषाओं में काम करना पसंद करने वाले कर्मचारियों के सशक्तिकरण हेतु किए जा रहे अपने प्रयासों के एक हिस्से के रूप में माइक्रोसॉफ्ट ने अपने टीम-वर्क हब, यानी कि टीम्स में आठ भारतीय भाषाओं के लिए सपोर्ट का विस्तार किया है। डेस्कटॉप और वेब पर टीम्स में हिंदी को प्रबल तरीके से सपोर्ट दिया गया है, जबकि एप्लिकेशन के मोबाइल वर्जन को 8 भारतीय भाषाओं- अर्थात् हिंदी, बंगाली, तेलुगु, तमिल, मराठी, गुजराती, कन्नड़ और मलयालम में स्थानीयकृत किया गया है।

वर्ष 1998 में भारत में प्रोजेक्ट भाषा के शुभारंभ के बाद से ही माइक्रोसॉफ्ट भारतीय भाषाओं में प्रौद्योगिकी के विकास के मामले में सबसे आगे रहा है। भारतीय भाषाओं के क्षेत्र में इसका सहयोग उत्पादकता से कहीं अधिक है, और अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से इसे और भी बढ़ाया गया है। कंप्यूटिंग के फायदे को जन-जन तक पहुंचाने तथा इसे भाषा-अज्ञेय बनाने के लिए कंपनी अपने प्रयासों में सहभागिता पर विशेष ध्यान दे रही है।

मोबाइल उपकरणों पर आठ भारतीय भाषाओं में टीम्स के समर्थन के दायरे को बढ़ाते हुए, माइक्रोसॉफ्ट उपयोगकर्ताओं की बड़ी संख्या को लाभान्वित करने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, जिसमें पहली पंक्ति के कर्मचारी भी शामिल हैं। इस नई प्रगति से टीम-वर्क के हब के रूप में टीम्स को और मजबूती मिलेगी, जो लोगों को एकजुट करने के अलावा संबद्धता एवं समावेशन की संस्कृति को बढ़ावा देता है।

माइक्रोसॉफ्ट टीम्स का उपयोग करने वाले संगठन, अलग-अलग तरह के कई ऐप्स के उपयोग से बच सकते हैं, तथा चैट, मीटिंग, कॉलिंग और कंटेंट शेयरिंग जैसी विभिन्न प्रक्रियाओं को समेकित करने वाले इस एकल एवं सुरक्षित हब का लाभ उठा सकते हैं। टीम्स को ऑफिस 365 ऐप्स के साथ एकीकृत किया गया है, जबकि उपयोगकर्ता किसी भी थर्ड-पार्टी ऐप्स, प्रक्रियाओं और उपकरणों के साथ अपने अनुभव को अनुकूलित और विस्तारित भी कर सकते हैं।

डेस्कटॉप और वेब पर टीम्स

टीम्स डेस्कटॉप पर सक्रिय सभी भारतीय भाषाओं के लिए बेहद सहज तरीके से टेक्स्ट इनपुट सहायता प्रदान करती है, तथा जब उपयोगकर्ता को लगता है कि अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए केवल शब्द पर्याप्त नहीं हैं, तो वह अपनी भाषा में उपलब्ध विभिन्न रोचक स्टिकर्स का फायदा उठा सकता है। इस प्रकार की ज्यादातर सुविधाएं हिंदी अनुवाद के साथ उपलब्ध हैं, लेकिन अगर उपयोगकर्ता इसमें अपनी रचनात्मकता की झलक दिखाना चाहता है तो वह इसे एडिट भी कर सकता है। श्दे तालीश् जैसे स्टिकर आज की सोशल मीडिया पीढ़ी के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं, तथा बातचीत को अनौपचारिक एवं दिलचस्प बनाते हैं।

भारतीय भाषाओं के उपयोगकर्ताओं को टीम्स का लोकलाइज्ड हिंदी इंटरफेस बेहद उपयोगी लगेगा तथा सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए इसे समझना काफी आसान होगा। तुलनात्मक रूप से हिंदी के सरल एवं लोकप्रिय शब्दों का उपयोग करना ही लोकलाइजेशन के संदर्भ में माइक्रोसॉफ्ट का दृष्टिकोण रहा है।

एआई-संचालित सुविधाओं की बात की जाए तो, माइक्रोसॉफ्ट ने टीम्स चैट में वास्तविक समय में पंक्तिबद्ध तरीके से अनुवाद की सुविधा को शामिल किया है, जहां टेक्स्ट का अनुवाद हिंदी एवं अंग्रेजी सहित दुनिया भर की भाषाओं में किया जा सकता है। श्इमर्सिव रीडरश् के लिए हिंदी भाषा में समर्थन इसकी एक और महत्त्वपूर्ण विशेषता है, जो इस एप्लीकेशन का बेहद लोकप्रिय एक्सेसिबिलिटी फीचर है। इसके बाद, टीम्स हिंदी में प्राप्त संदेशों को पढ़ने में भी सक्षम है।

मोबाइल उपकरणों पर टीम्स

उपयोगकर्ता IOS और एंड्रॉइड में ऑपरेटिंग सिस्टम की डिफॉल्ट भाषा को सेट करके, IOS और ऑपरेटिंग सिस्टम में टीम्स के यूजर इंटरफेस को बदल सकते हैं। इससे लोकलाइज्ड UI उपलब्ध होगा, परंतु इसके लिए चयनित भाषा आठ भारतीय भाषाओं, यानी कि हिंदी, बंगाली, तेलुगु, तमिल, मराठी, गुजराती, कन्नड़ और मलयालम में से एक होनी चाहिए। मोबाइल उपकरणों में टीम्स पर नजर आने वाली भाषा, IOS या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम की डिफॉल्ट भाषा के आधार पर निर्धारित होती है। हालांकि टेक्स्ट इनपुट केवल इन भाषाओं तक सीमित नहीं है, क्योंकि उपयोगकर्ता ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा समर्थित अपनी किसी भी पसंदीदा भाषा में टाइप कर सकता !

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