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खादी ग्रामोद्योग विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का समापन कार्यक्रम सम्पन्न

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नितिन अग्रवाल, राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार, निर्यात प्रोत्साहन के कर कमलों से खादी ग्रामोद्योग द्वारा राजकीय इण्टर कालेज, निशातगंज, लखनऊ में लगी प्रदर्शनी का समापन अपरान्ह में श्री आर.एस. पाण्डेय, राज्य निदेशक, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, लखनऊ की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।

इस अवसर पर श्री अग्रवाल ने प्रदर्शनी में लगे 94 स्टालों का अवलोकन किया गया । उन्होने उद्यमियों एवं प्रदर्शनी में उपलब्ध खादी, ग्रामोद्योग व हस्तशिल्प  उत्पादों की प्रशंसा की तथा उद्यमियों का उत्साहवर्धन किया।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पी.एम.ई.जी.पी.) के अन्तर्गत वित्त पोषित उद्यमियों के द्वारा उत्पादित माल की बिक्री को बढ़ावा देने और उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में सूक्ष्म उद्यमियों को विपणन सहायता प्रदान करने के लिए 15 नवम्बर से 24 नवम्बर तक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन श्री कलराज मिश्र, केन्द्रीय मंत्री, सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्रालय एवं श्री ब्रहमा शंकर त्रिपाठी, खादी ग्रामोद्योग मंत्री के कर कमलों द्वारा गत 15 नवम्बर को किया गया था।
कार्यक्रम में श्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम छोटे उद्योग लगाकर वहाॅं के हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को आत्म-निर्भर बनाना उत्तर प्रदेश शासन की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री द्वारा इस पर स्वयं विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होने उत्तर प्रदेश में ग्रामीण औद्योगिकीकरण सुनिश्चित करने हेतु उत्तर प्रदेश शासन द्वारा हर संभव प्रयास किये जाने का भरोसा दिलाया।
श्री नितिन अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि पी.एम.ई.जी.पी. (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ) योजना भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना है, जिसका क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश राज्य में 03 अभिकरणों जिला उद्योग केन्द्र (40ः), उ0प्र0 खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड (30ः), और खादी और ग्रामोद्योग आयोग (30ः), द्वारा वर्ष 2008-09 से किया जा रहा है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2008-09 से 2014-15 तक 30708 सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना की जा चुकी है और लगभग 3 लाख 09 हजार लोगों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत रोजगार प्रदान किया जा चुका है। इन वर्षों में भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य में पी.एम.ई.जी.पी. योजना के तहत 985.83 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 2015-16 के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ( पी.एम.ई.जी.पी.) के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य में 6667 इकाईयों की स्थापना का लक्ष्याॅंक आवंटन किया गया है, जिसके लिए 143.00 करोड़ रुपये मार्जिन मनी सब्सिडी जारी की है। इस वित्तीय वर्ष में पी.एम.ई.जी.पी. योजना के अन्तर्गत 54000 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जायेंगे। आंचलिक पी.एम.ई.जी.पी. प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त राजस्थान, जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश, उत्तरांचल, मध्य प्रदेश एवं बिहार के खादी और ग्रामोद्योगी सेक्टर की संस्थाओं/उद्यमियों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री की। प्रदर्शनी में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत विभाग, कयर बोर्ड व एम.एस.एम.ई. विकास संस्थान, कानपुर द्वारा उनके विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई तथा कयर बोर्ड ने नारियल रेशा से उत्पादित माल की बिक्री व प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर श्री आर.एस. पाण्डेय, राज्य निदेशक, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, लखनऊ द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत स्पाइसेज बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय, बाराबंकी द्वारा प्रदर्शनी में स्टाल लगाकर उत्पादों एवं योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई। केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान, मैसूर द्वारा प्रदर्शनी में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को स्थापित करने तथा तकनीकी मार्ग-दर्शन प्रदान किया गया। भावी उद्यमियों को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने के लिए, भावी उद्यमियों की जिज्ञासा समाधान एवं एक ही स्थान पर योजना का ज्ञान, तकनीकी सहयोग, आर्थिक सम्भाव्यता, मशीनों की आवश्यकता एवं परियोजना लागत इत्यादि से संबंधित ज्ञान व विवरण प्रदान करने के लिए समाधान एन.जी.ओ. के साथ इन्टरप्रेन्यौर हब की स्थापना कर बेरोजगारों व स्व उद्यमियों को जानकारी उपलब्ध कराई गई।
प्रदर्शनी परिसर में खादी कताई, बुनाई, अगरबत्ती, पाटरी व हाथ कागज उद्योग की वस्तुओं तथा पारदर्शी हर्बल साबुन के निर्माण का जीवन्त प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में खादी की बिक्री 59.76 लाख रुपये, ग्रामोद्योग की बिक्री 47.10 लाख रुपये तथा हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री 9.36 लाख रुपये कुल बिक्री 116.22 लाख रुपये की हुई। प्रदर्शनी में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे- लोक नृत्य, खादी फैशन शो, भजन संध्या आदि का भी आयोजन किया गया।

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