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केवीआईसी की पहल – अध्यक्ष ने कर्नाटक के मलावल्ली में 300 मधुमक्खी-बक्से वितरित किए

देश-विदेश

प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार 18 से 21 जनवरी 2023 तक कर्नाटक के चार दिन के दौरे पर हैं। इस क्षेत्र में अपनी पहली यात्रा के दौरान उन्होंने पहले दिन केवीआईसी द्वारा लागू “हनी मिशन” कार्यक्रम के अंतर्गत उपकरण और मधुमक्खी कालोनियों सहित 300 मधुमक्खी बक्से वितरित किये  और ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत कुम्हार के काम में लगे लोगों के कौशल उन्नयन के लिए इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मलावल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में 40 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया।

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श्री मनोज कुमार ने इस अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए  कहा कि केवीआईसी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने के प्रयास में अपनी विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं, विशेषकर गांवों और पर्वतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इससे लाखों सूत कातने वाले लोग आत्मसम्मान के साथ  चरखे पर कताई कर रहे हैं और अपने  परिवार की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं। इससे उनमें  आत्मनिर्भर बढ़ रही है।

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केवीआईसी के अध्यक्ष ने यह भी दोहराया कि केवीआईसी अपने अनेक प्रयासों के माध्यम से देश में अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करने में योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन में प्रशिक्षित लाभार्थियों  को मधुमक्खी बक्से, मशीन तथा और मधुमक्खी कॉलोनी के वितरण से रोजगार के नए साधन विकसित होंगे।

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उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लघु एवं मध्यम उद्योग को प्रारंभ करके और नौकरी चाहने वालों की जगह ‘नौकरी प्रदाता’ बनने के विजन पर जोर दिया।

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श्री मनोज कुमार ने देश में पीएमईजीपी इकाइयों के माध्यम से उद्यम स्थापित करने के बारे में विवरण साझा किया। उन्होंने कहा कि मेन्यूफैक्चरिंग उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा मेन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के अंतर्गत इकाई लगाने की अधिकतम लागत भी 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। इससे पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत नए उद्यम स्थापित करने को प्रोत्साहन मिलेगा।

केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि मलावल्ली और देश के अन्य भागों जैसे क्षेत्रों में परियोजना आरई-एचएबी लागू की गई है और मधुमक्खी के छत्ते हाथियों के नियमित मार्गों पर रखे गए हैं ताकि यह फ्लडगेट के रूप में कार्य करे और हाथियों के हमलों के कारण होने वाली मानव मृत्यु को रोके। इसके सफल परिणाम मिले हैं।

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उन्होंने कहा कि केवीआईसी ने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान कर्नाटक में “हनी मिशन” कार्यक्रम के तहत 80 मधुमक्खी पालकों को 800 मधुमक्खी-बक्से, उपकरण तथा मधुमक्खी कालोनियों का वितरण किया है। इसके अतिरिक्त केवीआईसी ने “कुम्हार सशक्तीकरण योजना” के अंतर्गत कुम्हारों को 100 इलेक्ट्रिक व्हील और चमड़ा उद्योग कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित चमड़ा कारखाना कारीगरों को 201 टूल किट वितरित किए। पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत 5864 इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनके माध्यम से 46,912 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए और लगभग 157.74 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है।

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