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प्रधानमंत्री 29 जून, 2017 को राजकोट सामाजिक अधिकारिता शिविर में सबसे अधिक संख्‍या में दिव्‍यांगजनों को सम्‍मानित करेंगे

देश-विदेश

भारत सरकार के सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्‍यांगजन अधिकारिता विभाग द्वारा दिव्‍यांगजनों को सहायक उपकरण बांटने के लिए गुजरात के राजकोट में अब तक का सबसे बड़ा सामाजिक अधिकारिता शिविर आयोजित किया जाएगा। यह शिविर विभाग के सार्वजनिक प्रतिष्‍ठान एलिम्‍को, कानपुर के माध्‍यम से आयोजित किया जा रहा है। राजकोट के रेसकोर्स मैदान में यह शिविर लगेगा जहां प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी, गुजरात के मुख्‍यमंत्री श्री विजय रूपाणी तथा केन्‍द्रीय सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत की उपस्थित में भारत सरकार की एडीआईपी योजना के अंतर्गत दिव्‍यांगजनों को उनकी सहायता के लिए सहायक उपकरण बांटे जाएंगे। समारोह में सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता राज्‍य मंत्री श्री रामदास अठावले, श्री कृष्‍ण पाल गुर्जर, श्री विजय सांपला के अतिरिक्‍त गुजरात के सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता, महिला और बाल विकास मंत्री श्री आत्‍माराम परमार, संसद सदस्‍य श्री मोहनभाई कुंडरिया तथा अन्‍य गणमान्‍य अतिथि उपस्थित रहेंगे।

यह शिविर भारत सरकार की एडीआईपी योजना के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है। यह योजना 1981 से प्रचालित है और इसे 1 अप्रैल, 2014 से संशोधित किया गया। इस योजना का मुख्‍य उद्देश्‍य दिव्‍यांगजनों को नवीनतम आधुनिक उपकरण, विशेष रूप से भारत कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्‍को) द्वारा निर्मित उपकरण और राष्‍ट्रीय संस्‍थानों, जिला दिव्‍यांगता पुनर्वास केन्‍द्रों, राज्‍य दिव्‍यांजन विकास निगम तथा अन्‍य स्‍थानीय निकायों और स्‍वयंसेवी संगठनों द्वारा वितरित उपकरण प्रदान करना है। दिव्‍यांजनों को यह उपकरण उनके शारीरिक, सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक पुनर्वास को प्रोत्‍साहित करने के लिए दिये जाते हैं। राजकोट शिविर में 18430 लाभार्थी शामिल होंगे और लाभार्थियों की संख्‍या की दृष्टि से देश के इतिहास में यह सबसे बड़ा शिविर होगा। भारत सरकार के दिव्‍यांजन अधिकारिता विभाग द्वारा इस तरह के शिविर पहले वाराणसी, नौसारी तथा बड़ोदरा में आयोजित किए गए थे जिसमें क्रमश: 10,000, 11,000 और 8000 हजार ला‍भार्थियों को सहायता दी गई थी।

एडीआईपी योजना लागू करने वाली प्रमुख ऐजेंसी एल्मिको है। एल्मिको ने राजकोट जिले में रहने वाले दिव्‍यांगजनों के शिविरों का आकलन किया है। यह आकलन दिव्‍यांगजनों की अधिकतम आबादी विशेषकर दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्र की आबादी पर बल देने के साथ किया गया है। यह आकलन राजकोट जिला प्रशासन की सहायता से दो चरणों में किए गए। पहले चरण में 15 मई, 2017 से 21 मई, 2017 तथा दूसरे चरण में 12 जून, 2017 से 18 जून, 2017 तक आकलन किए गए।

आकलन शिविरों में कुल 18403 लाभार्थी विशाल शिविर के लिए चिन्हित किए गए हैं। इसमें से 10100 लाभार्थियों का आकलन एल्मिको द्वारा किया गया है इन्‍हें भारत सरकार की एडीआईपी योजना के अंतर्गत 5.60 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर 14828 उपकरण दिए जायेंगे। बौद्धिक रूप से दिव्‍यांजनों की अधिकारिता के लिए राष्‍ट्रीय संस्‍थान एनआईईपीआईडी, सिंकदराबाद द्वारा 5330 ला‍भार्थियों की पहचान की गई है और उन्‍हें टीएलएम किट बांटे जाएंगे, विभिन्‍न उपकरणों के वितरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा 3000 लाभार्थियों को चिन्हित किया गया है।

वितरित किए जाने वाले उपकरणों में दैनिक जीवन में उपयोगी पैदल चलने वाली स्टिक, व्हीलचेयर, तिपहिया साइकिल, सुनने की मशीन आदि परंपरागत उपकरणों के साथ शिक्षा, प्रशिक्षण, सूचना प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रदान करने और उच्च किस्‍म के उपकरण भी शामिल हैं।

शिविर में वितरित किए जाने वाले सहायक प्रमुख उपकरण निम्‍नलिखित हैं:

· बैटरीचालित तिपाहिया मोटरसाइकिल

· कृत्रिम अंग

· सीपी (सेरेब्रल पाल्सी) रोगियों के लिए विशेष कुर्सी

· डायसी प्लेयर जैसी शिक्षा / आधुनिक गैजेट

· स्क्रीन रीडिंग के साथ स्मार्ट फोन

· कम दृष्टि / दृष्टिबाधित के लिए सॉफ्टवेयर

· बौद्धिक दिव्‍यांजनों के लिए किट

· सुनने की बीटीई डिजिटल मशीन

शिविर के एक दिन पहले एक स्‍थान पर साइन लैंगवेज लेसन में 1500 लोग भाग लेकर गिनीज वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बनायेंगे।

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