36 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा भारत का बढ़ता ऊर्जा क्षेत्र विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि भारत का उभरता ऊर्जा क्षेत्र विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। ब्लूमबर्ग एनईएफ नई दिल्ली समिट में आज उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र को सॉवरेन वेल्थ फंड्स, पेंशन निधि, पश्चिमी, एशियाई और मध्य एशियाई देशों के लंबी अवधि वाले रणनीतिक निवेशकों से लगातार फंडिंग प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था के 7% से ज्यादा की दर से बढ़ने का अनुमान है, यह और फंडिंग को आकर्षित करेगा। कई कंपनियों ने ओवरसीज बांड बाजार के जरिये फंडिंग को सफलतापूर्वक बढ़ाया है और आगे चलकर फंडिंग के इस रास्ते के कई गुना बढ़ने की संभावना है।’

उन्होंने कहा, भारत के उभरते क्षेत्रों को महत्व देते हुए सरकार ने उन पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। ईएंडपी के पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने और व्यापार के अनुकूल माहौल बनाने के लिए कई परिवर्तनकारी नीतिगत सुधार किए गए हैं। इससे ज्यादा निवेश के लिए सुगमता होगी तथा घरेलू तेल एवं गैस उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। श्री प्रधान ने कहा, ‘घरेलू तेल एवं गैस उत्पादन को बढ़ाने के लिए किए गए महत्वपूर्ण नीतिगत सुधारों में एक जैसी लाइसेंस नीति, ऑपरेटरों को विपणन एवं कीमतों के निर्धारण की स्वतंत्रता, फैसला लेने के लिए निवेशकों को व्यापक डाटा की उपलब्धता और उत्पादन वृद्धि पर जोर देने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन शामिल हैं।’

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक चमकदार स्थान बना हुआ है। मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था और सहायक नीतिगत माहौल के साथ सरकार समग्र, समावेशी और सतत आर्थिक विकास हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।  भारत इस वर्ष 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और उसका उद्देश्य निकट भविष्य में 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल करना है। इसे हासिल करने के लिए भारत को सुरक्षित, सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा की जरूरत है, ताकि सतत उच्च वृद्धि हासिल की जा सके और 130 करोड़ लोगों को ऊर्जा तक पहुंच उपलब्ध कराई जा सके। इसलिए हमारे लिए यह जरूरी है कि हम ऊर्जा के प्रत्येक स्रोत का दोहन करें। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ‘विकास के लिए पर्यावरण के अनुकूल रास्ते पर आगे बढ़ते हुए हमने हाइड्रोजन सेक्टर के कायापलट के लिए कई उपाय किए हैं ताकि देश में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

ऊर्जा परिदृश्य के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। यह स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी के लिए रास्ता बना रहा है। श्री प्रधान ने कहा, ‘स्थायी तरीके से सभी को ऊर्जा उपलब्ध कराने के अभियान के तहत हमारी सरकार ने एक बड़ा दायित्व उठाया है। सरकार ने उत्सर्जन को वर्ष 2005 के स्तर से जीडीपी के 33-35% तक कम करने की वैश्विक प्रतिबद्धता जाहिर की है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत जो मुख्य रणनीति अपनाने की योजना बना रहा है उसमें वर्ष 2030 तक गैर-जीवश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से 40% विद्युत उत्पादन की क्षमता हासिल करना है।’

अपनी खपत और ग्रिड को होने वाली आपूर्ति के लिए अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्टों के विकास में निवेश करने के लिए तेल एवं गैस कंपनियों की सराहना करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल पंप डीलरों को सौर छत लगाने के लिए सुलभ कर्ज और सब्सिडी दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘यह अक्षय ऊर्जा के साथ गैस पॉवर प्लांट से मिलकर बनी बिजली जैसे विकल्पों की बिक्री पर विचार करने का उपयुक्त समय है।’

श्री प्रधान ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा के लिए प्रतिबद्ध है। यह महज बिजली से आगे की बात है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने लाखों गरीबों के घरों तक स्वच्छ कुकिंग गैस की पहुंच सुनिश्चित कर उनके जीवन में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने कहा, ‘उज्जवला योजना के तहत अब तक 7.5 करोड़ से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। इससे भारत में लगभग 95% तक एलपीजी पहुंची है। यह मई 2014 में 56% थी। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने लाखों महिलाओं और बच्चों का धुंए वाले रसोईघर से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से बचाव किया है।’

सिटी गैस नेटवर्क के मुद्दे पर श्री प्रधान ने कहा कि वर्ष 2014 में महज 20% आबादी ही इसके दायरे में थी लेकिन 10वें सीजीडी बिड राउंड की सफलता के साथ ही सीजीडी नेटवर्क का आबादी के 70% हिस्से तक विस्तार होगा। सीजीडी 228 भौगोलिक क्षेत्रों तक उपलब्ध है। इसमें 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 402 जिले आते हैं। यह देश का 53% हिस्सा है। हाल ही में संपन्न हुए नौंवे और 10वें सीजीडी राउंड के लिए एक लाख 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज हमारी अधिकतर रिफाइनरियां बड़े शहरी क्लस्टर के आसपास हैं और अच्छे कार्पोरेट सिटीजंस की तरह उनका ध्यान एक तरफ केंद्रित है। सभी अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वच्छ प्राकृतिक गैस की ओर जा रही हैं। इसके अलावा सरकार ने भारी कॉमर्शियल वाहनों के लिए पहले से ही ईंधन दक्षता मानदंडों को लागू कर रखा है। श्री प्रधान ने कहा, ‘प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए हम गैस आधारित परिवहन उपायों की ओर देख रहे हैं। हम पहली अप्रैल 2020 से बीएस-6 ईंधन पर जा रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नई दिल्ली में पिछले वर्ष अप्रैल महीने से ही बीएस-6 ईंधन की शुरुआत हो चुकी है। हम परिवहन क्षेत्र में सीएनजी, बायो-सीएनजी और एलएनजी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं। हम बायो-रिफाइनरियों की स्थापना कर रहे हैं और एथेनॉल के नए स्रोतों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। एथेनॉल मिश्रित कार्यक्रम तेल विपणन कंपनियों को 10% मिश्रित पेट्रोल की बिक्री करने में सक्षम बनाएगा।’

बायो-डीजल कार्यक्रम पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि हम जल्द ही देश भर में 5%बायो डीजल मिश्रित डीजल की बिक्री के लक्ष्य को हासिल करने की शुरुआत कर सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम ईवी को प्रोत्साहित कर रहे हैं। लेकिन यह एक समग्र और एकीकृत योजना होगी। मैंने अपने हाल के बयानों में कहा है कि हमारी ऊर्जा नीति में सभी प्रकार के परिवहन जो स्वच्छ और किफायती होंगे, उन पर विचार किया जाएगा।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमें पता है कि कुछ मामलों में निवेशकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जहां राज्य सरकारें कुछ निष्पादित अनुबंधों में फिर से वार्ता करने की कोशिश कर रही हैं। हमारी सरकार ने राज्य सरकारों से उनके फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है। यह न सिर्फ संबंधित राज्य अथवा पूरे देश में भविष्य में होने वाले निवेश को खतरे में डाल सकता है।’

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More