देहरादून: प्रदेश के उच्च शिक्षा डाॅ0 धन सिंह रावत ने विधान सभा सभाकक्ष में उच्च शिक्षा विभाग के डिग्री काॅलेजों में प्रवेश के सम्बन्ध में आने वाली समस्याओं के सम्बन्ध में बैठक की। इस बैठक में कुलपति एवं प्राचार्य उपस्थित थे।
बैठक में कहा गया कि सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा के उद्देश्य से नियम बनाये जायंेगा। किसी को शिक्षा से वंचित नहीं रखा जायेगा। प्रवेश सम्बन्धी समस्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि परास्नातक स्तर पर जहाँ भी आवश्यकता होगी 5 से 10 प्रतिशत सीटों की वृद्धि की जायेगी। स्नातक स्तर पर 20 से 40 प्रतिशत सीटों की वृद्धि की जायेगी। पढ़ाई के लिए स्वपोषित एवं संध्याकालीन जैसे विकल्पों पर भी विचार किया जायेगा। टीचरों के रिक्त पदों के सम्बन्ध में कहा गया कि आयोग द्वारा असिस्टेंड प्रोफेसर मिलने तक, संविदा एवं अंशकालिक शिक्षक पढ़ायेंगे।
बैठक में कहा गया जिन महाविद्यालयों में निर्धारित सीटों के अनुपात में सीटें खाली हैं, वहाँ आॅफलाइन प्रवेश की व्यवस्था की जायेगी। इस वर्ष 95 प्रतिशत छात्रों का आॅनलाइन प्रवेश हुआ है। पहली बार सत्र का नियमन हुआ है।
मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जिसने लिंगदोह सिफारिशों में संशोधन किया है। पूरे राज्य में एक दिन के भीतर चुनाव करा लिये जायेंगे। पूरे सत्र, 180 दिन पढ़ाई की व्यवस्था होगी।
इस अवसर पर सचिव उच्च शिक्षा अशोक कुमार, संयुक्त निदेशक डाॅ.जे.सी. घिल्डियाल, कुलपति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय, यू.एस.रावत, कुलपति कुमाऊ विश्वविद्यालय डी. के. नौरियाल, सी.ओ.ई. कुमाऊ विश्वविद्यालय संजय पन्त, सी.ओ.ई. उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय डाॅ. पी.डी.पन्त एवं महाविद्यालयों के प्राचार्य मौजूद थे।